5 लक्षण जो बताते हैं, आपको ग्लूटेन खाना बंद कर देना चाहिए
इस समस्या के बारे में हर दिन बहुत कुछ नया पता चल रहा है, और पहचान किये गये मामलों में बढ़ोत्तरी के साथ, बहुत से लोग आश्चर्य करने लगे हैं कि उन्हें अपने खाने से ग्लूटेन को हटाना पड़ेगा।
यहां तक कि कुछ लोगों ने तो बिना किसी समस्या का अनुभव किये ही ऐसा करने का फैसला लिया है। यही कारण है कि हमें इस विषय पर एक आर्टिकल लिखने की जरूरत महसूस हो रही है।
हमें यह लगता है, आपको उन सभी मुख्य लक्षणों के बारे में जानकारी देना ज़रूरी है जो तब दिखाई देते हैं जब आपको ग्लूटेन को मेटाबोलाइज़ करने में परेशानी होती है।
सबसे पहले, आपको यह पता होना चाहिये कि ग्लूटेन और सीलिएक रोग के लिये संवेदनशीलता दो अलग-अलग चीजें हैं।
पहले वाले में, कुछ लक्षण होते हैं जो दिखाई देते हैं, जबकि सीलिएक रोग में एक पूरी ऑटो-इम्यून प्रोसेस प्रभावित होती है।
- यह विपरीत प्रतिक्रियाओं की एक शृंखला है जो शरीर के माध्यम से आपको यह चेतावनी देने के लिए चलती है कि कुछ गड़बड़ है। यह इतनी तेज़ हो सकती है कि इनमें से किसी एक संकट के दौरान आपकी ज़िंदगी खतरे में पड़ सकती है।
- दूसरी ओर, अगर आप ग्लूटेन इंटॉलरेंट हैं, तो साइड इफेक्ट कष्टदायक हो सकते हैं लेकिन, वे शायद ही कभी आपकी जिंदगी के लिए ख़तरा बनें।
तो, ग्लूटेन क्या है?
इसे ग्लाइकोप्रोटीन के रूप में परिभाषित किया गया है। ग्लूटन पानी के अणुओं को आपस में बांध देता है यह खाने को गाढ़ा कर देता है जिसे आप खाते हैं।
नतीजा यह होता है कि यह पाचन को और मुश्किल बना देता है क्योंकि आपके द्वारा खाए गए खाने को तोड़ना बहुत कठिन हो जाता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे प्रोसेस्ड फूड हैं या नहीं हैं, अनाज में ग्लूटेन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है।
प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की एक बहुत बड़ी संख्या में भी बहुत ज्यादा मात्रा में ग्लूटेन पाया जाता है।
यही कारण है कि डॉक्टर आपको अपने खाने की चीजों के लेबल की अच्छे से जांच-परख करने की सलाह देते हैं, चाहे आप ग्लूटेन सेंसिटिव हों या सीलिएक रोग से पीड़ित हों।
अपनी डाइट से ग्लूटेन को तब हटायें जब
1. पाचन संबंधी समस्यायें (Digestive discomfort)
यह सबसे स्पष्ट दिखने वाले लक्षणों में से एक है। यह गैस, कब्ज या डायरिया के रूप में दिखाई दे सकता है … और यह हमेशा एक अलग तरीके से सामने आता है।
कभी-कभी आप पेट फूला हुआ भी महसूस कर सकते हैं, जबकि बाकी समय आपको कब्ज की शिकायत रह सकती है। इसके साथ-साथ आपको कोलाइटिस की दिक्कत हो सकती है, भले ही आपने अपनी डाइट नहीं बदली हो।
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2. बाहों के पिछले हिस्से की त्वचा पर उभार (bumps) बन जाते हैं
इस घटना का वैज्ञानिक नाम केरेटोसिस पिलारिस (keratosis pilaris) है, लेकिन आप इसे “रोंगटे” (goosebumps) के रूप में ज्यादा बेहतर तरीके से जानते होंगे।
जैसा कि आप जानते हैं, आपके रोंगटे खड़े तब होते हैं जब आप गाने पर नाचते हैं या किसी भावुक स्थिति में एक दोस्त को सहानुभूति देते हैं।
हालांकि, यह आस्तीनों के पीछे बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हो सकते हैं।
अगर आपके साथ लगातार ऐसा होता है, तो आप अपने खाने से ग्लूटन को हटाने के बारे में सोच सकते हैं। इन घटनाओं का कारण विटामिन A की कमी है, जो पोषक तत्वों के ठीक से संश्लेषण नहीं होने के कारण होता है।
3. थकान (Fatigue)
खाने के बाद थोड़ी थकान महसूस होना आम बात है। यह ऐसा मामला नहीं है जब एक भोजन वास्तव में इस अहसास को और ज्यादा बढ़ा देता है।
जब कभी ऐसा होता है, तो ध्यान दीजिए कि आप ग्लूटेन मिली चीजों का सेवन कर रहे थे या नहीं।
4. चक्कर आना या सिरदर्द (Dizziness or headaches)
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं उन लोगों में बहुत आम हैं जो ग्लूटन के प्रति संवेदनशील हैं या जिन्हें सीलिएक रोग है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके मस्तिष्क तक पहुंचने वाला खून उस तरह से नहीं पहुँचता है जैसे उसे पहुंचना चाहिये, जो इस हिस्से में समस्याओं की वजह बनता है।
पिछले मामले में जो होता है उससे अलग, इसमें तुरंत प्रतिक्रिया नहीं होती है, इसलिए खुद की निगरानी करना केवल तभी फ़ायदेमंद होगा अगर आप ग्लाइकोप्रोटीन का सेवन कभी नहीं करते हैं।
अगर आपको कुछ सुधार दिखाई देते हैं, तो जितना हो सके आपको अपने खाने से ग्लूटेन को हटा देना चाहिये।
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5. हार्मोनल गड़बड़ियाँ (Hormonal complications)
सबसे आम हार्मोनल समस्याएं जो ग्लूटेन के इन्टालरेन्स के कारण होती हैं:
- प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम
- पॉलीसिस्टिक ओवेरियस
- बिना किसी स्पष्ट कारण के बांझपन
अगर यह समस्याएं ग्लूटेन से जुड़ी हों, तो एक स्त्री रोग विशेषज्ञ आपको कुछ समाधान दे सकते हैं। याद रखें कि आपको साल में एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना होगा।
एक चिकित्सकीय दृष्टिकोण से ग्लूटन सेन्सिटिविटी और सीलिएक रोग का पता लगाना आसान है।
इसलिए, अगर आपने इनमें से किसी भी लक्षण की पहचान की है, तो आपको सही डायग्नोसिस के लिए किसी स्पेशलिस्ट के पास जाना चाहिए।
किस्मत से, ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो अब इन समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए उपलब्ध हैं।
उसके अलावा, बड़े ब्रैंड हर दिन ग्लूटेन-फ्री फूड्स की आपूर्ति बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। कुछ साल पहले की समस्याएं अब इतिहास बन चुके हैं।
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