एल्डर बेरी सिरप : फायदे, सावधानियां और रेसिपी
एल्डर बेरी सिरप ऐसा पेय है जो इसी नाम से जाने वाले पौधे के फल से बनता है। एल्डर (Sambucus nigra) का पेड़ 4-5 मीटर ऊँचा होता है। साम्बुकस नाइग्रा में भूरे रंग के पत्ते और पीले-हरे फूल होते हैं। फल गहरे रंग का, बैंगनी, लगभग काले रंग का होता है।
औषधीय आवश्यकताओं से ट्रेडिशनल बॉटनी इसकी पत्तियों, फूलों और फलों का इस्तेमाल करती है। विशेष रूप से एल्डर बेरी सिरप का उपयोग रेसपिरेटरी रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके दूसरे उपयोग क्या हैं? इसकी तैयारी में किन चीजों की जरूरत होती है? यह सब जानने के लिए पढ़ते रहिये!
एल्डर बेरी सिरप के फायदे
विशेषज्ञों ने अभी तक एल्डर बेरी के पौधे, फूल और फलों की रासायनिक बनावट का निर्धारण नहीं किया है। हालाँकि उन्होंने इसमें विभिन्न पोषक तत्वों (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, मिनरल और विटामिन) और दूसरे कई कंपाउंड की पहचान जरूर की है, जो निम्नानुसार हैं:
- एल्केलॉइड
- साइट्रिक एसिड
- फ्लेवोनॉइड (flavonoid)
- पॉलीफेनोल (polyphenol)
- सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड (Cyanogenetic glycoside) जो सायनाइड पैदा करते हैं
एल्डर बेरी सिरप का सबसे आम उपयोग श्वसन पथ से जुड़े विभिन्न लक्षणों से निपटने में सहायक के रूप में है। उदाहरण के लिए जब म्यूकस मेम्ब्रेन से स्राव हो, नाक बंद हो, अस्थमा अटैक, खांसी या ऐसे ही तमाम रोगों में।
अध्ययनों ने विभिन्न रोगों के इलाज के लिए इस सिरप की प्रभावशीलता को साबित करने की कोशिश की है। दरअसल अध्ययनों से पता चला है कि इन्फ्लूएंजा के लक्षणों वाले रोगी अगर इसकी डेली डोज लें तो उनमें सुधार के लक्षण दिखाई देते हैं, यहां तक कि बिना किसी दूसरी दवा के भी।
दूसरी स्टडी दिखाती हैं कि यह पौधा आम सर्दी के खिलाफ सहायक एजेंट के रूप में भी बहुत उपयोगी हो सकता है। जिन लोगों को कॉन्टिनेन्टल एयर ट्रैवल करना करना था और जिन्होंने एल्डर बेरी सिरप पीया था वे औसतन सर्दी से कम पीड़ित हुए। इसी तरह ऐसे लोगों में इसके लक्षणों की समयसीमा, साथ ही साथ लक्षणों की तीव्रता भी काफी कम थी।
हाल की रिसर्च में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीट्यूमर, एंटी-लिपिड, यहां तक कि एंटीबैडरेंट गुणों को भी एल्डर बेरी में पाया गया है।
विशेषज्ञों का अनुमान यह भी है कि इस पौधे और इसके फल में डायबिटीज, मोटापा, कई मेटाबोलिक बीमारियों और यहां तक कि मूत्र प्रणाली की समस्याओं के इलाज में कोम्पिमेंट के रूप में असाधारण क्षमता मौजूद है।
ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट में लोग श्वसन लक्षणों के इलाज के लिए एल्डर बेरी सिरप का उपयोग करते हैं।
आप यह भी पढ़ सकते हैं: गले में खराश से राहत पाने के नुस्ख़े
एल्डर बेरी के सेवन से जुडी सावधानियां
अब तक हमने जो बताया उसके अनुसार एल्डर बेरी सिरप न केवल असरदार है बल्कि सुरक्षित और यहां तक कि विभिन्न रोगों के इलाज के लिए फायदेमंद भी है। हालाँकि विज्ञान ने अभी तक इन सभी निष्कर्षों की बड़े अध्ययनों से पुष्टि नहीं की है। उन्वेहोंने अभी तक इससे जुड़े रिस्क और संभावित साइड इफेक्ट का आकलन नहीं किया है।
इस लिहाज से आपको एल्डर बेरी सिरप का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, और बतायी गयी खुराक से ज्यादा इसे नहीं लेना चाहिए। हाई डोज का असर नाटकीय हो सकता है, उदाहरण के लिए एल्डर बेरी सिरप एक मजबूत लैक्जेटिव तो है ही, पावरफुल मूत्रवर्धक भी है। इसलिए आपको इसे ऐसी दूसरी दवाओं के साथ कभी भी नहीं मिलाना चाहिए जिनका असर ऐसा ही हो।
