7 सप्लीमेंट जिन्हें वीगन लोगों को लेना चाहिए

बात जब सेहत की हो, तो वीगन मील प्लान के कई फायदे हैं। हालांकि ऐसे कई सप्लीमेंट्स हैं जिन्हें वीगन को लेने चाहिए। आज और जानें!
7 सप्लीमेंट जिन्हें वीगन लोगों को लेना चाहिए

आखिरी अपडेट: 04 फ़रवरी, 2021

कई लोगों का मजबूत विश्वास है कि वीगन डाइट पूरी तरह से स्वस्थ भोजन है। वे पूरी तरह से गलत नहीं हैं, क्योंकि रिसर्च फल और सब्जी खाने के फायदों का समर्थन करता है। हालांकि डाइट टाइप के आधार पर कुछ न्यूट्रीशन से जुड़ी कमियां ज्यादा या कम सीमा तक हो सकती हैं। इसलिए कुछ सप्लीमेंट्स हैं जिन्हें शाकाहारी लोगों को लेना चाहिए।

यह याद रखना चाहिए है कि वीगन डाइट शाकाहारी भोजन जैसी नहीं है। शाकाहारी या वेजिटेरियन लोग मांस या मीट प्रोडक्ट नहीं खाते हैं, पर वे अंडे और डेयरी (ovolactovegetarian) या सिर्फ डेयरी (actovegetarian) प्रोडक्ट खा सकते हैं। दूसरी ओर वीगन लोग अपने डाइट  से एनिमल सोर्स वाले फ़ूड को बाहर करते हैं।

नतीजतन, इस तरह की डाइट की पोषण आवश्यकताओं का दायरा उन चीजों से जुड़ा है, जो हम पौधों से पाते हैं। इसलिए वीगन लोगों को उन पोषक तत्वों को पाने के लिए सप्लीमेंट का सहारा लेना चाहिए जो सिर्फ एनिमल प्रोडक्ट के जरिये मिलते हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए हम आपको उन 7 सप्लीमेंट्स के बारे में बताना चाहते हैं जो वीगन लोगों को लेना चाहिए।

वीगन डाइट से भोजन से जुड़ी क्या कमियां हो सकती हैं?

द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में एक लेख में गिब्सन ने जोर दिया कि वीगन डाइट को कुछ पोषक तत्वों जैसे मिनरल की जैव उपलब्धता में सुधार करने के लिए कुछ पोषक तत्वों का सप्लीमेंट लेना चाहिए जो इस प्रकार हैं:

  • ओमेगा -3 फैटी एसिड
  • आयरन
  • जिंक
  • कैल्शियम
  • आयोडीन
  • विटामिन D
  • विटामिन B 12

सब्जियों में मौजूद फाइटिक एसिड और टैनिन मिनरल को रोक लेते हैं, और इस प्रकार उनके अवशोषण और उपयोग को कम कर देते हैं। इससे कैल्शियम की कमी हड्डी की मजबूती पर असर डाल सकती है। न्यूट्रीशनिस्ट रोजस अलेंदे बताते हैं कि मांसाहारियों के मुकाबले शाकाहारियों में बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) कम होती है। इसलिए यह वीगन लोगों में फ्रैक्चर के जोखिम को 10% तक बढ़ा देता है।

शाकाहारी डाइट से एक और कमी हो सकती है, वह अहि विटामिन B12 की। चिली जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन के अनुसार इसकी कमी विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में 40% से लेकर 90% तक होती है। विटामिन B12 की मात्रा कम होने से ब्लड सिस्टम, त्वचा, म्यूकस मेम्ब्रेन यहां तक ​​कि नर्वस सिस्टम पर असर डाल सकता है।

यूनाइटेड किंगडम के अध्ययनों ने यह भी तय किया है कि वीगन लोगों में विटामिन D की कमी ज्यादा होती है, क्योंकि यह मुख्य रूप से मछली में मिलती है।

वीगन डाइट से भोजन से जुड़ी क्या कमियां हो सकती हैं

वीगन डाइट वाले लोगों को किसी प्रकार की पोषण संबंधी कमी का खतरा होता है क्योंकि वे एनिमल फ़ूड में मौजूद पोषक तत्व नहीं पा सकते हैं।

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7 सप्लीमेंट्स जिन्हें वीगन डाइट वाले लोगों को खाना चाहिए

वीगन डाइट में अहम पोषक तत्व होते हैं जिन्हें आपको अपनी  जरूरतों को पूरा करने के लिए लेना चाहिए। इस तरह आप संभावित पोषण संबंधी कमियों और हेल्थ रिस्क से बच सकते हैं।

साथ ही आपको सब्जियों में मौजूद इन पोषक तत्वों के उपयोग को बेहतर बनाने के लिए कुछ सिफारिशों पर ध्यान देना चाहिए। जो सबसे महत्वपूर्ण हैं? आप उन्हें कैसे पा सकते हैं? पढ़ते रहिये!

