योनि के फंगल संक्रमण से राहत पाने की 6 तरकीबें
योनि के फंगल संक्रमण को ख़त्म करने के लिए उसे शुष्क और साफ़-सुथरा रखना जितना ज़रूरी होता है, उतना ही ज़रूरी होता है अन्य समस्याओं से बचे रहने के लिए योनि की नेचुरल नमी को बरक़रार रखना।
योनि के फंगल संक्रमण महिलाओं के गुप्तांग के आसपास रहने वाले कई प्रकार के सूक्ष्म जीवों की वजह से पैदा होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम का नतीजा होते हैं।
इस संक्रमण का सबसे आम कारण कैंडिडा एल्बीकैन्स (Candida Albicans) नाम की फफूंद का फैलना है। नम और गर्म जगहें इस फंगस के विकास के अनुकूल होती हैं।
गुप्तांग में खुजली होना, पेशाब से बदबू आना और योनि का लाल हो जाना आदि जैसे अपने लक्षणों की वजह से किसी भी महिला के लिए यह एक असहज एहसास होता है।
इतना ही नहीं, वक़्त के साथ बिगड़ते हालात दर्द, जलन और यौन संबंध बनाने में आने वाली कठिनाइयों का सबब बन सकते हैं।
लेकिन अच्छी बात यह है कि संक्रमण से छुटकारा पाने और उसके लक्षणों को काबू में रखने के लिए आप कुछ सुझावों और घरेलू उपायों को आज़माकर देख सकते हैं।
अगर आप भी ऐसी परेशानियों से ग्रस्त हैं तो आज हम आपको 6 टिप्स देना चाहेंगे।
1. अपने अंगों को शुष्क रखें
ज़रूरत से ज़्यादा नम वातावरण योनि में फफूंद के पनपने के अनुकूल होता है। योनि के बाहरी इलाकों को शुष्क रखने के लिए नहाने या टॉयलेट जाने के बाद उसे अच्छीतरह सुखा लेना चाहिए।
बता दें कि हमारे गुप्तांग अपनी नमी का इंतज़ाम खुद ही कर लेते हैं, और कमाल की बात तो यह है कि उस गीलेपन से किसी तरह के संक्रमण का भी कोई खतरा नहीं होता। उस नमी को बनाए रखना चाहिए, क्योंकि उसमें आने वाले बदलाव बीमारियों को दावत देते हैं।
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2. कॉटन पैंटीज़ का इस्तेमाल
इस संक्रमण के पनपने का सम्बन्ध आमतौर पर पैंटीज़ के कपड़े से भी होता है। नमी को सोखकर गुप्तांग को हवा से वंचित रखने वाला कपड़ा योनि में पैदा होने वाले फंगस के लिए एक प्रजनन स्थान भी बन सकता है।
गुप्तांग को साफ़-सुथरा रखकर उसे अत्यधिक नमी और गर्मी से बचाए रखने में कॉटन पैंटीज़ का कोई विकल्प नहीं होता।
पूल से निकलते ही अपने गीले स्विम सूट को पहनने से बचना चाहिए क्योंकि जितनी देर तक कपड़े गीले रहेंगे, किसी न किसी संक्रमण से ग्रस्त हो जाने का खतरा भी उतना ही बढ़ जाएगा।
ढीले कपड़े पहनने से भी परहेज़ करना चाहिए, खासकर अगर आप कैंडिडिआसिस (candidiasis) के लक्षणों से परेशान हैं।
3. सफ़ाई की आदतों में सुधार लाएं
स्वस्थ योनि के लिए उसकी दैनिक साफ़-सफ़ाई से बढ़कर कुछ नहीं होता। संक्रमित जगह को प्यार से असुगंधित साबुन से दिन में दो बार धोएं।
ध्यान रखें, पैंटीज़ साफ़-सुथरी और सूखी हों, खासकर अगर बहुत ज़्यादा पेशाब आता है।
बाथरूम जाने के बाद गुप्तांग की आगे से लेकर पीछे तक सफ़ाई कर लेनी चाहिए। ऐसा करके फंगस और बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है।
4. यौन संबंधों से बचें
भले ही फंगल संक्रमण कोई गंभीर समस्या न हो, पर उनके उभरते समय शारीरिक संबंधों से परहेज़ करना ही बेहतर होता है।
संक्रमण के ठीक होने से पहले शारीरिक सम्बन्ध बनाने से उसके जल्दी ठीक हो जाने की संभावना कम हो जाती है। कभी-कभी तो वह दूसरे पार्टनर की परेशानी का कारण भी बन सकता है।
5. सुगन्धित चीज़ों का इस्तेमाल न करें
गुप्तांग में परफ्यूम, डिओडोरेंट और अन्य सुगन्धित चीज़ों के इस्तेमाल से योनि की माइक्रोबियल फ्लोरा पर तो असर पड़ता ही है, वहाँ फंगस के विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
इन चीज़ों में मौजूद रासायनिक पदार्थ योनि के पी.एच. से मेल नहीं खाते और अक्सर उसमें एक नुकसानदायक असंतुलन का कारण बन जाते हैं।
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6. दही
सादी दही योनि के प्राकृतिक पी.एच. को नियंत्रित करने वाले जीवित जीवाणु-समूहों और नेचुरल एसिड से युक्त होती है।
कैंडिडिआसिस और बैक्टीरियल संक्रमण के सबसे कारगर इलाजों में से यह एक है, क्योंकि फायदेमंद बैक्टीरिया घातक सूक्ष्मजीवियों के नकारात्मक प्रभावों से योनि की रक्षा करता है।
हमें रोज़ाना एक चम्मच दही खाना चाहिए। इसे योनि के बाहरी भाग में भी लगाया जा सकता है।
7. योनि को एप्पल साइडर विनेगर से धोएं
एप्पल साइडर विनेगर के एंटीमाइक्रोबियल गुण इस संक्रमण के ज़िम्मेदार बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार साबित होते हैं।
इस सिरके में मौजूद एसिड आपकी योनि के पी.एच. स्तर को बदलकर फफूंद के पैदा होने के लिए ज़रूरी परिस्थितियों में बदलाव ले आता है।
इससे आपको खुजली, लाली और अत्यधिक मात्रा में आते पीले रंग के पेशाब से राहत मिलती है।
सामग्री
- दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर (20 मिलीलीटर)
- एक लीटर गर्म पानी
निर्देश
- दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को गर्म पानी में मिलाकर पतला कर लें। इस मिश्रण से योनि के बाहरी हिस्सों की सफाई करें।
- संक्रमण के गायब हो जाने तक इस प्रक्रिया को रोज़ाना दो बार दोहराएं।
उपर्युक्त सभी सुझाव फफूंद की वजह से होने वाले योनि के संक्रमण से निजात पाने के कारगर और प्राकृतिक उपाय हैं।
इन नुस्खों को आज़माने के कुछ दिन बाद भी अगर आपको सकारात्मक नतीजे न दिखाएं दें तो और विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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