पैपिलरी एडिमा या पैपिल्डेमा क्या है?
पैपिलरी एडिमा, जिसे पैपिल्डेमा के नाम सभी जाना जाता है, ऐसी गडबडी है जो आँखों में होती है। यह बढ़े हुए इंट्राक्रैनील प्रेशर के कारण रेटिना के सबसे करीब मौजूद ऑप्टिकल नर्व की सूजन से जुड़ा होता है।
कुछ मामलों में यह गड़बड़ी बिना किसी लक्षण के होती है, जबकि दूसरे मामलों में यह नजर को प्रभावित करती है। समस्या यह है कि, इस बीमारी के पीछे ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर समस्याएं छिपी हो सकती हैं। इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको वह सब कुछ समझाएंगे जो आपको जानना चाहिए।
पैपिलरी एडिमा क्या है?
जैसा कि हमने ऊपर बताया, पैपिलरी एडिमा में आंख के ऑप्टिकल पैपिला की सूजन होती है। आमतौर पर यह ऑप्टिकल डिस्क के चारों ओर बाईलेटरल एडिमा के रूप में एक ही समय पर दोनों आंखों में होता है।
इंट्राक्रानियल हाई ब्लडप्रेशर इस रोग की जड़ है। खोपड़ी में हड्डियों की एक निश्चित बनावट होती जिसके भीतर हम विभिन्न अंगों और पदार्थों को पाते हैं। उनमें से एक है मस्तिष्कमेरु द्रव (cerebrospinal fluid) है। हड्डियों के इस बॉक्स के भीतर अगर इसका आयतन बढ़ जाए तो यह दबाव बढाता है।
पैपिलरी एडिमा तब होती है जब इंट्राक्रैनील प्रेशर 200 मिलीमीटर के पानी के दबाव से ऊपर बढ़ जाता है। यह बढ़ोतरी किसी ग्रोथ या ट्यूमर के कारण हो सकती है। दूसरी ओर यह सेरिब्रोस्पाइनल फ्लूइड की मात्रा बढ़ने का नतीजा भी हो सकता है।
संभावित कारण
जैसा कि हमने अभी बताया, पैपिलरी एडिमा का कारण क्रेनियल हाइपरटेंशन है। मस्तिष्कमेरु द्रव की मात्रा या मस्तिष्क में असामान्य द्रव्यमान के उभरने के कारण यह बढ़ जाता है।
ये दो स्थितियाँ विभिन्न कारणों से अक्सर होती हैं। जब हम एब्नार्मल मास की बात करते हैं तो हम ब्लड हेमरेज के कारण होने वाले ट्यूमर, संक्रमण से पैदा फोड़े या रक्तस्राव की बात करते हैं।
हालांकि, जर्नल न्यूरोलॉजी सप्लीमेंट्स में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार पैपिलरी एडिमा का सबसे लगातार कारण इडियोपैथिक इंट्राक्रानियल हाइपरटेंशन है। इसका मतलब है कि दबाव बढ़ता है, लेकिन अंतर्निहित कारण अज्ञात होते हैं।
दूसरे मामलों में, यह मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस के कारण हो सकता है। कोलम्बियाई न्यूरोलॉजिकल एक्ट में छपा एक लेख यह पुष्टि करता है कि यह वर्निक सिंड्रोम (Wernicke’s syndrome) का लक्षण भी हो सकता है। अन्य कम सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
- गिल्लन बर्रे सिंड्रोम (Guillain-Barré syndrome)
- हाइपरविटामिनोसिस A
- रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर
- सुपीरियर वेना कावा सिंड्रोम
इसे भी पढ़ें : मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से
पैपिलरी एडिमा के लक्षण क्या हैं?
