5 तिब्बती आसन जिनसे आप युवा महसूस करेंगे
हर कोई ढलती उम्र का मुकाबला करना चाहता है। बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि कुछ आसन इसमें आपकी मदद करते हैं।
इन तिब्बती आसनों पर ध्यान दें। ये आपको युवा महसूस करने में मदद कर सकते हैं। शरीर की उम्र से कुछ साल निकाल देना कोई मुश्किल काम नहीं है।
मुद्राओं और एक्सरसाइज की एक सीरीज़ यहाँ है जो आपकी मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग के लिए जिम्मेदार हैं।
इस मामले में एक-दो दोहराव की सेट से इन्हें शुरू करना और हर हफ़्ते इसमें एक दोहराव जोड़ते हुए आगे बढ़ना सबसे अच्छा होता है।
इस दिनचर्या में कुछ शारीरिक गतिविधियां भी जोड़ें और आप अपने आपको ज्यादा युवा महसूस करेंगे।
इस स्ट्रेचिंग का रहस्य यह है कि ये आपके एंडोक्राइन सिस्टम की ग्रंथियों को सक्रिय करते हैं, उन्हें बढ़ावा देते हैं।
जैसा कि आप जानते हैं, यह सिस्टम शरीर के समग्र कार्य और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया, साथ ही वजन बढ़ने या घटने को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।
आइये इन आसनों की मुद्राओं को देखते हैं:
खड़े होकर
पहली एक्सरसाइज खड़े होकर की जाती है।
- इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएँ और अपनी बाँहों को फैलाएं। इन्हें जमीन के समानांतर होना चाहिए और हथेलियों को नीचे होना चाहिए।
- आपकी बाँहों को कंधों की सीध में होना चाहिए।
- अपने शरीर को क्लॉक वाइज घुमाएं। एक छोटी सी सलाहहै, घूमने से पहले, अपनी नज़र को एक बिंदु पर फोकस करने की कोशिश करें।
- घूमते समय अपनी नज़र को जितनी ज्यादा देर तक हो सके उस पॉइंट पर रखें।
इसे भी पढ़ें: 40 की उम्र से ऊपर वाले लोगों के लिए आदर्श एक्सरसाइज
लेटकर
दूसरा आसन करने के लिए आपको अपना चेहरा ऊपर की ओर रखकर जमीन पर लेटना है।
- बाँहों को अपने शरीर की बगल में पूरा फैलाएं और उंगलियों को इकट्ठे रखकर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें।
- अब अपने सिर को जमीन पर से उठाएं और ठोड़ी को छाती की ओर ले जाएँ।
- इस मुद्रा को ज्यादा कारगर बनाने के लिए आप घुटनों को झुकाए बिना अपने पैरों को थोड़ा उठा सकते हैं।
- धीरे-धीरे अपने पैरों और सिर दोनों को जमीन पर नीचे लाएं। हमेशा अपने घुठनों को सीधा रखें। सुनिश्चित करें कि आपकी मांसपेशियों को आराम मिल गया है और फिर इसे दोहराएं।
- जब आप अपने सिर और पैरों को उठाते हैं, तो गहरी साँस लेना न भूलें। उन्हें नीचे लाते समय साँस को बाहर निकालें।
घुटने टेककर
इस आसन में अपने शरीर को सीधा रखकर जमीन पर घुठने टेकने हैं। हाथों को अपनी निचली पीठ पर रखना चाहिए।
- अपने सिर और गर्दन को आगे झुकाएं और ठोड़ी को अपनी छाती तक लाएं।
- आपको अपनी रीढ़ की हड्डी को पीछे झुकाकर सिर और गर्दन को पीछे की ओर खींचना चाहिए।
- जब आप स्ट्रेच करते हैं, तो पैर की उंगलियों को मुड़ा हुआ होना चाहिए।
