एक्सरसाइज़ रूटीन: इनसे गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत बनाएं

यह ज़रूरी है कि गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत बनाने वाली एक्सरसाइज हल्की-फुल्की हों। हमें कभी भी उन्हें ज़रूरत से ज्यादा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर उल्टा हमारी गर्दन को नुकसान पहुंच सकता है।
एक्सरसाइज़ रूटीन: इनसे गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत बनाएं

आखिरी अपडेट: 27 जून, 2019

क्या आप जानते हैं कि कि अतिश्रम और बढ़ते तनाव से बचने के लिए आपको रोज़ अपनी गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत करने की दिशा में काम करना चाहिए?

ऐसा करने के लिए कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ व शरीर को लचीला बनाने और मांसपेशियों के आकर को बढ़ाने वाली गतिविधियों से अच्छा कुछ भी नहीं होता।

गर्दन शरीर के उन अंगों में से एक है, जहाँ सबसे ज़्यादा तनाव इकठ्ठा होता है। दर्द के कारण डॉक्टरों के पास जाने वाले रोगियों के प्रमुख कारणों में से एक गर्दन की मांसपेशियों में होने वाली असुविधा है।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि किस प्रकार अपनी गर्दन की मांसपेशियों की एक्सरसाइज करके आप उसे स्वस्थ और मज़बूत बनाए रख सकते हैं।

गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के फायदे

गर्दन की मांसपेशियों के मज़बूत होने से हमें एक अच्छा पोस्चर बनाए रखने का लाभ मिलता है।

ये मांसपेशियां न सिर्फ रीढ़ की हड्डी से जुड़ी होती हैं, बल्कि इनमें ऐसे कई नर्व इम्पल्स भी होते हैं जिन्हें मांसपेशियों की एक्सरसाइज के अभाव में नुकसान झेलना पड़ता है।

संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है

सक्रिय संतुलन बनाए रखने वाली बेसिक मोटर मूवमेंट को उचित एक्सरसाइज की ज़रूरत होती है।

इन मांसपेशियों को मज़बूत बनाए रखने से सर्वाइकल वर्टिगो से बचने में मदद मिलती है

आपकी सांस लेने की क्षमता में सुधार आता है

गर्दन के लचीलेपन को बनाए रखने से आपकी सांस लेने की क्षमता में सुधार आता है, खासकर एक्सरसाइज करते समय

श्वास लेने में भूमिका निभाने वाली मांसपेशियां शारीरिक गतिविधि के दौरान सिकुड़ जाती हैं। एक्सरसाइज के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित न करने पर वे चोटिल हो सकती हैं। इन चोटों से वह भी हो सकता है, जिससे हम सभी भलीभांति वाकिफ़ हैं: वह है सर्वाइकल पेन।

तनाव में कमी आती है

गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत करने वाली एक्सरसाइज से हमें अपने रोज़मर्रा के तनाव से मुक्त होने में सहायता मिलती है।

गर्दन की मज़बूती वाली किसी एक्सरसाइज का एक सेशन पूरा करना गर्दन की अकड़ से मुक्ति पाने और दुखती मांसपेशियों को आराम देने के लिए बहुत अच्छा होता है।

अपनी गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत कैसे बनाएं

हमें अपनी गर्दन की मांसपेशियों को यथासंभव लचीला बनाए रखना चाहिए।

ऐसा करने के लिए आपको अपनी मसल टोन को मज़बूत बनाने वाली किसी एक्सरसाज़ का सहारा लेना चाहिए। एक अच्छी एक्सरसाइज़ रूटीन का पालन करके आप शरीर को पंगु कर देने वाली स्थाई संकुचन से बच सकते हैं

हमारे बताये हुए इन कसरतों को करने से आप अपनी गर्दन की मांसपेशियों को लचीला बनाए रख सकेंगे। एक्सरसाइज से पहले वार्म-अप करना न भूलें:

व्यायाम 1: फॉरवर्ड स्ट्रेच

एक्सरसाइज़ रूटीन: गर्दन की मांसपेशियों
  • सीधे बैठकर सामने की तरफ देखिये।
  • अपने हाथों को माथे पर ले जाएँ और उसे दबाएँ। साथ ही साथ सिर का पूरा जोर लगाकर माथे से हाथों पर दबाव डालें।
  • इसे 10 बार दोहरायें

व्यायाम 2: साइड स्ट्रेच

  • पिछले व्यायाम ही की भांति, अपने हाथ को अपनी कनपटी पर रखकर उसे दबाएँ, साथ ही साथ अपने सिर का पूरा दबाव हाथ पर डालें
  • इस एक्सरसाइज़ को जारी रखते हुए कान के कन्धों को छूने तक सिर को लगातार झुकाते रहें।
  • यही प्रक्रिया दूसरे बगल भी दोहरायें।
  • दोनों तरफ इसे 5-5 बार दोहराएं

