क्या मेरा बच्चा साइकोपैथ है?
क्या आपका बच्चा दूसरे बच्चों से सहानुभूति नहीं रखता है? क्या वह अपने आसपास दूसरों से चालाकी से काम निकालता है? हो सकता है, आपका बच्चा साइकोपैथ या मनोरोगी है जिसकी जानकारी आपको नहीं है।
चाइल्ड साइकोपैथी एक ऐसी समस्या है जिसमें बच्चे में सहानुभूति का अभाव होता है और किसी दूसरे को चालाकी से इस्तेमाल करने या उन्हें चोट पहुंचाने के बाद उसमें अपराध या शर्म की भावना का अभाव दिखता है।
इस स्थिति को “असामाजिक व्यक्तित्व विकार (Antisocial personality disorder)” के रूप में भी जाना जाता है। इतना साफ़ होता है कि बच्चे में अपने आस-पास के लोगों से संबंध बनाने में कोई समस्या पेश आ रही है।
इसका कारण एक आनुवंशिक फैक्टर हो सकता है, लेकिन यह भी दिखाया गया है कि मस्तिष्क के ललाट (frontal lobe) में कुछ घाव हैं जो ऐसे व्यवहार को जन्म दे सकता है। इसके अलावा दर्दनाक अनुभव जैसी बातें भी इस गड़बड़ी का कारण बन सकती हैं।
बाल मनोरोग (Child Psychopathy)
हमारा यह समझना जरूरी है कि साइकोपैथ बच्चे माता-पिता में बहुत चिंता और भय पैदा कर सकते हैं, पर हमें इस सोच से छुटकारा पाना होगा कि हमारा बच्चा फ़िल्मी मर्डरर बन जाएगा।
इसके अलावा भले ही बच्चा मनोरोगी लक्षण दिखा सकता है, लेकिन एक प्रोफेशनल के लिए यह जरूरी है कि वह फॉलो अप रखे। कुछ मामलों में उनके लक्षण वक्त के साथ दूर हो सकते हैं।
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1. नियमों की अवहेलना
आपका बच्चा एक मनोरोगी हो सकता है अगर वह हर नियम को धता बता देता है और उनके व्यवहार को ठीक करने की आपकी लाख कोशिश के बावजूद वह उन्हें कभी भी सही तरीके से करना नहीं सीखता है।
उदाहरण के लिए दूसरे हमउम्र बच्चों से दुर्व्यवहार करना, माता-पिता को बरगलाना, फर्श पर खाना फेंकना या चीजों को व्यवस्थित रूप से तोड़ना किसी अंदरूनी समस्या के संकेत हो सकते हैं।
यह सब इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका बच्चा एक मनोरोगी है, अगर आपके सभी प्रयासों के बावजूद इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि उसके व्यवहार में सुधार होगा।
2. जानवरों के साथ दुर्व्यवहार
क्या आपका बच्चा मनोरोगी है, यह जानने के लिए कि आपको यह देखना होगा कि वे जानवरों से कैसे व्यवहार करते हैं, खासकर उनके साथ जो खुद का बचाव नहीं कर सकते।
क्या बच्चे ने किसी जानवर को मार डाला है? उसे क्षत-विक्षत कर डाला है? क्या उन्होंने स्वेच्छा से और होश में किसी को चोट पहुंचाई है? यदि ऐसा है और व्यवहार दोहराया जाता है, तो आपको मदद लेनी चाहिए।
कभी-कभी, बच्चे जानवरों के साथ खेलते हैं और वे उन्हें चोट पहुँचाते हैं या वे उनके साथ ऐसी चीजें आज़माते हैं जो नुकसान कर डालती हैं। यह हमेशा मनोरोग का संकेत नहीं होता है खासकर तब जब वे घटना के बाद उनसे सहानुभूति महसूस करते हैं या जानवर कोई खिलौने नहीं हैं, यह समझाने पर वे बुरा महसूस करते हैं।
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3. उन्हें पछतावा नहीं होता
स्वाभाविक रूप से जब हम एक बच्चे को बताते हैं कि उन्होंने कुछ गलत किया है, तो उन्हें किसी प्रकार का खेद महसूस होना चाहिए।
बच्चे सब कुछ जानकर पैदा नहीं होते हैं, कभी-कभी, वे गलत भी होते हैं। इसलिए हमें उन्हें जागरूक करना होगा। लेकिन अगर उन्हें कोई पछतावा महसूस नहीं हो तो क्या करें? यदि वे अपने आस-पास के लोगों के साथ सहानुभूति नहीं रखते तो क्या होगा?
इसका मतलब है, हो सकता है आप एक साइकोपैथ की विशेषताओं का सामना कर रहे हैं जिसका एक प्रोफेशनल द्वारा विश्लेषण किया जाना चाहिए।
4. हिंसक विस्फोट
अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में असमर्थता के कारण बच्चों के साथ-साथ वयस्कों में भी विस्फोटक हिंसक बर्ताव देखा जा सकता है।
हालांकि बच्चों में यह लक्षण चिंताजनक हो सकता है। क्या वे इन दौरों के दौरान किसी पशु को नुकसान पहुंचा रहे हैं? क्या वे दूसरे इंसानों के खिलाफ हिंसक बर्ताव कर रहे हैं? उन क्षणों के बाद क्या वे मामूली अफसोस भी महसूस नहीं कर रहे हैं?
इन मामलों में बेशक हमें स्थिति को एक प्रोफेशनल के हाथों में छोड़ना होगा क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस स्थिति का सही वक्त पर विश्लेषण किया जाए।
बच्चे के साइकोपैथ होने की समस्या में पेरेंट्स के शामिल होने की अहमियत
इसके अलावा उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चे में किसी भी तरह की गड़बड़ी या समस्या से इनकार करते हैं भले ही वे उन समस्याओं का संकेत दिखा रहे हों।
माता-पिता हमेशा सोचते हैं कि उनके बच्चे अपने आपमें मुकम्मल हैं। हालांकि उनकी ओर से तुरंत पहलकदमी दरअसल उनके बच्चे की मदद कर सकती है।
यह साफ़ करना महत्वपूर्ण है कि, जिस मामले में बच्चे की साइकोपैथ के रूप में डायग्नोसिस के गयी है, वह “इलाज” की संभावना बहुत सम्बद्ध है।
इस समय इस समस्या को हल करने के लिए कोई असरदार इलाज नहीं है, लेकिन इसे सुधारने के लिए उपकरण मौजूद हैं।
क्या आपको लगता है कि आपका बच्चा मनोरोगी है? समस्या से भागे नहीं। किसी प्रोफेशनल की मदद लें।
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