- बाँहों और हाथों को अपने पैरों की बगल में रखें। इस एक्सरसाइज को फिर से शुरू करने से पहले अपने शरीर को वापस सीधी पोज़ीशन में लाएं।
- रीढ़ की हड्डी को झुकाते समय साँस लेना और शुरुआती पोज़ीशन पर वापस आते समय साँस को बाहर निकालना न भूलें।
बैठकर
इस आसन को करने के लिए आपको अपनी टांगों को आगे बाहर की ओर फैलाकर, अपने पैरों को अलग रखकर एक कुर्सी पर बैठने की ज़रूरत होगी।
- सीधे बैठकर हाथों की हथेलियों को अपनी हिप्स की बगल में कुर्सी पर रखें।
- अब अपनी ठोड़ी को छाती की ओर आगे ले जाएँ और सिर को जितना पीछे तक ले जा सकते हैं उतना ले जाएँ।
- अपने शरीर को उठाने के लिए अपनी हथेलियों से कुर्सी को दबाएं ताकि आपके घुटने थोड़ा झुकें और बाँहें सीधी रहें।
- अपने शरीर की सभी मांसपेशियों को कसें और शुरुआती पोज़ीशन पर लौटें।
- उठते समय साँस लेना, अपनी मांसपेशियों को कसते समय साँस को रोकना और जमीन की ओर नीचे आते समय साँस को बाहर निकालना न भूलें।
इसे भी पढ़ें : 4 मिनट की जापानी ट्रिक से बनायें पत्थर की तरह सख्त ऐब्स
चेहरे को नीचे करके आसन करें
- इस आख़िरी आसन को करने के लिए पेट के बल लेटने की ज़रूरत होगी।
- आपकी हथेलियां जिनको आप जमीन पर नीचे की ओर रखेंगे, और आपके पैरों की उंगलियां जिनको आप एक फ्लेक्स पोज़ीशन में बनाए रखेंगे, आपके सपोर्ट के पॉइंट होंगे।
- आपके हाथ और पैर दोनों सीधे रहने चाहिए।
- अपनी बाँहों को जमीन पर लंबवत रखना चाहिए और अपनी रीढ़ की हड्डी को झुकाना चाहिए ताकि आपका शरीर एक आरामदायक पोज़ीशन में हो।
- अब जितना हो सके उतना अपने सिर को पीछे खींचेंगे।
- हिप्स पर झुकते हुए अपने शरीर को ऊपर उठाएं और एक उलटा “V” शेप बनाएं।
- उसी समय, अपनी ठोड़ी को अपनी छाती की ओर आगे लाएं।
- अपने शरीर को उठाते समय गहरी साँस लेना और खुद को शुरुआती पोज़ीशन पर नीचे लाते समय साँस को पूरी तरह से बाहर निकालना याद रखें।
- Cohen, L., Warneke, C., Fouladi, R. T., Rodriguez, M. A., & Chaoul-Reich, A. (2004). Psychological Adjustment and Sleep Quality in a Randomized Trial of the Effects of a Tibetan Yoga Intervention in Patients with Lymphoma. Cancer. https://doi.org/10.1002/cncr.20236
- Shiv Basant Kumar, Rashmi Yadav, Raj Kumar Yadav, Madhuri Tolahunase, and Rima Dada
The Journal of Alternative and Complementary Medicine 2015 21:6, 370-372 - Chaoul, A., Milbury, K., Spelman, A., Basen-Engquist, K., Hall, M. H., Wei, Q., Shih, Y. T., Arun, B., Valero, V., Perkins, G. H., Babiera, G. V., Wangyal, T., Engle, R., Harrison, C. A., Li, Y., & Cohen, L. (2018). Randomized trial of Tibetan yoga in patients with breast cancer undergoing chemotherapy. Cancer, 124(1), 36–45. https://doi.org/10.1002/cncr.30938
- Kaduskar, P., & Suryanarayana, K. M. (2015). Yoga: An endocrine therapy. Indian journal of endocrinology and metabolism, 19(3), 437–438. https://doi.org/10.4103/2230-8210.152801