मल का आकार और इसकी रंगत आपके सेहत के बारे में क्या बताते हैं
नॉर्मल स्टूल यानी मल ब्राउन यानी भूरे रंग का होना चाहिए, न तो बहुत हल्का न ही गहरे रंग वाला। इसका टेक्सचर ठोस होना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा भी नहीं।
इन विशेषताओं को पूरा करने के लिए, यह ज़रूरी है कि पाचन के सभी चार चरण पूरे हों:
अंतर्ग्रहण (Ingestion): इसके तहत भोजन आपके शरीर में प्रवेश करता है।
पाचन (Digestion): वह केमिकल प्रोसेस जिसमें भोजन को छोटे मॉलिक्यूल में बदला जाता है।
अवशोषण (Absorption): इस फेज में मॉलिक्यूल पाचन तंत्र से होते हुए खून के प्रवाह तक पहुंचते हैं और फिर अंगों में वितरित क्र दिए जाते हैं।
उत्सर्जन (Egestion): न पचने वाले किसी भी खाद्य अवशेष को शरीर बाहर निकाल देता है।
मल का लगभग 75% भाग पानी से बना होता है। बाकी में भोजन के साथ गए बैक्टीरिया शामिल होते हैं जो पचाए नहीं जा सकते और आपकी आंतों और लिवर से निकले पदार्थ होते हैं।
मल के विभिन्न रंग
हरा
- आपके शरीर से निकले वर्ज्य पदार्थ की इस रंगत का कारण यह हो सकता है कि पित्त को इसे पूरी तरह से तोड़ने का समय नहीं मिला है।
- यह आपकी आंतों और कोलोन में बहुत तेज़ी से गुज़ररा है।
- यह भी हो सकता है कि आपने प्रचुर मात्रा में क्लोरोफिल खाया हो जो सब्जियों, आयरन सप्लीमेंट या डाई में पाया जाता है।
पीला
यह रंग कई कारकों के कारण हो सकता है। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- एक वजह गिल्बर्ट सिंड्रोम (Gilbert’s syndrome) है, जो ब्लड स्ट्रीम में बिलीरुबिन की अधिकता है।
- जियारडिया (Giardia) नाम का बैक्टीरिया भी एक पीले रंग की टोन पैदा कर सकता है।
- अन्य बीमारियों में हेपेटाइटिस और लिवर की असामान्यताएं हैं।
कुछ दुर्लभ मामलों में यह पोषक तत्वों के अवशोषण में अनियमितता के कारण होता है।
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गहरा लाल
आमतौर पर, यह रंग बताता है कि अल्सर, वैरिकोज विन्स या गैस्ट्राइटीस के कारण भीतर कही ब्लीडिंग हुई है। यह एसोफेगस, पेट या छोटी आंत में भी हो सकता है।
कुछ मामलों में, यह डाई वाली सब्जियों या फलों के खाने से होता है, जैसे कि टमाटर, बीट्स या ब्लूबेरी।
ब्राउन
भूरा रंग पूरी तरह से सामान्य माना जाता है। यह वह रंग है जो आपके लिवर से निकले पदार्थों से बनता है।
आप जो खाते हैं, और आपके लीवर से कितना पदार्थ निकल रहा है, इसके आधार पर रंग कुछ अलग हो सकता है। जब तक यह भूरा या थोड़ी हरी रंगत लिए हुए है, तब तक चिंता की कोई बात नहीं है।
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काला (Blackish)
यदि मल बहुत गहरे या काले रंग का हो गया है, तो अपने डॉक्टर से तुरंत मिलें।
- इसके संभावित कारणों में एक तो ऊपरी पाचन तंत्र में ब्लीडिंग है, जो एसोफैगस, पेट या छोटी आंत के क्षेत्र में हो सकता है।
- एक और कारण जमें हुए खून का इकट्ठा होना है।
- कुछ मामलों में, यह कुछ दवाओं के खाने से होता है जैसे कि आयरन।
सफेद
किसी भी परिस्थिति में सफेद रंग का मल सामान्य नहीं है। आपके लिवर या गाल ब्लैडर में कोई समस्या हो सकती है।
सफेद मल हेपेटाइटिस (hepatitis) या सिरोसिस (cirrhosis) का एक लक्षण हो सकता है। एंटासिड भी उन पदार्थों को स्रावित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं जो इसकी रंगत को बहुत हल्का कर देता है।
आप जो भी खाते हैं, उससे सावधान रहें
- पाचन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक फाइबर है, जो कब्ज से लड़ने में मदद करता है, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, और कोलन में कैंसरकारी कोशिकाओं को उभरने से रोकता है।
- अपना भोजन धीरे-धीरे चबाएं। अक्सर हम अपने व्यस्त कार्यक्रम में इसे भूल जाते हैं और इत्मीनान से खाना खाने का समय नहीं निकाल पाते। यह आपके पाचन पर असर डाल सकता है क्योंकि आपका पेट 100% इसे पचाने में सक्षम नहीं है।
- पशु मूल वाले या ऐसे खाद्य जो संजियों में नहीं आते, उन्हें खाने से बचें। डाई, फ्लेवर और दूसरे जहरीले पदार्थों से न केवल आपके मल का रंग बदल जाता है, वे आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- प्रोबायोटिक्स को अपने खाने में ज़रूर शामिल करें। दही और कुछ सप्लीमेंट में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं और आपके मल को सामान्य बनाए रखते हैं।
निष्कर्ष के तौर पर आपके मल की बनावट और रंग में बदलाव कई कारणों से हो सकता है।
किसी भी भीमारी पर काबू पाने के लिए एक्सपर्ट से मिलना ठीक होता है, भले ही वह मामूली हो या गंभीर। जैसा कि आपने देखा है, कभी-कभी यह बदलाव खाए जाने वाले भोजन में मौजू प्राकृतिक और कृत्रिम रंगों के कारण होता है।
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