क्या आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं? उसके पीछे ये कारण हो सकते हैं!
कोई नयी या कड़ी मेहनत वाली शारीरिक गतिविधि किए बगैर ही क्या आपके जोड़ों में अचानक ही, बेवजह दर्द होने लगा है?
अगर आपको ऐसा अक्सर महसूस होने लगा है तो इसके लिए नीचे दिए इन कारणों में से कोई ज़िम्मेदार हो सकता है। इन्हें गौर से पढ़ें।
आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका जोड़ों का दर्द दुखने वाली जगह में भी पैदा हो सकता है और दर्द करती जगह से दूर भी।
इसका एक उदहारणसायटिका होता है। इसमें आपको दर्द और कमज़ोरी तो अपनी टांग में महसूस होती है, पर उस दर्द की जड़ आपकी कमर के निचले हिस्से में होती है।
हमारी टांगों की हरकतों को प्रभावित करने वाली सायटिक नर्व वहीं से शुरू जो होती है।
जोड़ों का दर्द: फाइब्रोमायेल्जिया (fibromyalgia)
आमतौर पर अगर आपको किन्हीं विशिष्ट जगहों पर तेज़ दर्द होता है तो फाइब्रोमायेल्जिया की संभावना को ख़ारिज करने के लिए आपको अपनी जांच करवा लेनी चाहिए।
आपको दर्द के अन्य मेटाबोलिक कारणों की भी दरकिनार नहीं करना चाहिए, जिनका संबंध कनेक्टिव और नयूरोपैथिक टिशू की बीमारियों से हो सकता है।
इस बात का अंदेशा होने पर अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।
पर फ़िक्र न करें। यह एक आसान-सी जांच प्रक्रिया होती है। ज़्यादातर मामलों में रयूमाटॉलोजिस्ट के लिए एक छोटी-सी शारीरिक जांच और रोगी की क्लिनिकल हिस्ट्री पर एक नज़र ही काफ़ी होती है।
सूजन (Inflammation)
किसी एक जोड़ में उठा दर्द सूजन भी पैदा कर सकता है। इस दर्द और उसकी वजह से होने वाली सूजन से हमारे जोड़े का हिलना-डुलना कम हो सकता है।
इस बात का ध्यान रखें कि एक जोड़े की सूजन का सबसे आम कारण कोई घाव होता है। वह घाव संक्रमित है या नहीं, यह पता लगाना बहुत ज़रूरी होता है।
गाउट (Gout)
अगर आपको गाउट, यानी कि गठिया है तो आपके जोड़ों का दर्द उसी का एक नतीजा हो सकता है।
यूरिक एसिड के क्रिस्टलों के जमाव से परेशान लोग इस बात से भलीभांति वाकिफ़ होते हैं कि उससे पैदा होने वाला तेज़ दर्द अचानक ही शुरू हो जाता है व उसकी वजह से अक्सर हमारे जोड़ों के आसपास वाली जगह लाल होकर सूज जाती है।
अगर आपकी परेशानी गठिया है तो आपका दर्द धीरे-धीरे लगातार बढ़ता जाएगा, बिल्कुल ऑस्टियोआर्थराइटिस की तरह।
उसे पूरी तरह से विकसित होने में कई हफ़्तों या महीनों का समय लग सकता है व यह ज़रूरी नहीं कि उससे कोई सूजन पैदा हो।
आर्थराइटिस (Arthritis)
आर्थराइटिस का दर्द किसी एक जोड़ में न होकर कई जोड़ों में होता है, ख़ासकर पीठ, पेल्विस और कूल्हे वाली जगहों में।
इसकी वजह से अपनी पीठ या कूल्हे वाली जगह में आपको काफ़ी तकलीफ़ होती है, या फ़िर आप मॉर्निंग नंबनेस (सुबह के समय होने वाली सुन्नता) या अकड़न की चपेट में आ जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है तो आपको आर्थराइटिस हो सकता है।
शुरू में भले ही ये परेशानियाँ अलग-अलग लगें, लेकिन गैस्ट्रोइंटैस्टाइनल समस्यायें या सोरायसिस जैसी त्वचा की बीमारियों से भी इनका संबंध होता है।
40 साल से कम की उम्र के लोगों में भी आम हो चुकी इस समस्या के निदान में ये रोग एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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टेंडिनाइटिस और बर्साइटिस (Tendinitis and bursitis)
जोड़ों के दर्द के अन्य कारण टेंडिनाइटिस और बर्साइटिस होते हैं।
टेंडिनाइटिस की वजह से मांसपेशी और हड्डी को जोड़कर हमारी हरकतों को नियंत्रित करने वाली नस में सूजन हो जाती है।
दूसरी तरफ़, बर्साइटिस में हमारे बर्सा में सूजन हो जाती है। बर्सा हमारी नस के नीचे मौजूद एक तरह के गद्दीदार टिशू होते हैं, जो हमारी नस और हड्डी के बीच घर्षण पैदा होने से रोकते हैं।
इन अंगों के सूज जाने पर हमारे जोड़ों में काफ़ी दर्द हो सकता है।
छोटी-मोटी सूजन
कभी-कभी छोटी-मोटी सूजन के पीछे किसी गंभीर कारण का हाथ नहीं भी होता।
अपने शरीर के कुछ विशिष्ट अंगों में होने वाले दर्द को लेकर घबरा जाने से पहले इस बात को ध्यान में रखें।
अगर आपको कुछ ख़ास जगहों पर एक जैसा दर्द हो रहा है तो मेटाबोलिक कारणों के साथ-साथ कुछ कनेक्टिव व नयूरोपैथिक टिशू वाले रोगों पर भी ध्यान दें।
लगातार दर्द होने पर अपने डॉक्टर को दिखाकर उसकी सटीक राय लेने में कोई हिचकिचाहट न दिखाएं।
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