इसके अलावा, इसकी कच्ची बेरियों या बिना पके हुए फूलों का सेवन करने से मतली, उल्टी और यहां तक कि तेज नशा भी चढ़ सकता है। इसकी छाल, बीज और हरे फलों में लेक्टिन (lectins) नाम का पदार्थ होता है, जो पेट की समस्याओं का कारण बन सकता है।
ध्यान रखें कि ऊपर बताये गए इसके साइनोजेनेटिक ग्लाइकोसाइड की वजह से शाखाएं, पत्तियां, जड़ें और बीज संभावित रूप से जहरीली होती हैं। किसी प्रोडक्ट में एल्डर बेरी का सेवन करने या बस पौधे के संपर्क में आने भर से भी एलर्जी वाले लोगों में त्वचा पर दाने या सांस की तकलीफ हो सकती है।
बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं या दूध पिलाने वाली माताओं के लिए एल्डर बेरी सिरप की सिफारिश नहीं की जाती है। हालांकि यह दिखाने के लिए कोई डेटा नहीं है कि यह खतरनाक है, पर इसकी भी पुष्टि किसी डेटा में अब तक नहीं हुई है कि यह खाने के लिए सुरक्षित है। इसलिए यदि आप गर्भवती हैं या अभी बच्चे को दूध पिलाती हैं तो एल्डर बेरी वाले प्रोडक्ट से बचें।
आगे पढ़ें: 6 प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते
एल्डर बेरी सिरप की तैयारी
आप रेडीमेड एल्डर बेरी सिरप खरीद सकते हैं। हालाँकि इसे बनाना अपेक्षाकृत सरल है। बेशक हमने पीछे जिन प्रभावों का जिक्र किया है, उनके कारण इसकी तैयारी में सावधानी बरतना जरूरी है।
इस सिरप का सबसे मुख्मुय घटक एल्डर बेरी है, जो ताजा हो सकता है या सूखा हुआ भी चेलगा – आप बाजार में या हर्बलिस्ट से इसे मांगा सकते हैं। अगर आप इस पौधे और इसके पके फल को पहचानना जानते हैं, तो इसे खेत से ताजा भी खुद ला सकते हैं। आपको इस मामले में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि पौधों की दूसरी ऐसी स्पीशीज भी हैं जो मिलती-जुलते हैं लेकिन टॉक्सिक हैं।
आप हर्बल स्टोर से एल्डर बेरी सिरप खरीद सकते हैं, लेकिन चाहे आप अपने घर में भी इसे तैयार कर सकते हैं।
सामग्री
- 2 कप एल्डर बेरी (अगर सूखी हो) (400 ग्राम)
- 4 कप पानी (1 लीटर)
- 1 कप शहद (250 ग्राम)
- अदरक, यह पाउडर भी हो सकती है (20 ग्राम)।
- स्वाद अनुसार दालचीनी, वेनिला या इलायची।
- वैकल्पिक रूप से आप एक अल्कोहलिक ड्रिंक भी दाल सकते हैं, जैसे वोदका; यदि यह शरबत बच्चों के लिए है तो ऐसा नहीं किया जाना चाहिए
तैयारी प्रक्रिया
- पानी के साथ स्टोव पर उबालने के लिए बेरीज, अदरक और दालचीनी (वेनिला या इलायची) को चढ़ाएं। बेहतर होगा किसी सिरेमिक या ग्लास कंटेनर में रखें।
- उबल जाने पर तो आंच काम करे और 45 मिनट तक लो फलें पर रखें।
- फिर उतार लें और इसे ठंडा होने तक छोड़ दें।
- एक सॉफ्ट कपड़े से इसे छान लें।
- अब इसे शहद के साथ और अगर चाहें तो एल्कोहलिक ड्रिंक के साथ मिलाएं।
- आखिरकार किसी ठंडी और सूखी जगह पर इसे स्टेरेलाइज कांच की बोतल में रखें।
एल्डर बेरी सिरप कम मात्रा में ही पियें
वैसे तो इसे बहुत से ट्रेडिशनल नेचुरल प्रोडक्ट और रेसिपी अपनाई जाती रही हैं जो वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित नहीं हैं। पर एल्डर बेरी सिरप के मामले में ऐसा नहीं है, क्योंकि रिसर्च में इसके गुणों और फायदों की अब तक पहचान की जा चुकी है।
लेकिन एक बात जरूर है, एक ऐसा ड्रिंक है जिसे आपको कम मात्रा में ही लेना चाहिए, क्योंकि ज्यादा मात्रा में इसका उलटा असर भी हो सकता है। इसके अलावा बीमारी के लक्षणों को शांत करते समय यह सिर्फ एक कॉम्प्लीमेंट होना चाहिए, क्योंकि यह अभी तक फर्स्ट लाइन की ट्रीटमेंट का हिस्सा नहीं बना है।
यह आपकी रुचि हो सकती है ...