5 सुझाव जिनसे आप पा सकते हैं एंग्जायटी पर काबू

एंग्जायटी यानी बेचैनी या घबराहट एक ऐसी स्थिति है जो भावनाओं को नियंत्रित करती है और असंतुलन पैदा करती है। पर इसके प्रभावों को उलटा जा सकता है। यहाँ हम आपको एंग्जायटी पर काबू पाने के कुछ उपाय बताएँगे।
5 सुझाव जिनसे आप पा सकते हैं एंग्जायटी पर काबू

आखिरी अपडेट: 01 फ़रवरी, 2019

सबसे अहम बात जो आपको जानना चाहिए वह यह है कि, एंग्जायटी लोगों के लिए बहुत ज़रूरी होती है; प्रतिकूल स्थितियों में इसे एक कंट्रोल प्रक्रिया की तरह देखा जाता है, खासकर जब खतरे की स्थिति हो।

किसी घटना का अनुमान करके या उस पर प्रतिक्रिया करते समय शरीर का एंग्जायटी से भरा होना बहुत स्वाभाविक बात है, जो आपको सतर्क और चौकन्ना बनाए रखता है। हालांकि, एंग्जायटी हद से ज्यादा बढ़ सकती है और इसके उद्देश्य का महत्व खत्म हो जाता है।

ऐसे में यह चौकन्ना बनाए रखने वाली एक प्रतिक्रिया से दिलो-दिमाग की एक भावनात्मक स्थिति में बदल जाती है। ऐसा कई कारणों से होता है। इन्हें तीन मुख्य भागों में बाँटा जाता है।

प्रवृति से जुड़े कारण (Predisposition Factors)

  • जैविक और अनुवांशिक
  • सामाजिक परिस्थिति और शिक्षा
  • व्यक्तित्व और लाइफस्टाइल

उत्तेजित करने वाले कारण (Activation Factors)

एंग्जायटी के उत्तेजित करने वाले कारण
  • ड्रग्स या उत्तेजक पदार्थ लेना
  • कुछ हासिल कर पाने में समस्याएं आना
  • यह जानना कि आपको कड़ी मेहनत करनी है या कोई बड़ा बदलाव लाना है।

रखरखाव से जुड़े कारण (Maintenance Factors)

  • क्षमता में गिरावट या तर्क क्षमता का नाश
  • प्रतिकूल समाधान
  • समस्याओं का गलत तरीके से सामना करना

एंजाइटी के बारे में कुछ और बातें

इस स्थिति को कई बार डिप्रेशन से जोड़ा जाता है, क्योंकि इनके लक्षण और प्रतिक्रियाएं काफी कुछ मिलती-जुलती हैं।

अन्य लक्षणों के साथ अकारण होने वाली थकान, पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ना और चक्कर आना एंग्जायटी का संकेत देते हैं। ये आपके जीवन की गुणवत्ता को घटा सकते हैं। इनका इलाज किसी प्रोफेशनल की मदद से ही किया जाना चाहिए

एंग्जायटी पर काबू पाने के लिए हमारी सलाहें

एंग्जायटी के जटिल समस्या होने के बावजूद, अपने लक्षणों से निपटने के कई तरीके मौजूद हैं।

यह जानना लेना अहम है कि ऐसी स्थिति में आप बताये जाने वाले कुछ तरीकों पर निर्भर कर सकते हैं जो अच्छा काम करते हैं। यहाँ हम एंग्जायटी से पीड़ित लोगों के लिए सबसे ज्यादा मददगार कुछ ऐसे ही तरीकों का खुलासा करेंगे। यह मौका हाथ से न जाने दें!

