एलर्जी कैसे विकसित हुई है

एलर्जी की व्यापकता  दुनिया भर में बढ़ी है, खासकर युवाओं में। लेकिन मनुष्यों के इवोल्यूशनरी लेवल में एलर्जी कैसे विकसित हुई है? इस आर्टिकल में जानें!
एलर्जी कैसे विकसित हुई है

आखिरी अपडेट: 31 अगस्त, 2020

कई लोगों को एलर्जी रिएक्शन का तजुर्बा है। ऐसी प्रतिक्रियाएँ आम होती जा रही हैं क्योंकि यह अनुमान लगाया जाता है कि दुनिया की 30 से 40% आबादी किसी न किसी समय एलर्जी से पीड़ित होती है। लेकिन एलर्जी का विकास कैसे हुआ?

यह कोई बुरी खबर नहीं है, क्योंकि चाहे वे जितना परेशान क्यों न करें पर एलर्जी का एक अनोखा इवोल्युशनरी अर्थ हो सकता है।

एलर्जी किसी ऐसे पदार्थ के खिलाफ इम्यून सिस्टम का एक रिएक्शन है जो आमतौर पर होस्ट के लिए नुकसानदेह नहीं होता है, जिसके संपर्क में आने पर व्यक्ति विशेष संकेतों और लक्षणों को उभारता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के इम्यून सिस्टम में मौजूद एंटीबॉडी इन  नुकसानदेह बाहरी एजेंटों को संभावित खतरों के रूप में पहचान करता है।

इस तरह उन्हें बाहर निकालने की दिशा में एक्शन लेता है। यह पैरानेजल साइनस, त्वचा और पाचन तंत्र में कई किस्म की सूजन का कारण बनता है।

इसलिए एलर्जी का अस्तित्व हमें हैरान करता है कि हमारा इम्यून सिस्टम इन नुकसानदेह स्थितियों का बहिष्कार क्यों करता है। इस बारे में  में ज्यादा जानने के लिए नीचे हम मानव विकास और इवोल्यूशन में एलर्जी की भूमिका के बारे में बात करेंगे।

एलर्जी का विकास कैसे हुआ

एलर्जी रिएक्शन का असली उद्देश्य आज भी बहस और शोध का विषय है। हाइजीन की परिकल्पना के अनुसार वास्तविक पैथोजीन के संपर्क में आयी कमी के कारण एलर्जी विश्व स्तर पर फैल गई है।

प्लोस कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि जिन तत्वों का मनुष्यों के साथ रोज संपर्क होता है उनमें पाए जाने वाले प्रोटीन शरीर के पैरासाईट के समान होते हैं। इस प्रकार के नुकसानदेह जीवों के संपर्क में आयी कमी इम्यून सिस्टम की एक्टिविटी में भी कमी लाती है जो किसी भी ऐसे दूसरे सिग्नल को संभावित खतरा मान लेता है और रियेक्ट करता है।

पहले के अध्ययनों के पास इस हाइपोथीसिस के सपोर्ट के सबूत हैं:

  • रिसर्च टीम ने एक पैरासाईट शिस्टोसोमा मैनसोनी (Schistosoma mansoni) की एक स्पीशीज में मौजूद प्रोटीन के एंटीबॉडी के साथ प्रयोगशालामें रिएक्शन को मॉनिटर किया। यह प्रोटीन बर्च पोलेन में मौजूद प्रोटीन के समान था।
  • प्रोटीन पेरासाईट को हटाने के लिए जिम्मेदार एंटीबाडी बर्च पराग से रियेक्ट करते थे।

हालांकि ये रिजल्ट सरल हैं, पर वे बहुत सारी जानकारी देते हैं। असली अलार्म के अभाव में इम्यून सिस्टम अपना निजी अलार्म सिस्टम बना सकता है।

एलर्जी ऐसे एजेंटों के लिए इम्यून सिस्टम का रिएक्शन है जिन्हें वह खतरनाक के रूप में पहचान करता है।

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एक जवाब जो शायद इतना आकस्मिक नहीं है

हम इस संभावित स्पष्टीकरण के साथ बने रह सकते हैं क्योंकि यह आश्वस्त और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होता है। हालांकि, अन्य धाराएँ विभिन्न सिद्धांतों से जुडी हो सकती हैं।

जर्नल साइंटिफिक अमेरिकन  में प्रकाशित इस लेख में एकत्र किए गए कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ये प्रतिक्रियाएँ आकस्मिक नहीं हैं। वे दर्शाती हैं कि एलर्जी हमें पर्यावरण में मौजूद टोक्सिन से बचा सकती है:

  • एक अध्ययन में, चूहों को जहर की छोटी खुराक दी गयी। फिर कई हफ्तों के बाद उन्होंने उन्हें विष की ज्यादा बड़ी खुराक दिया। विशेषज्ञों ने केवल कुछ चूहों को बड़ी डोज का टीका लगाया।
  • जिन चूहों को छोटी खुराक दी गयी थीं उनमें शुरू में टीका दिए गए चूहों के मुकाबले बड़ी खुराक के लिए ज्यादा इम्यून रेस्पोंस देखा गया।
  • शुरू में ही टीका दिए गए चूहों को कम डोज वाले टोक्सिन देने पर विशिष्ट एलर्जीन एंटीबॉडी विकसित हो गए जो उन्हें भविष्य में ज्यादा गंभीर स्थितियों के लिए तैयार करते हैं।

इसका क्या मतलब हो सकता है?

यदि हम परिणामों की व्याख्या करते हैं, तो यह सोचना अनुचित नहीं है कि उल्टी, सांस की तकलीफ और अन्य लक्षणों के माध्यम से, हमारा शरीर हमें वास्तविक खतरनाक स्थितियों के लिए तैयार कर रहा है। हमारा इम्यून सिस्टम हमें भविष्य की अन्य गंभीर प्रतिक्रियाओं के लिए तैयार कर सकता है और साथ ही, यह भी बताता है कि हमें इन एलर्जी वाले पदार्थों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

यह थियरी बताती है कि एलर्जी मनुष्य में इवोल्यूशनरी मेकेनिज्म के रूप में विकसित हुई है। हानिरहित एजेंटों के साथ अनुभव के आधार पर, एक प्रजाति के रूप में हम खतरनाक स्थितियों से बचना सीख सकते थे। इसके अलावा, ये छोटे एलर्जी एपिसोड गंभीर खतरों के खिलाफ इम्यून सिस्टम को ट्रेन कर सकते हैं।

यह थियरी बताती है कि एलर्जी मनुष्य में इवोल्यूशनरी मेकेनिज्म के रूप में विकसित हुई है।

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एलर्जी क्यों विकसित होती है, एक अनुत्तरित प्रश्न है

जैसा कि आपने इस लेख में देखा है, एलर्जी के उद्भव के बारे में विभिन्न सिद्धांत हैं। कोई निश्चित या तथ्य नहीं हैं, लेकिन इसके बजाय इस वैश्विक घटना के कई दृष्टिकोण हैं।

फिर भी एलर्जी के विकास का सही कारण अज्ञात है।

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