1. विटामिन B 12

बोन मैरो और रेड ब्लड सेल्स के बनने के लिए विटामिन B 12 जरूरी है। इसके अलावा यह सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम के मेटाबोलिज्म और डीएनए सिंथेसिस में भाग लेता है।

वीगन डाइट में आप फोर्टिफाइड फ़ूड जैसे अनाज, सब्जियों से ऑर्गनिक खाद, अचार या फर्मेंटेड फ़ूड से विटामिन B 12 पा सकते हैं जो बैक्टीरिया और यीस्ट से तैयार किए गए हैं।

वयस्कों के लिए इसकी रोजाना जरूरत 2.4 mcg है। यदि आपका डॉक्टर सप्लीमेंट तय करे तो आपको स्पेनिश वेजीटेरियन यूनियन के अनुसार रोजाना कम से कम 10 एमसीजी या हफ्ते में 2000 लेना चाहिए। मेडिकल सोसाइटी अभी भी इस तरह की डाइट में सप्लीमेंट लेने  की सलाह देते हैं।

2. विटामिन D

विटामिन D एक हार्मोन की तरह व्यवहार करता है और कैल्शियम मेटाबोलिज्म पर असर डालता है। हड्डियों के लिए कैल्शियम अवशोषण में सुधार करके, आप वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस और बच्चों में रिकेट्स को रोक सकते हैं। वयस्कों में इसकी रोजाना डोज 5 एमसीजी है और 70 से ज्यादा लोगों के लिए 15 एमसीजी तक पहुंच सकती है।

आप मछली के तेल से कोलेलेक्सिफ़ेरॉल (cholecalciferol) या D 3 और यदि पौधे से लें तो D2 के रूप में विटामिन D की खुराक ले सकते हैं। बाद वाले मामले में आपको रोजानन 1000 एमसीजी लेना चाहिए। बेशक आप धूप से भी इस पोषक तत्व को अपने शरीर में बना सकते हैं, हफ्ते में कम से कम 3 बार।

यह जरूरी है कि धूप जितना संभव हो उतना त्वचा तक पहुंचे और उस पर सनस्क्रीन न लगा हो। अगर एक्सपोज़र अपर्याप्त है या यदि आप वीगन डाइट खाते हैं, तो आपको सप्लीमेंट जरूर लेना चाहिए।

3. कैल्शियम

कैल्शियम हड्डियों, दांतों और मेटाबोलिक हेत में संरचनात्मक कामकाज करता है, जैसे कि नर्वस सिस्टम और हार्टबीट का रेगुलेशन। एक वयस्क के लिए इसकी रोजाना जरूरत 1000 एमसीजी है।

वीगन डाइट में नॉन-एब्सोर्बेबल काम्प्लेक्स जैसे कि फाइटेट्स और ऑक्जीलेट कुछ कैल्शियम को ट्रैप कर लेते हैं। आम तौर पर उनका सेवन डेली रेकमेंडेशन से नीचे रहता है।

सब्जियों विशेषकर लेग्युम और अनाज को बनाने में कुछ बदलाव करने पर उनकी जैवउपलब्धता बढ़ सकती है।

कुकिंग, कम से कम 8 घंटे के लिए भिगोने, अंकुरण और वाइल्ड यीस्ट के साथ नेचुरल फर्मेंटेशन बीज के भीतर फाइटेज एंजाइम (phytase enzyme) को सक्रिय कर सकते हैं। यह फाइटेट (phytate) में फंसे हुए कैल्शियम को रिलीज करता है, जिससे इसके अवशोषण की सहूलियत मिलती है।

4. ओमेगा -3 फैटी एसिड

ओमेगा -3 फैटी एसिड कार्डियोवैस्कुलर रोग, डायबिटीज और इम्यून सिस्टम की बीमारियों की रोकथाम में सहायक हैं। सब्ज़ियों में डोकोसाहेक्सैनेओइक एसिड (docosahexaenoic acid, DHA), या ईकोसैपेंटेनोइक एसिड (eicosapentaenoic acid, EPA) होता है, लेकिन उनमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (alpha-linolenic acid, ALA) नहीं होता। शरीर इस फैटी एसिड के लगभग 10% हिस्कोसे को ही बस डीएचए या ईपीए में बदल सकता है। इसलिए उनका सेवन वीगन डाइट में ज्यादा होना चाहिए।

एक्सपर्ट सूरजमुखी और कॉटन ऑयल के ज्यादा उपयोग से बचने की सलाह देते हैं। क्योंकि उनमें ओमेगा 6 होता है, जो अल्फा-लिनोलेनिक एसिड से ट्रांसफार्मेशन में प्रतिस्पर्धा करता है, और ईपीए और डीएचए के संश्लेषण को कम करता है। ओलिव ऑयल उन तेलों की जगह ले सकता है जो ओमेगा 6 से भरपूर होते हैं।

