गलत आदमी के साथ रहने से बेहतर है अकेले रहना
सभी ने यह सुना है, “गलत आदमी के साथ रहने से बेहतर है अकेले रहना।” टॉक्सिक व्यक्ति के साथ रहने की अपेक्षा अकेले रहने के फैसले से बेहतर कोई निर्णय आप नहीं ले सकते।
कभी-कभी हालांकि, स्थितियों, रिश्तों या ऐसे व्यक्तियों से पीछा छुड़ा पाना बहुत मुश्किल हो सकता है जो वास्तव में आपकी ज़िन्दगी को नरक बना रहे हैं।
आप उनके साथ क्यों रहते हैं? जवाब आसान है, डर की वजह से।
अस्वस्थ रहने से बेहतर है अकेले रहना
ज़िन्दगी को दुःख या कड़वाहट से भर लेने की अनुमति देने के मुकाबले अकेले रहना हमेशा बेहतर होता है। कुछ उदाहरण इसे थोड़ा बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे।
32 वर्षीय क्रिस्टीना की कल्पना कीजिये जो पांच साल से अपने मौजूदा साथी के साथ है। हालाँकि अभी कुछ समय से उनका संबंध वैसा सामान्य नहीं रहा।
अब उसे रोज होने वाले झगड़ों से निपटना पड़ता है।
वह खुश नहीं है, वह अब अपने साथी के बारे में वैसा ही महसूस नहीं करती है। पर वह एक ऐसे रिश्ते को छोड़ने से डरती है जो लंबे समय तक चला है। इसके अलावा वह डरती है, उसके पैरेंट क्या कहेंगे?
कई अन्य रिश्तों की तरह क्रिस्टीना ने अपने पार्टनर पर इतना फोकस किया है कि उसके बहुत कम फ्रेंड हैं। यह मामले को और ज्यादा जटिल बना देता है। उसके पास सिर्फ दो विकल्प हैं।
पहला विकल्प है, मौजूदा स्थिति से चिपके रहना, गलत आदमी के साथ किसी तरह दुख और तकलीफ में डूबे ज़िन्दगी गुजारना।
दूसरा ऑप्शन है, डर के बावजूद अपने रिश्ते को खत्म करना। यह उसे एक नए और निश्चित रूप से बेहतर रास्ते की ओर जाने की गारंटी देगा।
यहां तक कि अगर आप अकेले हैं और कई बार असहाय महसूस करते हैं, तो आप ज्यादा शांत, निर्मल और खुश रहेंगे।
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गलत आदमी के साथ अस्वास्थ्यकर संबंध
अक्सर हम जो संबंध बनाते हैं, वे स्वस्थ नहीं होते हैं। उनमें हेरफेर, झूठ या यहां तक कि एब्यूज शामिल हो सकता है।
अहम बात यह है कि खुद से पूछें: वहां बने रहने और उस स्थिति को बनाए रखने से आपको क्या हासिल होता है?
यह साफ़ है कि आप हेल्दी नहीं हैं, क्योंकि आप गलत आदमी के साथ हैं। समस्या यह है कि आप अक्सर डरती भी हैं, और यह आपको दूर होने का फिसला लेने से रोकता है।
जैसा कि आप देख सकती हैं, डर अक्सर उन हालात में आपका पीछा नहीं छोड़ता और जिन लोगों से आप घिरे हैं, उनसे भी आप प्रभावित हो सकती हैं।
किसी फ्रेंड, फैमिली मेंबर या अपने पार्टनर के साथ टॉक्सिक रिलेशन बन सकता है। आप उस रिश्ते को जो अहमियत देते हैं, वह भी यह तय करेगा कि इस तरह की बुरी स्थिति से बाहर निकलना कितना कठिन होने वाला है।
अकेलेपन के अपने डर पर काबू पाने की अहमियत
बहुत से लोग अकेले रहने को विकल्प के रूप में नहीं सोचते हैं। इसका कारण यह गलत धारणा है कि उनके दोस्त या पार्टनर नहीं हैं।
अकेलेपन की कोई अच्छी रेपुटेशन नहीं है। इसलिए लोगों के लिए कुछ रिश्तों को तोड़ पाना मुश्किल होता है, भले ही वे बहुत जहरीले हो जाएँ।
दरअसल आप जो महसूस नहीं कर रहे हैं, वह है कीमती वक्त और ऊर्जा की बर्बादी। यह समय जो आप अपने साथ बिता सकते हैं, अपने को बेहतर तरीके से जान सकते हैं।
आप किसी और को अपने में हेरफेर करने की अनुमति क्यों दे रहे हैं? यह सीखने में आपको उतना वक्त क्यों लगता है, जब तक कोई आपको अपमान और एब्यूज के चरम पर न पहुंचा दे?
इस बारे में सोचें कि क्या आप अपने बाकी दिनों को गतिहीं बिताना चाहते हैं, अनिर्णय की स्थिति में जो आपको अकेले रहने के भय से आज़ाद रखेगा।
हाँ यह सच हे। अकेले रहने का डर एक सीखा हुआ डर है।
हालाँकि, इस बारे में सोचें: अगर आपका कोई प्रिय व्यक्ति आपकी जैसी स्थिति में हो, तो आप हमेशा उसे हालात से बाहर निकलने की सलाह देंगे।
इस तरह आपके सामने साफ़ होगा कि क्या करने की ज़रूरत है।
जब आप खुद ऐसी स्थिति में हों, तो इसका जवाब बदलना शुरू हो जाता है।
गलत व्यक्ति के साथ रहने से अकेले रहना बेहतर है। दर्द और तकलीफ के बदले खुशी चुनना ही बेहतर है। अपने आपको उन लोगों से घेरना बेहतर है जो आपसे छीनने के बजाय आपमें कुछ जोड़ते हैं।
आपको चुनना पड़ता है। आपकी खुशी मायने रखती है और आपके पास दुख, दर्दनाक अनुभवों और बुरा महसूस कराने वाले लोगों में खुद को खोने का वक्त नहीं है।
गलत आदमी के साथ रहने से अकेले रहना बेहतर है।