पारंपरिक हल्दी-बादाम मिल्क: यह अद्भुत सूजनरोधी ड्रिंक क्यों है हज़ारों सालों से उपयोगी?
हम आपको सूजनरोधी (anti-inflammatory) हल्दी-बादाम मिल्क के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने शरीर को सही शेप में बनाए रख सकते हैं। संक्रमण या चोटिल टिशूज़ से पैदा होने वाला असंतुलन अक्सर सूजन का कारण बन सकता है, जिससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
सूजन आपके शरीर की रक्षात्मक प्रतिक्रिया प्रणाली का ही एक हिस्सा होती है। आमतौर पर उसके ये नतीजे होते हैं:
- दर्द
- जोड़ों की जकड़न
- रोज़मर्रा के कामकाज करने में आने वाली परेशानी
हालांकि ज़्यादातर मामलों में उसका असर हमारे जोड़ों पर ही पड़ता है, हमारी मांसपेशियों और परिसंचरण तन्त्र (सर्कुलेटरी सिस्टम) पर भी उसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है। रिसर्च ने तो बल्कि यहाँ तक साबित कर दिखाया है कि हमारे शरीर के कई अंगों में तरल के जमा होने (फ्लूइड रिटेंशन) का सूजन से एक करीबी नाता होता है।
अधिकाँश मामलों में सूजन बस कुछ ही दिनों की मेहमान होती है। लेकिन कुछ विशिष्ट अवस्थायें उसे एक स्थायी समस्या में तब्दील कर देती हैं, जिससे आगे जाकर आपकी जीवन शैली प्रभावित हो जाती है।
खुशकिस्मती से, सूजन के लक्षणों पर नकेल कसने के 100% प्राकृतिक उपाय उपलब्ध हैं। इन उपायों की मदद से हम अन्य स्वास्थ्य-संबंधी समस्याओं से भी पार पा सकते हैं।
उन्हीं में से एक उपाय है हल्दी-बादाम वाला स्वादिष्ट दूध। पोषक तत्वों की अपनी उच्च मात्रा और अपनी शक्तिशाली सूजनरोधी खूबियों की बदौलत हल्दी-बादाम मिल्क अब दुनिया भर में पिया जाने लगा है। हालांकि भारत में हल्दी-बादाम दूध का यह पेय पारंपरिक जीवन शैली का हिस्सा रहा है और आयुर्वेद में हजारों सालों से एक ट्रीटमेंट के रूप में प्रचलित है।
आइए, इसकी खासियत के बारे में आपको बताकर कुछ ही आसान स्टेप्स में इसे घर पर बनाने की विधि से हम आपको रूबरू करवाते हैं।
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हल्दी-बादाम मिल्क (turmeric almond milk drink) के फायदे
हल्दी बादाम वाले दूध की यह सूजनरोधी ड्रिंक (जिसे “गोल्डन मिल्क” के नाम से भी जाना जाता है) जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से निपटने का प्राचीन नुस्खा है।
करक्यूमिन जैसे तत्वों से युक्त इस हल्दी-बादाम मिल्क में हल्दी होती है। एंटीऑक्सीडेंट की इसकी प्रचुर मात्रा और इसके आरामदायक व मूत्रवर्धक प्रभाव (diuretic effects) हमारे शरीर की सूजनरोधी प्रक्रियाओं को नियंत्रित रखने में एक अहम भूमिका निभाते हैं।
और तो और, यह विटामिन, मिनरल और फाइबर का एक नेचुरल स्रोत भी होता है। आखिर में, हमारे हाज़मे, रक्तसंचार और शरीर के अन्य कामकाज को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए ज़रूरी प्रक्रियाओं में सुधार लाने का भी यह एक कमाल का माध्यम होता है।
हल्दी के फायदे (The benefits of turmeric)
वैकल्पिक और प्राकृतिक दवाओं की सूची में शुमार सबसे बेशकीमती औषधीय जड़ों में हल्दी का नाम सबसे ऊपर आता है। इसके पोषण-संबंधी गुणों का लाभ सैंकड़ों वर्षों से उठाया जा रहा है। इसके दो सबसे बड़े फायदे हैं इसके एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी प्रभाव।
