
वाकिंग यानी पैदल चलने के अनगिनत फायदे हैं। यहां हम इसके सबसे ज्यादा चर्चित कारणों पर नजर डालेंगे। पैदल चलना इंसान के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने का सबसे आसान तरीका है। यह आपके पूरे शरीर का बुनियादी…
शिकायत करते रहने वाले लोगों से हर वक्त घिरे रहने में गड़बड़ी यह है कि यह आपके मूड पर गहरा असर डाल सकता है और आपको उन समस्याओं में बुरी तरह उलझा सकता है जो आपकी अपनी नहीं हैं।
मॉडर्न लाइफस्टाइल में हम पर तमाम किस्म की मांगों का इतना दबाव बढ़ गया है कि हर कोई, किसी न किसी बात पर चीजों के बारे में शिकायत करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, हर वक्त शिकायती लोगों को सुनते रहना आपकी एनर्जी छीन लेता है?
सच्चाई यह है कि शिकायत एक नेचुरल रिएक्शन है जो जटिल या दर्दनाक हालात में आपको स्ट्रेस से छुटकारा पाने करता है। लेकिन ज्यादातर समय आपकी जानकारी के बिना ही यह आपकी एनर्जी छीन लेता है।
जब आपके दोस्त मुश्किल वक्त से गुज़रते हों तो आपको उनसे सहानुभूति होना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन लोगों को हर वक्त शिकायत करते हुए सुन्त्ते रहना आपकी ऊर्जा छीन ले सकता है और जितना आप सोच सकते हैं उससे कहीं ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।
सबसे बुरी बात यह है कि यह इतना जहरीला हो सकता है कि आप अपने को हृदयहीन और स्वार्थी समझने लगेंगे महज इसलिए कि अब आप और शिकायतें सुनना नहीं चाहते हैं।
इसलिए किसी क्रोनिक शिकायतकर्ता की पहचान करना और अपने जीवन पर उस नकारात्मकता के असर को समझना अहम है।
यह व्यक्ति जो जीवन जीता है, उससे हर वक्त इनकार की मुद्रा में रहता है। उनके पास जो है और जो नहीं है, उसे लेकर वे हमेशा अपने को विक्टिम यानी पीड़ित दिखाने की कोशिश में रहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे उन चीजों को बदलने के लिए कभी भी कुछ नहीं करते हैं जो उन्हें सबसे ज्यादा तकलीफ देती हैं।
यह पहली बार में आपको सामान्य लग सकता है। लेकिन वक्त गुजरने के साथ आपको एहसास होता है कि वास्तव में शिकायत करना उनकी जीवन शैली का हिस्सा मात्र है, किसी कठिन परिस्थिति का परिणाम नहीं।
यह मैनिपुलेशन का ही एक रूप है, चाहे वह सचेत रूप से किया जाए या अचेतन में। वे चाहते हैं, उनकी शिकायत सुनकर आप दया, करुणा या उनसे सहानुभूति महसूस करें, मानो उन्हें अपनी समस्यायें हल करने के लिए आपकी ऊर्जा की ज़रूरत होती है।
अचानक आपको ऐसा लगता है, यह फर्ज है कि आप उनकी समस्याओं को हल करने में मदद करें या हर समय उनके आँसू पोंछने के लिए तैयार रहें।
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शिकायत करने वाले लोग इतने नेगेटिव होते हैं कि आपको ऐसा लगने लगता है, आप ज़रूरत से ज्यादा ही उनका बोझ वजन उठा रहे हैं।
भले ही आप इस प्रकार के व्यक्ति को सलाह देने या उसकी सहायता करने में सक्षम हों, लेकिन उनकी शिकायत का मामूली काम भी आपकी एनर्जी के बड़े भाग को नष्ट कर देने के लिए पर्याप्त होता है।
