6 प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते
आपने शायद ज़िन्दगी में कभी न कभी एंटीबायोटिक्स ली है। 20 वीं शताब्दी से ये दवा क्षेत्र में क्रांति कर रही हैं और संक्रमण से लड़ने में लगी हैं।
हालांकि हर किसी में पेनिसिलिन की जरूरत नहीं है। दूसरे प्राकृतिक विकल्प भी हैं जो संक्रमित क्षेत्र में ठीक वैसे ही काम करती हैं।
मानव जाति की शुरुआत से ही प्राकृतिक पदार्थों और पौधों का उपयोग संक्रमणों से लड़ने में किया जाता रहा है। हालांकि वर्तमान में हमने इन एंटीबायोटिक्स को रासायनिक प्रक्रियाओं के हवाले कर दिया है जो उनके गुणों के कुछ हिस्सों को ख़त्म कर देते हैं।
इसके अलावा, एंटीबैक्टीरियल पदार्थों के गलत उपयोग से उन कोशिकाओं का विकास हुआ है जो उनके लिए प्रतिरोधी हो जाती हैं। इस वजह से एक हेल्दी लाइफस्टाइल को आगे बढ़ाने और साइड इफेक्ट को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
सबसे अच्छा इलाजों में से एक है, औषधीय पौधों के फायदों का उपयोग करके प्राकृतिक रूप से इम्यून सिस्टम को मजबूत करना है। यह आपके शरीर में कीटाणुओं की मात्रा को कम करता है और वायरस और बैक्टीरिया से बचाव भी करता है।
सेल्फमेडिकेशन, हाई-डोज और रुक-रुक कर ली गयी दवाओं की बात छोड़ दें जो समस्या को बदतर कर रहा है। निम्नलिखित इलाजों के बारे में जानें और जो आपको सबसे अच्छा लगे उसे चुनें।
1. एलोवेरा जेल, शहद और नींबू से बना एंटीबायोटिक्स
सबसे प्रभावी नेचुरल एंटीसेप्टिक्स में से एक एलोवेरा लिसिलिक एसिड और मैग्नीशियम लैक्टेट की ऊँची मात्रा की बदौलत दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
यह एक बेहतरीन ट्रॉपिकल इलाज है क्योंकि यह त्वचा को ठीक करता है और उसे पुनर्जीवित करता है। एलोवेरा का गूदा जुकाम और खुजली वाले गले का इलाज करने में मदद करता है।
शहद में डिफेंसिन -1 नाम का प्रोटीन होता है जो बैक्टीरिया को मारता है।
नींबू एक एक्स्पेक्तोरेंट और एंटीवायरल है जो कंजेशन से लड़ने में सक्षम है।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल (15 ग्राम)
- एक नींबू का रस
- 1 बड़ा चम्मच शहद (25 ग्राम)
इसका इस्तेमाल कैसे करें?
- आपको इतना करना है कि एलोवेरा के गूदे को नींबू के रस और शहद के साथ मिलाएं।
- दिन में एक बार मिश्रण का एक बड़ा चम्मच खाएं
- 3 दिनों के लिए ऐसा करें और आप नतीजे पायेंगे
नोट: गर्भवती महिलाओं या 8 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इसकी सिफारिश नहीं की जाती है
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2. काली सरसों का पाउडर
यदि आपको सर्दी-जुकाम है, तो अपने पैरों को थोड़ा सरसों से धोने की कोशिश करें।
कारण? सरसों में ऐसे गुण होते हैं जो जहरीले पदार्थों को सह्रीर से निकाल कर शरीर के तापमान को बढ़ाते हैं।
यह ब्लड सर्कुलेशन को भी उत्तेजित करता है और शरीर को बेहतर ढंग से पसीना लाने में मदद करता है। पहले लक्षणों को नोटिस करने से
पहले इस नुस्ख़े का उपयोग करें जिसे बैक्टीरिया को हमला करने का अवसर न मिले।
सामग्री
- 8 कप पानी (2 लीटर)
- 1 बड़ा चम्मच सरसों पाउडर (10 ग्राम)
इसका इस्तेमाल कैसे करें?
