5 शुरुआती चेतावनी देने वाले संकेत फाइब्रोमायेल्जिया के
फाइब्रोमायेल्जिया एक रोग है जिसे दुनिया भर के मेडिकल ऑर्गनाइजेशन (1992 से विश्व स्वास्थ्य संगठन भी) अपनी स्वीकृति देते हैं। निस्संदेह यह महिलाओं में ज़्यादा पाया जाता है।
वर्तमान में फाइब्रोमायेल्जिया विज्ञान और चिकित्सा, दोनों ही क्षेत्रों के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इसकी क्लीनिकल प्रोफाइल और लक्षण बहुत विस्तृत- लागातर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द से लेकर इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और रात में सोते समय दांत पीसने (ब्रक्सिज़्म) की आदत तक होते हैं।
इस स्थाई बीमारी के कारण रोगियों को दर्द के प्रति अति संवेदनशीलता और मूड में बदलाव का अहसास होता है। रोज़मर्रा की ज़िंदगी का दायरा भी सीमित हो जाता है।
यह परेशानी उन्हें शक्तिहीन कर सकती है। इसी कारण ऐसा कोई संपूर्ण और कारगर ट्रीटमेंट बता पाना मुश्किल है जिसकी मदद से रोगी पहले की गुणवत्ता भरी ज़िंदगी जी पाये।
जैसा कि स्थाई रोगों का मुकाबला करने के लिए हमेशा किया जाता है, रोग के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, आप किसी ऐसे सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा बनें जो आपकी विभिन्न उपचारों को आजमाने में तब तक मदद करे, जब तक कि आप सर्वश्रेष्ठ नतीजे न हासिल कर लें।
आज इस पोस्ट में आप जानेंगे फाइब्रोमायेल्जिया के 5 शुरुआती चेतावनी संकेतों के बारें में। इन्हें ध्यान में रखने से आपको इसके उपचार में काफी मदद मिलेगी।
फाइब्रोमायेल्जिया के शुरुआती लक्षण
आइए, शुरुआत करते हैं एक ख़ास बात से। औसतन फाइब्रोमायेल्जिया से ग्रस्त किसी व्यक्ति में उनमें पाए जाने वाले विभिन्न लक्षणों के कारण डायग्नोसिस करने में लंबा वक़्त लगता है।
अंततः सही डायग्नोसिस होने से पहले आपका कई डॉक्टरों और विशेषज्ञों के पास जाना आम बात है। कई बार आपको गठिया होने की बात कह दी जाती है। जबकि फाइब्रोमायेल्जिया उससे कहीं अधिक व्यापक रोग है।
न्यूरोलॉजिस्ट ने यह पाया है कि फाइब्रोमायेल्जिया हड्डियों का रोग नहीं है। बल्कि, इस समस्या की शुरुआत आपके सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम में होती है।
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इसीलिए, आपको हमेशा नीचे बताए गए लक्षणों पर नज़र रखनी चाहिए। अगर ये लगातार बने रहते हैं और अन्य समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं तो तुरंत किसी विशेषज्ञ मिलें और उसकी सलाह लें।
अस्थिकरण या ऑसिफिकेशन (Ossification)
ऑसिफिकेशन वह प्रक्रिया है जिसमें हड्डियों के जोड़ों की गतिशीलता (मोबिलिटी) कम हो जाती है जिसके कारण काफी दर्द होता है।
- शक्तिहीनता का अहसास आम तौर सुबह-सुबह होता है और यह फाइब्रोमायेल्जिया के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक है।
- जब आप लंबे समय तक बैठे या लेटे रहते हैं तो आपका शरीर और जोड़ समन्वित प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।
- तापमान या रिलेटिव ह्यूमिडिटी में बदलाव होने पर भी आपको इस लक्षण का अनुभव हो सकता है।
एक अच्छा उदाहरण यह हो सकता है। मान लीजिए, आप एक एयर कंडीशंड कमरे में हैं। जब आप बाहर निकलते हैं और तापमान में बदलाव महसूस करते हैं तो आपको सिरदर्द के साथ-साथ गर्दन और कंधों की मांसपेशियों में अकड़न का अहसास होने लगता है।
नींद से जुड़ी समस्याएं
अच्छी नींद लेने के बावजूद फाइब्रोमायेल्जिया से ग्रस्त रोगी नींद से जागने के बाद भी थकावट महसूस करते हैं, मानो वे कुछ ही घंटे सोए हैं।
इस विषय पर किए गए कई अध्ययन इंगित करते हैं कि नींद की सबसे गहरी अवस्था में (डेल्टा फेज) आपको शांत करने वाली मस्तिष्क तरंगों में विघ्न पैदा होता है।
इसका अर्थ स्पष्ट है। आपके नींद में होने के बाद भी आप पूरा आराम नहीं कर पाते हैं।
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छोटी-छोटी संज्ञानात्मक विफलताएं (Small Cognitive Failures)
फाइब्रोमायेल्जिया से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर रिपोर्ट करते हैं कि एकाग्र होने में कठिनाई और कुछ विशेष कार्यों पर फोकस करने में देरी जैसे लक्षण सबसे पहले उनकी नज़र में आते हैं।
- इन समस्याओं को ‘फाइब्रो फॉग’ कहते हैं। अक्सर छोटी-छोटी बातें याद न रख पाना और कई चीज़ें एक साथ करने में मुश्किल होना इसकी विशेषताएं हैं।
- यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि ये लक्षण तनाव के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, अगर आप यह तय करना चाहते हैं कि ये लक्षण फाइब्रोमायेल्जिया के कारण हैं या नहीं तो अन्य निर्णायक लक्षणों (जोड़ों में दर्द, थकान, आदि) को भी ध्यान में रखना चाहिए।
पेट में गड़बड़ी
फाइब्रोमायेल्जिया से पीड़ित बहुत से लोगों को पाचन से संबंधित समस्याओं का अनुभव होता है। ये शुरुआत में नज़र आती हैं। इनके लक्षण इस तरह हैंः
- पेट में दर्द, कब्ज़, अतिसार (डायरिया)
- इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम
- भोजन पचाने या निगलने में मुश्किल। विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी फाइब्रोमायेल्जिया के कारण भोजन नली (ईसोफेगस) की मांसपेशियों में भी समस्या पैदा हो जाती है।
मायोफेशियल पेन सिंड्रोम (Myofascial pain syndrome)
मायोफेशियल पेन सिंड्रोम एक न्यूरोमस्कुलर (तंत्रिकाओं और मांसपेशियों से संबंधित) अवस्था है जिसमें मांसपेशियों और कनेक्टिव टिश्यूज में कई कष्टकारी स्पॉट (जिन्हें ट्रिगर पॉइंट कहते हैं) बन जाते हैं।
- अगर आपको अनपेक्षित स्थानों पर बार-बार दर्द अनुभव होता है तो यह इस अवस्था का एक संकेत हो सकता है।
- कभी-कभी केवल एक भारी कंधे पर लटकाने वाला बैग के कारण भी गर्दन, कंधों और यहां तक कोहनी में तेज़ दर्द होने लगता है। यह बात भी हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए।
हमेशा ध्यान रखें कि फाइब्रोमायेल्जिया का असर अलग-अलग व्यक्तियों पर अलग-अलग होता है। इसके लक्षण भी भिन्न हो सकते हैं। हालांकि कई लक्षण एक समान भी होते हैं।
इसीलिए, अगर ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी आपको बार-बार परेशान करता है और आपकी ज़िंदगी की गुणवत्ता प्रभावित कर रहा है तो हम चाहेंगे कि आप तुरंत किसी डॉक्टर की मदद लें।
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