मैग्नीशियम की कमी के 8 कारण और इसकी पूर्ति के उपाय
मैग्नीशियम एक ऐसा मिनरल है जो आपके स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है, क्योंकि यह आपके तंत्रिका-तंत्र (नर्वस सिस्टम) को नियंत्रित करने में सहायक है, शरीर को आराम पहुँचाता है और मांसपेशी को सुगठित करता है। साथ ही 300 अन्य प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं को भी नियंत्रित करता है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लगभग सारी बीमारियों का संबंध मैग्नीशियम की कमी से है।
इसके अलावा आपके शरीर में विद्युतीय स्तर का संतुलित होना आवश्यक है। यह उन मिनरल में से है जिन्हें अवशोषित करना शरीर के लिए बहुत मुश्किल होता है।
यदि आपकी याददाश्त कमजोर हो रही है, कुछ भी सीखने में कठिनाई हो रही है, मांसपेशियों में खिंचाव हो रहा हो तो ये उन लक्षणों में हो सकते हैं जो इस मिनरल की कमी के कारण दीखते हैं।
हालांकि शुरुआत में यह साधारण सी बात लगती है, पर अच्छा यही है कि इसके निदान में लग जाना चाहिए। इसके कारण की सही समय पर पड़ताल कर लेनी चाहिए।
इसलिए आज हम आपको मैग्नीशियम की कमी के आठ कारणों को बताएंगे और यह भी कि किस तरह के भोजन से इसके सही स्तर को बनाए रखा जा सकता है।
1. मैग्नीशियम की कमी के कारण : सीमित खुराक लेना
मैग्नीशियम की कमी का सबसे मुख्य कारण है कम मात्रा में भोजन करना, जो स्वाभाविक रूप से इसका स्रोत साबित होता है।
अस्वस्थकर और असंतुलित भोजन से समुचित मात्रा में मैग्नीशियम स्तर को बनाए रखना मुश्किल है।
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2. आँतों की समस्याएँ (Intestinal problems)
आपकी आंतों को गड़बड़ी या फिर सम्पूर्ण पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाली समस्याएं मैग्नीशियम की कमी के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
जब आपके शरीर में पाचन क्रिया सुचारु रूप से न हो तो आवश्यक मात्रा में पोषण तत्वों को ग्रहण करना कठिन हो जाता है। इस प्रकार आप मैग्नीशियम से वंचित होने लगते हैं।
3. शराब और रेचक औषधि (laxatives) का सेवन
अत्यधिक मात्रा में मद्यपान से आपके शरीर में तैयार होने वाले विषाक्त पदार्थ, या फिर लैक्जेटिव का सेवन भी मैग्नीशियम का अवशोषण नहीं होने देता।
शराब आपके किडनी की कार्य प्रणाली को बदल देती है और आपके शरीर के टिशू से इस मिनरल को सोख लेने के लिए दोषी हो सकती है।
4. अस्वस्थ किडनी
मैग्नीशियम की कमी भी किडनी खराब हो जाने का एक लक्षण हो सकती है। इसका पता शायद ही चल पाता है, क्योंकि आमतौर पर डाक्टर अपनी जाँच के समय इसकी माप करवाते ही नहीं।
फिर भी, अगर आपको किडनी संबंधी किसी किस्म की खराबी का पता चलता है तो तुरंत इस मिनरल का सेवन बढ़ा देना चाहिए।
5. कुछ दवाएं
सिस्पलैटिन (cisplatin) तथा कुछ विशिष्ट एंटीबायोटिक किडनी की कार्य-प्रणाली में परिवर्तन ला सकती हैं, और आपमें मैग्नीशियम के अवशोषण को रोक सकती हैं।