- दो लीटर गर्म पानी में सरसों का पाउडर मिलाएं
- इसे पूरी तरह से घुलने तक मिलाएं
- 15-20 मिनट के लिए अपने पैरों को पानी में डूबाएं
नोट: लालिमा, सूजन या फफोले से बचने के लिए 20 मिनट से अधिक इसे न करें।
3. नारंगी, गाजर, और बीयर यीस्ट जूस
संतरे में एंटीऑक्सिडेंट और कीटाणुनाशक होते हैं।
और बीयर यीस्ट विटामिन B और जिंक की अपनी अच्छी मात्रा की बदौलत एंटीमाइक्रोबियल असर के कारण शरीर की सुरक्षा को बढ़ाता है।
सामग्री
- एक गाजर का जूस
- एक संतरे का जूस
- बीयर यीस्ट का 1 बड़ा चम्मच (10 ग्राम)
इसका इस्तेमाल कैसे करें?
- सबसे पहले संतरे के जूस के साथ गाजर का रस मिलाएं।
- बियर यीस्ट का बड़ा चम्मच डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
- सुबह नाश्ते से पहले पिएं।
- गले के दर्द से राहत देने के अलावा आपके फेफड़े भी आपको धन्यवाद देंगे।
4. अनानास एंटीबायोटिक्स
- यह उपाय नाक और साइनस एलर्जी के लिए आदर्श है।
- यद्यपि ज्यादातर लोग अनानास के गुणों को ध्यान में नहीं रखते हैं, लेकिन इसमें पानी की ऊँची मात्रा शरीर में वाटर रिटेंशन को कम करती है और विषाक्त पदार्थों को साफ़ करती है।
- इसमें ब्रोमेलैन भी है, जो ऐसा एंजाइम है जो पैरानेज्नल साइनस को कम करने के लिए जिम्मेदार है।
इसका इस्तेमाल कैसे करें
- आप तय करें! आप दिन भर इसके टुकड़े खा सकते हैं या सुबह अनानास का जूस पी सकते हैं।
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5. थाइम, साल्विया और नींबू
थाइम और साल्विया एंटीसेप्टिक्स हैं जो कीटाणुओं से लड़ते हैं खासकर उनसे जो फेफड़ों और विशेष रूप से गले में रहते हैं।
नींबू में एसिड होता है जो बलगम को कम करने, जलन और गले में दर्द को शांत करने का काम करता है।
सामग्री
- सूखे साल्विया का 1 बड़ा चम्मच (10 ग्राम) और थाइम का 1 बड़ा चम्मच (10 ग्राम)
- 1 कप पानी (250 मिली)
- एक नींबू का जूस
इसका इस्तेमाल कैसे करें?
- उबलते पानी में सूखे साल्विया और थाइम के फूल डालें
- 10 मिनट तक उनका अर्क निकालें और फिर छान लें
- ताजा नींबू का रस डालें
- 1 मिनट के लिए गार्गल करें, तीन बार तक
- हर रात इसे दोहराएं जब तक कि आपके लक्षण गायब न हो जाएं
6. दालचीनी
दालचीनी से जो अर्क निकलता है वह अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण संक्रमण को रोकने में मदद करता है, और पसीना बढ़ाता है।
इस वजह से यह सर्दी और एलर्जी जैसी सांस की बीमारियों से लड़ने के लिए एक आदर्श एंटीबायोटिक्स है।
सामग्री
- 1 स्टिक दालचीनी या 1 बड़ा चम्मच दालचीनी पाउडर (10 ग्राम)
- 1 कप पानी (250 मिली)
- शहद (स्वाद के लिए)
इसका इस्तेमाल कैसे करें
- हम पाउडर के बजाय एक दालचीनी स्टिक का उपयोग करने की सलाह देते हैं।
- पानी में दालचीनी के टुकड़े के साथ चाय बनाने की ज़रूरत है और फिर शहद के साथ मीठा करें।
- आप इसे सुबह या बिस्तर पर जाने से पहले पी सकते हैं।
प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स से जुड़ी दूसरी सिफारिशें
- प्रोटीन और सब्जियों से भरपूर खाना खाएं।
- स्वस्थ आंतों की वनस्पतियों को बनाए रखने के लिए प्रोबायोटिक्स लें।
- जांच करें कि आप अपने नेचुरल एंटीबायोटिक्स शॉट्स में अप-टू-डेट हैं, खासकर संक्रमण के मौसम में।
- एंटीबैक्टीरियल प्रोडक्ट का उपयोग करें।
- पर्यावरण को स्वच्छ रखें।