अपनी भावनाओं के बारे में बताएं

एंग्जायटी से भरे लोगों की सबसे आम दिक्कत यह होती है कि वे अपनी भावनाओं और विचारों को बड़ी मुश्किल से अभिव्यक्त कर पाते हैं। इस कठिनाई के साथ उनमें खुद के दमन की एक प्रवृत्ति भी आती है।

एंग्जायटी पर काबू पाने के सुझाव

इसी वजह से, यह कहा जाता है कि आप अपनी भावनाओं को जब भी संभव हो कह डालें। इसकी प्रैक्टिस करने का सबसे अच्छा तरीका अपने करीबी लोगों से शुरुआत करना है, अक्सर अपनी फैमिली से।

जैसे-जैसे कामयाबी मिले, एक ज्यादा मुश्किल लक्ष्य सामने रखते जाएँ : अपने दोस्तों और जान पहचान वालों के सामने अपनी भावनाओं को कहना। इससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

लिखें

बातचीत के जरिए आसपास की सोशल सर्कल में अपनी भावनाओं को कहना और समझाना ही सिर्फ अच्छे नतीजे पाने का एकमात्र तरीका नहीं है। लिख कर इसे करना भी एक शानदार विकल्प है।

यह एक्सरसाइज एंग्जायटी से भरे लोगों के लिए बहुत बढ़िया है, खासकर अगर उन्हें सबके सामने बोलना हो। बस नोटपैड और पेंसिल उठाइए और कोशिश करके देखिए; सिर्फ इन दो चीजों से आप किसी भी तरह के विचारों को बाहर ला पाएंगे, चाहे यह आपके बारे में हो या आसपास के लोगों के बारे में।

अगर आप इसे और आगे बढ़ाना चाहते हैं तो एक डायरी भी रख सकते हैं जिससे हर बीते दिन के साथ अपनी प्रोग्रेस देख पाएं।

खुद को जानने के लिए समय निकालें

एंजाइटी के लक्षणों को कम करने के लिए अलग-अलग तरीके की कई एक्टिविटी हैं जिन्हें आप कर सकते हैं। हालांकि इनमें गुणवत्ता ज्यादा अहम है, संख्या कम।

अगर आप इन्हें करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, तो ये तरीके कभी-कभी नाकाफी होते हैं। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका खुद को जानना होता है।

वैसे ज़रूरी नहीं कि इसे आप तभी करें जब आपको घबराहट या बेचैनी हो। इसे किसी भी समय कर सकते हैं और यह जान सकते हैं किस बात ने शुरू किया था।

इसे करने का एक अच्छा रास्ता पढ़ना और खुद को खेल वगैरह में लगा देना है। यह एक ऐसा मौका होता है जहां आप खुद को जान सकें ताकि आप फैसले ले पाएं और अपने लक्षणों को काबू में रख पाएं।

हंसें

छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढना स्ट्रेस को घटाता है और एंग्जायटी को भी कम कर सकता है।

एंग्जायटी पर काबू पाने के लिए खूब हँसें

ह्यूमर यानी मज़ाक खुशी से एक कदम ऊपर होता है; एक हंसी आपके लिए बहुत अच्छी होती है, खासतौर पर जब वह खुद-से आए और सच्ची हो।

हंसना और अच्छा ह्यूमर फैलाना एंग्जायटी का इलाज करने में मदद करता है। साथ ही यह सामाजिक और शारीरिक स्तर पर जिंदगी को अधिक सरल बनाता है।

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज करते समय निकलने वाले हार्मोन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इनमें से एक हॉर्मोन एंडोर्फिन भी हैं। ये हॉर्मोन सेहत और खुशमिजाजी के लिए जिम्मेदार होते हैं।

इस वजह से, यह एंग्जायटी के लक्षणों पर नियंत्रण पाने का बहुत असरदार माध्यम है।



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  • Root, B. A. (2000). Understanding panic and other anxiety disorders. Jackson: University Press of Mississippi.
  • Veeraraghavan, V., & Singh, S. (2002). Anxiety disorders: psychological assessment and treatment. New Delhi; Thousand Oaks, CA: Sage Publications.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।