पैपिलरी एडिमा के लक्षण बदलते रहते हैं। शुरुआत में यह बिना लक्षणों वाला होता है और एक्सपर्ट सिर्फ एक फंडस टेस्ट करके इसका पता लगाते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, ऑप्टिक नर्व फाइबर की होने वाली क्षति साफ़ संकेत पैदा करना शुरू कर देती है।
इस अर्थ में पैपिलरी एडिमा किसी व्यक्ति की नज़र को प्रभावित करती है। नज़र धुंधली हो सकती है, डबल हो सकती है या कुछ सेकंड के लिए पूरी तरह से गायब हो सकती है। कई रोगियों को प्रकाश में बहुत संवेदनशीलता का अनुभव होता है।
नज़र गायब होने के ज्यादातर एपिसोड सिर्फ कुछ सेकंड तक चलते हैं। इसके अलावा, इंट्राक्रेनियल हाइपरटेंशन भी अपने लक्षण पैदा करता है। उदाहरण के लिए इसमें अक्सर सिरदर्द, मतली और उल्टी होती है।
सुबह जागने पर सिरदर्द ज्यादा तेज होता है और दिन के चढ़ने पर यह सुधर जाता है। ऐसे मामलों में जहां मेनिन्जाइटिस इसका कारण होता है, गर्दन के पीछे कठोरता विकसित हो सकती है।
इसे भी पढ़ें : मेनिन्जाइटिस : एक बीमारी जिसका एक टीका है
पैपिल्डेमा का ट्रीटमेंट
पैपिलिमा का इलाज करते समय मुख्य लक्ष्य इंट्राक्रानियल हाइपरटेंशन के कारण को खत्म करना है। यह ध्यान रखना अहम होगा कि यह एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है। जब कारण इडियोपैथिक हाइपरटेंशन हो तो इसके इलाज के उपायों में सेरिब्रोस्पाइनल फ्लूइड को कम करना शामिल है।
इस मामले में चिली जर्नल ऑफ़ न्यूरोसर्जरी के अनुसार, डॉक्टर मूत्रवर्धक जैसे मैनिटिटोल (mannitol) या फ़्यूरोसेमाइड (furosemide) लिख सकते हैं। इसके अलावा वजन कम करना फायदेमंद हो सकता है, साथ ही तरल पदार्थ और नमक में कमी लानी होगी।
सेरिब्रोस्पाइनल फ्लूइड को ठीक से बहने में मदद करने के लिए बिस्तर का सिरा थोडा ऊपर उठा देना भी कारगर हो सकता है। जब इनमें से कोई भी उपाय काम न करे तो सर्जरी जरूरी हो सकती है।
सर्जिकल एप्रोच में तरल की कुछ निकासी के लिए एक लम्बर पंचर किया जाता है। अंत में, यदि कारण एक संक्रमण है या बैक्टीरियल कॉलोनी से बना फोड़ा है, तो रोगी को एंटीबायोटिक दिया जाना चाहिए।
सिरदर्द पैपिलरी एडिमा और क्रेनियल हाइपरटेंशन के संकेतों के साथ हो सकता है।
पेपिलरी एडिमा के बारे में क्या ध्यान रखें
पैपिलरी एडिमा के बारे में हमें जो याद रखना चाहिए वह यह है कि यह एक ऐसी समस्या है जो ऑप्टिक नर्व को प्रभावित करती है। यह कई स्थितियों के प्रति प्रतिक्रिया करने वाले इंट्राक्रैनील प्रेशर बढ़ने से पैदा होता है। हालांकि, अधिकांश मामलों में एक चीज समान है: खोपड़ी के अंदर दबाव का बढ़ना।
सबसे लगातार होने वाले कारणों में से एक इडियोपैथिक इंट्राक्रैनील हाइपरटेंशन है। हालांकि, ब्रेन ट्यूमर, रक्तस्राव और संक्रमण भी ट्रिगर होते हैं। पैपिल्डेमा को दृष्टि की अपूरणीय क्षति को रोकने के लिए मेडिकल इमरजेंसी माना जाना चाहिए।
यह आपकी रुचि हो सकती है ...