ALA की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वीगन डाइट खाने वाले लोगों को अपने आहार में 1 या 1/2 चम्मच पिसे हुए फ्लैक्ससीड्स या 1 चम्मच कच्चे फ्लेक्ससीड ऑयल को शामिल करना चाहिए। ALA के कम रूपांतरण के कारण माइक्रोएले (microalgae) से प्राप्त EPA और DHA के सप्लीमेंट की जरूरत होती है।

नॉरिस और मेसिना के अनुसार आपको हर 2-3 दिन पर शैवाल से प्राप्त 200-300 मिलीग्राम DHA लेनी चाहिए।


अलसी वेजिटेबल फ़ूड में से एक है जो ओमेगा 3 दे सकता है।

5. आयरन

आयरन की कमी सबसे आम पोषण से जुडी कमी है। यह मिनरल टिशू में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज के लिए जिम्मेदार है, जो नर्वस सिस्टम और एनर्जी मेटाबोलिज्म पर काम करता है।

सब्जियों में गैर-हैमिक आयरन (non-haemic iron) होता है और हम 3% से 8% के बीच एब्ज़ोर्ब करते हैं। वीगन डाइट वाले लोगों को मांसाहारी लोगों की तुलना में रोजाना आयरन की सिफारिश 1.8 गुना ज्यादा की जाती है।

  • अपनी जैवउपलब्धता में सुधार करने के लिए एक्सपर्ट ब्रेड यीस्ट के साथ अंकुरित, भिगोये हुए या फेर्मेंटेड अनाज और लेग्युम का सेवन करने की सलाह देते हैं।
  • आपको भोजन के बाद कॉफी और चाय से बचना चाहिए क्योंकि टैनिन कंटेंट इस मिनरल के अवशोषण को कम करती है।
  • विटामिन C में प्रचुर मात्रा में फल या ड्रिंक का उपयोग आयरन के अवशोषण को 6 गुना बढ़ा देगा।

6. जिंक

उम्र और लिंग के आधार पर जिंक सेवन 3 से 10 मिलीग्राम तक होना चाहिए। यह ट्रेस एलिमेंट प्रोटीन और कोलेजन की सिंथेसिस में भाग लेता है। इसलिए यह घाव भरने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है, विटामिन A के अवशोषण को बढ़ावा देता है और इम्यून रिएक्शन में सुधार करता है।

ओवो या ओवोलैक्टो वेजीटेरियन से उलट वीगन लोगों में जिंक की सबसे बड़ी कमी देखी गई है। सब्जियों में जिंक भी फाइटिक द्वारा ट्रैप किया जाता है। अंकुरण, फर्मेंटेशन, भिगोने, खाना पकाने और छीलने से फाइटिक एसिड बदल जाता है और आंतों में जिंक के अवशोषण में सुधार होता है।

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7. आयोडीन

आयोडीन थायरॉयड ग्लैंड हार्मोन T3 और T4 को बनाने का काम करता है। ये बदले में एनर्जी मेटाबोलिज्म को रेगुलेट करते हैं और सेलुलर ऑक्सीडेशन को बढ़ाते हैं। वयस्कों में इसकी दैनिक जरूरत 150 एमसीजी है, हालांकि वे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान रोजाना 175 एमसीजी और 200 एमसीजी तक बढ़ा सकते हैं।

इसका मुख्य स्रोत मछली, घोंघे, क्रस्टेशियन और शैवाल हैं। वीगन में उनका सेवन बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प शैवाल है जैसे कि केल्प, नॉरिस, आदि हैं जिन्हें हर हफ्ते 3 से 4 बार खाना चाहिए। रोजाना आधा चम्मच आयोडीन युक्त नमक भी इस मिनरल की आवश्यकता को पूरा करता है।

दूसरी ओर आपको कुछ सब्जियों जैसे कि गोभी और लेग्युम से सावधान रहना चाहिए। उन्हें कच्चा खाने से वे डाइट से आयोडीन के अवशोषण को रोकते हैं।

कमियों से बचाव के लिए वीगन डाइट प्लान

पोषक तत्वों की कमी के रिस्क के कारण यह जानना महत्वपूर्ण है कि वीगन डाइट प्लान कैसे बनाई जाए। इसलिए जितना संभव हो, न्यूट्रीशन एक्सपर्ट के पास जाना सबसे अच्छा है। हालांकि सब्जियां वास्तव में बहुत हेल्दी होती हैं, पर यह भी सच है कि वे हमारी सभी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं।

इस कारण अच्छी तरह प्लान करना, अपने भोजन के साथ संतुलन बनाना और कुछ सप्लीमेंट की ओर मुड़ना जरूरी है जो कमियों को पूरा करने में मदद करते हैं। इस तरह अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डाले बिना एक शाकाहारी जीवन शैली जीना संभव है।



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