चिकित्सा करा रहे रोगियों में यह समस्या आम है क्योंकि उन्हें दीर्घ काल तक इन दवाइयों के सेवन से गुजरना पड़ता है।
6. एंडोक्राइन समस्या (Endocrine disorders)
आपकी एंडोक्राइन प्रणाली में अगर समस्या हो, साथ ही थॉयरायड ग्रंथि रोगग्रस्त हो तो, पैराथॉयराड और डायबिटीज इस न्युट्रियेंट के बनने में बाधा पहुँचाती है।
हार्मोन की समस्या भी बड़े परिमाण में मैग्नीशियम की कमी का कारण हो सकती है, यहाँ तक कि मैग्नीशियम की उल्लेखनीय कमी में इसकी भूमिका हो सकती है।
7. अत्यधिक शारीरिक परिश्रम
यह मालूम है कि कड़े शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन के लिए मैग्नीशियम एक अति आवश्यक खनिज है।
जब आप जरूरत से ज्यादा मेहनत करते हैं, तो यह देखा गया है कि मैग्नीशियम का स्तर गिर जाता है।
8. मूत्रवर्धक दवाइयों का दुरुपयोग (Abuse of diuretics)
यह जान लेना बहुत जरूरी है कि मैग्नीशियम पेशाब के साथ निकलता रहता है। अगर आप पेशाब बढ़ाने की दवा (diuretics) ज्यादा परिमाण में ले रहे हैं तो मैग्नीशियम की कमी से प्रभावित हो सकते हैं।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये प्राकृतिक या पेशेवर दवाइयाँ हैं, इनका अत्यधिक उपयोग आपके स्वस्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
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मैग्नीशियम की कमी का इलाज कैसे करें
पुरुषों के लिए प्रति दिन 350 एमजी मैग्नीशियम और महिलाओं के लिए 330 एमजी की जरूरत बताई गयी है।
सप्लीमेंट, साल्ट बाथ या विशिष्ट किस्म के मलहम के उपयोग से आप मैग्नीशियम प्राप्त कर सकते है लेकिन इसकी पूर्ति का सबसे अच्छा तरीका स्वस्थ खाद्य-पदार्थों का सेवन है।
एक व्यक्ति के लिए खाद्य-पदार्थ ग्रहण करने की अत्यधिक निर्धारित सीमा नीचे दी जा रही हैं। नीचे सूचीबद्ध सभी परिमाण प्रत्येक 100 ग्राम के लिए हैं।
- कोकोआ या डार्क चाकलेट : 420 एमजी
- ब्राजील नट्स : 410 एमजी
- सोयाबीन आटा : 230 एमजी
- बादाम (Almonds) : 230 एमजी
- मूंगफली (Peanuts): 180 एमजी
- अखरोट (Walnuts) : 180 एमजी
- हेज़ेलनट : 180 एमजी
- फलियां (बीन्स) : 60 एमजी
- पिस्ता (Pistachios) : 160 एमजी
- अदरक : 130 एमजी
- फलियां (Legumes) : 120 एमजी
- साबूत अनाज (Whole grains): 120 एमजी
- सूरजमुखी के बीज : 120 एमजी
- सूखी समुद्री सिवार (Dried seaweed) : 770 एमजी
- गेहूँ का चोकर : 611 एमजी
- कैवियार : 300 एमजी
- टेबुल सॉल्ट : 290 एमजी
- सूखी ऑरेगैनो (Dried oregano) : 270 एमजी
यह जरूर ध्यान में रखें कि ऊपर जो मात्रा बताई गई हैं वे आनुमानिक हैं। सही मात्रा खाद्य-पदार्थों की गुणवत्ता पर निर्भर करती हैं।
यह भी याद रखें कि ये मात्रा प्रति 100 ग्राम के पैमाने पर आधारित हैं। सभी खाद्य-पदार्थों को एक साथ बतायी गयी मात्रा में नहीं खाना है।
हमेशा संतुलित आहार लेने की कोशिश करें और उचित मात्रा में इनमें से कुछ खाद्य-पदार्थों को भी अपने भोजन में शामिल रखें।
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