यह व्यायाम वार्म-अप के बाद करें:

व्यायाम 3:

गर्दन की मांसपेशियों को मज़बूत बनाएं

 

  • अपने सिर को आगे झुकायें और गर्दन के पिछले भाग में खिंचाव को महसूस करें
  • 5 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें।
  • इसी प्रक्रिया को सिर को पीछे की ओर ले जाते हुए दोहरायें। जितना अपने सिर को पीछे झुका सकते हैं झुकाएं। फिर 5 सेकंड तक उसी मुद्रा में बने रहें
  • अब 10 सेकंड का ब्रेक लें ।
  • इस पूरी प्रक्रिया को 5 बार दोहराएं

व्यायाम 4:

  • अपने सिर को घुमाएं मानो आप अपने कंधे को देखने की कोशिश कर रहे हों।
  • धीरे-धीरे सिर को वापस घुमाकर बीच में लायें।
  • अब दूसरी तरफ देखें और इस प्रक्रिया को दोहरायें।
  • इस प्रक्रिया को 10 बार करें

व्यायाम 5:

गर्दन की मांसपेशियों की एक्सरसाइज़ रूटीन
  • अपने सिर को धीरे-धीरे आगे की तरफ गिरने दीजिये।
  • अब सिर को धीरे-धीरे बायीं ओर घुमाएं। उसे गोल-गोल घुमाते हुए पहले दायीं तरफ ले जाएँ और आखिरकार उसे अपनी शुरुआती स्थान पर लायें ।
  • 5 सेकंड का ब्रेक लें
  • अब इसी प्रक्रिया को उल्टी दिशा में दोहराएं ।
  • दोनों तरफ 5-5 बार ऐसा करें

व्यायाम 6:

  • सिर को हिलाए बगैर अपने कंधों को ऐसी मुद्रा में उठाएं जैसे आप उनसे अपने कानों को छूना चाहते हों।
  • इसी मुद्रा में 5 सेकंड तक बने रहें।
  • फिर कंधों को जितना झुका सकते हैं, झुका लें।
  • इसी मुद्रा में 5 सेकंड तक बने रहें।
  • दोनों तरफ ऐसा 10-10 बार करें

यहाँ हम इस बात पर ज़ोर देना चाहेंगे कि इन कसरतों को आराम से, बिना किसी जल्दबाज़ी के किया जाना चाहिए। सिर को एक झटके में हिलाने पर आपकी गर्दन में मोच आ सकती है।

पीड़ा रहित जीवन का आनंद उठाने के लिए एक मज़बूत गर्दन का होना बहुत ज़रूरी है।

गलत पोस्चर में बैठना, कंप्यूटर के सामने घंटों तक बैठे रहना, किसी गलत तकिये पर सिर रखकर सोना और स्ट्रेस का शिकार होना, ये सब गर्दन की मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

  • रोज़मर्रा की चिंता से खुद को कुछ कीमती पलों का आराम दें
  • तेज़-तेज़ चलने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल कर उसका लाभ उठाएं।
  • डीप ब्रीदिंग जैसी रेलैक्सिंग टेक्नीक के माध्यम से अपने स्ट्रेस पर काबू पा सकते हैं।

हमारे द्वारी सुझाई एक्सरसाइज के साथ-साथ इन सभी बातों का भी आपकी सेहत पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।



  • Wilmore, J. H., Costill, D. L., & Gleim, G. W. (1995). Physiology of Sport and Exercise. Medicine & Science in Sports & Exercise. https://doi.org/10.1249/00005768-199505000-00024
  • Suvarnnato T, Puntumetakul R, Uthaikhup S, Boucaut R. Effect of specific deep cervical muscle exercises on functional disability, pain intensity, craniovertebral angle, and neck-muscle strength in chronic mechanical neck pain: a randomized controlled trial. J Pain Res. 2019;12:915–925. Published 2019 Mar 7. doi:10.2147/JPR.S190125
  • Falla, D., Jull, G., Russell, T., Vicenzino, B., & Hodges, P. (2007). Effect of Neck Exercise on Sitting Posture in Patients With Chronic Neck Pain. Physical Therapy. https://doi.org/10.2522/ptj.20060009
  • Johnston, V., Jull, G., Souvlis, T., & Jimmieson, N. L. (2008). Neck movement and muscle activity characteristics in female office workers with neck pain. Spine. https://doi.org/10.1097/BRS.0b013e3181657d0d

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।