हालांकि यह रसोईघर में अपने इस्तेमाल के लिए जानी जाती है, सभी तरह की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले हज़ारों नुस्खों में भी हल्दी का नाम कहीं न कहीं आ ही जाता है।
करक्यूमिन (curcumin) की अपनी अच्छी-ख़ासी मात्रा से इसे अपनी पेनकिलिंग खूबियाँ भी मिलती हैं, जो मांसपेशियों की चोटों और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में एक कमाल की भूमिका निभाती हैं।
मुक्त कणों (free radicals) के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला कर उन्हें हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकने में भी उसका कोई जवाब नहीं होता।
यही नहीं, हल्दी में इन पोषक तत्वों की भी भरमार होती है:
- प्रोटीन
- डाइटरी फाइबर
- विटामिन ए, बी, सी और ई
- मिनरल (कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, आयरन, मैग्नीशियम और ज़िंक)
बादाम वाले दूध के फायदे (The benefits of almond milk)
डेयरी मिल्क के लैक्टोज़-मुक्त विकल्प के रूप में उभरता बादाम वाला दूध आज दुनिया भर में मशहूर हो गया है।
पेड़-पौधों से मिलने वाले इस दूध में कैलोरीज़ की न के बराबर मात्रा होती है व कोई प्रीज़र्वेटिव्स, ग्लूटन (लासा) या कोलेस्ट्रॉल नहीं होता।
साथ ही, बादाम के दूध में विटामिन, मिनरल और फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा होती है। हमारे दिल, सर्कुलेटरी सिस्टम और धमनियों की सेहत के लिए ये सभी पोषक तत्व बहुत अहम होते हैं।
कुल मिलाकर बादाम वाले दूध को नियमित रूप से पीने से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है, रक्त-प्रवाह में सुधार आ जाता है व फ्लूइड रिटेंशन में कमी आ जाती है। इससे आप सूजन से पैदा होने वाले असंतुलन से बचे रह पाते हैं।
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हल्दी-बादाम मिल्क कैसे बनाएं (How to make turmeric almond milk)
आप मानें या न मानें, यह स्वादिष्ट ड्रिंक सिर्फ़ सूजन की वजह से होने वाले आपके दर्द का ही तोड़ नहीं होता। बल्कि यह तो शरीर को “रिचार्ज” करने का एक कमाल का उपाय भी है।
इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और हेल्दी फैट हैं, जिनकी मदद से आप बेहतर शारीरिक और मानसिक उत्पादकता के लिए अपनी कैलोरी को जला सकते हैं।
यह आपके इम्यून सिस्टम के लिए भी फायदेमंद है। सूक्ष्मजीवों के हमलों के खिलाफ आपके रक्षा-कवच को बरक़रार रखने में वह आपकी सहायता जो करता है।
तो चलिए, एक नज़र डालते हैं हल्दी-बादाम मिल्क बनाने की विधि पर:
सामग्री
- बादाम के दूध के तीन कप (600 मिलीलीटर)
- हल्दी पाउडर के तीन चम्मच (30 ग्राम)
- एक चम्मच दालचीनी (5 ग्राम)
- एक चम्मच शहद (25 ग्राम)
बनाने की विधि
- सबसे पहले तो बादाम का दूध बनाकर उसे छान लें।
- फिर हल्दी के पाउडर और दालचीनी को मिक्सर में ब्लेंड कर लें।
- ठीक से मिक्स हो जाने पर थोड़ी-सी शहद डालकर उसे मीठा बना दें।
- अंत में सुबह-सुबह उसके एक गिलास का लुत्फ़ उठाएं।
- आप उसे दुबारा शाम को भी पी सकते हैं।
जब भी सूजन के लक्षणों से परेशान हों, आप तब-तब इस लाजवाब हल्दी-बादाम मिल्क को पी सकते हैं। अपने आहार में इसे किसी नियमित पोषण-संबंधी सप्लीमेंट के तौर पर भी शामिल कर सकते हैं।
नियमित रूप से हल्दी-बादाम मिल्क का सेवन करने से आपका शरीर सभी तरह के रोगों से बचा रहेगा।
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