7 तरह के टॉक्सिक लोग: खुश रहना चाहते हैं तो इनसे दूर रहें
7 तरह के टॉक्सिक लोग कौन हैं , इस पर पर बात करने से पहले यह जान लें कि हालात जब आपकी अपेक्षा के मुताबिक़ न हों, या फिर आपको किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है, तो इसे नकारात्मक नज़रिये से देखना आम होता है।
लेकिन ऐसी स्थितियों में आपके रवैये से ही यह निर्धारित होता है, आपका व्यक्तित्व मजबूत है या नहीं।
समस्या यह है कि आप हमेशा सही लोगों से नहीं घिरे होते। ऐसे लोगों के निराशावादी विचार आपकी मनोदशा को बद से बदतर बना सकते हैं।
एक नेगेटिव व्यक्ति को अपने आसपास की हर चीज़ नकारात्मक लगती है। उसका सारा ध्यान समस्या का समाधान ढूँढने पर न होकर उसे और जटिल बनाने पर होता है।
ऐसे लोगों की पहचान करना बेहद ज़रूरी होता है क्योंकि मुश्किल हालात का हल खोजने की आपकी कोशिश में वे बाधा बन सकते हैं।
यह भी मुमकिन है कि इस वक़्त आप ऐसे ही किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ बैठे हों और आपको इस बात का कोई अंदाज़ा भी न हो। अगर आप खुश नहीं हैं तो अपनी ज़िन्दगी में आपको इन सात तरह के लोगों से दूरी बनानी शुरू कर देनी चाहिए।
1. टॉक्सिक लोग: अवसरवादी (opportunist)
दुनिया में कई तरह के अवसरवादी लोग होते हैं, लेकिन आज हम अपना ध्यान दो सबसे आम तरह के लोगों पर ही केंद्रित करने जा रहे हैं: अपनी बात मनवा लेने वाले और सहानुभूति चाहने वाले।
पहली श्रेणी में आने वाले लोग अपने सोशल स्टेटस, काबिलियत या क्षमताओं के माध्यम से या तो आपको नीचा दिखाते हैं या फिर आपको खुद पर आश्रित बना लेते हैं। आपसे अपनी बात मनवाने के लिए वे एक रोबदार रवैया अपना सकते हैं। भले ही उनकी बात मानने की आपकी इच्छा भी न हो।
दूसरी तरफ़, सहानुभूति चाहने वाले लोग आपकी हमदर्दी पाने की कोशिश करके आपसे अपनी समस्याओं का समाधान निकलवाने की ताक में रहते हैं, या फिर आपको अपनी मदद करने के लिए मजबूर कर देते हैं।
जहाँ एक तरफ मुश्किल वक़्त से गुज़रते किसी दोस्त की मदद करने में कोई बुराई नहीं है, वहीं हमें इस बात से भी सतर्क रहना चाहिए कि वह उसकी आदत ही न बन जाए।
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2. टॉक्सिक लोग: अपनी ज़िम्मेदारी से दूर भागने वाले
जिस इंसान को अपनी गलतियों का एहसास न हो या जो दूसरों पर उन गलतियों की ज़िम्मेदारी और दोष मढ़ता रहे, वह आपके जीवन पर एक नकारात्मक असर डालने वाला व्यक्ति होता है।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, ऐसे लोगों का रवैया फैलने वाली किसी बीमारी की तरह होता है। देर-सवेर आप भी उसकी चपेट में आ सकते हैं। आमतौर पर ये लोग अपरिपक्व होते हैं, इनमें अपनी चुनौतियों व मुश्किलों का सामना करने की हिम्मत नहीं होती।
अगर आपको जल्द से जल्द ऐसे टॉक्सिक लोग से छुटकारा न मिले तो यह संभव है कि अपनी सभी परेशानियों और जिम्मेदारियों का ठीकरा वे आपके सिर पर ही फोड़ देंगे।
3. आपको पसंद न करने वाले लोग
आपके लाइफस्टाइल, व्यक्तित्व या किसी अन्य निजी गुण की वजह से हो सकता है, आपको ठीक से जाने बगैर ही कोई आपको नापसंद करने लगे।
इसे बदलने के लिए कई लोग ऐसी कोशिशें करने लगते हैं, जिन पर न ही सामने वाले व्यक्ति का कभी ध्यान जाएगा और न ही उसे या उसकी राय पर उनका कोई फर्क पड़ेगा।
कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं, जिन्हें आपका आसपास होना भी खलता हो।
इसीलिए हर किसी को पसंद आने के तरीके ढूँढने के बजाय आपको केवल उन लोगों पर ध्यान देना चाहिए, जो बिना किसी शर्त के आपकी ज़िन्दगी में रहने चाहते हैं।
4. अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर न निकलना चाहने वाले लोग
अगर आप रोमांच और नए अनुभवों से भरा जीवन जीना चाहते हैं तो उन लोगों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है, जो अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलना नहीं चाहते।
ऐसे लोगों को हर चीज़ से डर लगता है। वे इसी फिराक में रहते हैं कि किसी तरह आपके मन में भी उस डर को बिठा दें।
5. आपकी ख़ामियाँ गिनाने वाले लोग
कमियां हर किसी में होती हैं। कभी-कभी किसी और द्वारा उनकी ओर इशारा किया जाना उन पर काबू पाने में हमारी मदद करता है।
लेकिनआपके प्रति सद्भाव के कारण आपके बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर आपकी सकारात्मक रूप से आलोचना करने वाले और आपकी कमियों का फायदा उठाकर आप पर तंज कसने वाले लोगों के बीच आपको फर्क करना आना चाहिए।
अगर आप किसी ऐसे इंसान को जानते हैं, जो आपको गलतियाँ गिनाकर आपकी आलोचना करने का तो कोई मौका नहीं छोड़ता, पर आपकी उपलब्धियों की कभी सराहना नहीं करता? वह वही टॉक्सिक इंसान है, जो अंततः आपके आत्म-सम्मान को कमज़ोर बना देगा।
6. आपके मन में संशय के बीज बोने वाले लोग
कभी-कभी आपको किसी ऐसे इंसान की ज़रूरत होती है, जो आपको किसी काम या स्थिति से संबंधित जोखिमों से आगाह कर सके। लेकिन ऐसे कई ज़हरीले लोग भी होते हैं, जो बस आपके मन में संशय के बीज बोकर आपकी इच्छाओं में बाधा डालने का काम करते हैं।
आमतौर पर वे खुद तो अपने कम्फर्ट ज़ोन में रहकर डर-डर के जीते ही हैं, वे दूसरों को भी अपना ही तरह बना देना चाहते हैं ।
इसीलिए वे आपके काम में बाधा डालने, असुरक्षा की आपकी भावना को बल देने या आपमें नेगेटिविटी भर देने की कोशिश कर सकते हैं।
7. आलसी लोग (Lazy people)
आलस एक फैलने वाली बीमारी होती है। अगर आप आलसी लोगों से घिरे हुए हैं तो देर-सवेर आप भी इससे ग्रस्त हो जाएंगे।
भले ही आप कितने भी मज़बूत व्यक्तित्व वाले क्यों न हो, किसी भी काम को करने से बचने वाले लोगों के बीच निरंतर रहने से आप इस जाल में अवश्य फंस जाएंगे।
अपने सभी कामों को टालने वाले लोगों के साथ बातचीत करने से खुद आपकी प्रोडक्टिविटी में कमी आ सकती है।
अपने जीवन में ऐसे विषाक्त लोगों की पहचान कर लेने के बाद अपने फैसलों, अपने काम या अपनी ख़ुशी पर उनके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए उनसे दूर रहना ही बेहतर होता है।
उनके हथकंडों से पार पाना हमेशा आसान तो नहीं होता, पर आपके समग्र भावनात्मक संतुलन के लिए यह ज़्यादा सेहतमंद ज़रूर होता है।
- Hazy, J. K., & Boyatzis, R. E. (2015). Emotional contagion and proto-organizing in human interaction dynamics. Frontiers in psychology, 6, 806. https://doi.org/10.3389/fpsyg.2015.00806
- Kuang, B., Peng, S., Xie, X., & Hu, P. (2019). Universality vs. Cultural Specificity in the Relations Among Emotional Contagion, Emotion Regulation, and Mood State: An Emotion Process Perspective. Frontiers in psychology, 10, 186. https://doi.org/10.3389/fpsyg.2019.00186