हालाँकि यह देखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसमें आपके मस्तिष्क को किसी और के हालात से उत्पन्न होने वाली भावनाओं के बदलावों से गुजरना पड़ता है।
निराशा, अपराधबोध और उदासी जैसी भावनाएँ हार्मोन का स्राव करने वाली आपके मस्तिष्क की प्रक्रियाओं को बदल सकती हैं। इससे आपमें इनका जोखिम बढ़ता है:
जीवन में सबकुछ उस तरह नहीं होता जैसे आपने इसकी योजना बनाई थी। आपको अक्सर उन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो आप नहीं चाहते थे या जो कि प्रत्याशित नहीं थीं।
लेकिन खुद को निराशा और कड़वाहट में जकड़े रखना व्यर्थ है। ये वे दृष्टिकोण हैं जो आपको हालात का मुकाबला करने और आगे बढ़ने से रोकते हैं।
शिकायत करने में जो ऊर्जा खर्च की जाती है, उसकी ज़रूरत वास्तव में आपको रुकवाट बने हालात से उबरने के लिए होती है।
इसलिए खुद एक क्रोनिक शिकायतकर्ता बनने से बचने के लिए आपको यह भी समझना होगा कि आपको वहां बैठने और उन लोगों को सुनने की ज़रूरत नहीं है जो ऐसे हैं।
आपको दूसरे लोगों की समस्याओं का हल करने में सक्षम होने का नाटक नहीं करना चाहिए जबकि उस एनर्जी की ज़रूरत आपको खुद की समस्यायों से निपटने के लिए है। लोगों की शिकायत सुनना आपकी उस एनर्जी को छीन सकता है, जिसकी ज़रूरत आपको उन भावनाओं और समस्याओं से निपटने के लिये है।
तो, अगर आपकी ज़िन्दगी में कोई ऐसा व्यक्ति है, तो आप क्या कर सकते हैं?
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जब भी संभव हो, इन लोगों से बचने की कोशिश करें क्योंकि वे सिर्फ आपको मैनिपुलेट करेंगे।
जितना कम आप उन पर ध्यान देंगे उतनी ही तेज़ी से आप समझते हैं कि आपको उनके नकारात्मक विचारों को सुनने में अपनी ऊर्जा खर्च करने की ज़रूरत नहीं है।
यहां तक कि अगर आप उनकी शिकायतें सुनने का वक्त देते हैं, तो उन्हें बताएं कि यदि समस्याएं वास्तविक हैं, तो भी उनके सोचने का तरीका हालात को बिगाड़ सकता है।
सबसे अहम बात है कि यह सुनिश्चित करें कि यह हालात आप पर असर डालना न शुरूकर दे। उन्हें खुद उन समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाने की सलाह दें।
इन लोगों में अपनी नेगेटिव सोच से दूसरों को मैनिपुलेट करने की क्षमता होती है। इसलिए उनकी समस्याओं को हल करने में आपकी कोई दिलचस्पी नहीं है, इस ढाल की कवच से अपने को सुरक्षित करने की कोशिश करें।
हालांकि कभी-कभी सहानुभूति ज़रूरी लग सकती है, लेकिन हालात पर काबू पाने की कोशिश करें जिससे अगर समस्या से आपका सम्बन्ध न हो तो वह आपको परेशान न करे।
आखिर में, याद रखें कि आप इसके हकदार हैं कि कोई भी व्यक्ति आपके साथ अपनी ट्रैजेडी और शिकायतों को शेयर न करें। यदि आप हर दिन उनके नेगेटिव सोच को सुनते-सुनते थक गए हैं, तो उन्हें बताएं कि यह आपको असहज बनाता है और आप उनके रोने का कंधा नहीं बनना चाहते हैं।
क्या आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार है जो हर समय शिकायत करता है? यह सही कदम उठाने का वक्त है! अब उन्हें और आप पर हावी न होने दें देंगे। वरना कभी न कभी आपको महसूस होगा कि उनकी तमाम नेगेटिविटी आपके अपने जीवन में हस्तक्षेप कर रही है।