हल्दी के जूस के हैरतंगेज़ फायदे
हल्दी, भारतीय संस्कृति समेत एशिया के अन्य देशों के खान-पान का एक अहम हिस्सा है।
प्राकृतिक और वैकल्पिक दवाइयों के अलावा किचन में भी उसकी एक ख़ास जगह होती है।
कहा जाता है कि हल्दी में ढेरों पोषक तत्वों समेत 300 से ज़्यादा प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
एक स्वस्थ ज़िन्दगी के लिए हल्दी का रस
हल्दी की जड़ों से हमें एक कारगर औषधीय पेय मिल सकता है। कच्चे अदरक की तरह, उसकी जड़ों का स्वाद कड़वा और थोड़ा-सा मसालेदार होता है।
हालांकि सूखी हल्दी का भी इस्तेमाल करने में कोई नुकसान नहीं होता, उसकी जड़ों से निकले ताज़े-ताज़े रस की बात ही कुछ और होती है।
इसका जूस निकाल लेने से पहले उसकी जड़ों को अच्छी तरह धोकर आपको उन्हें छील लेना चाहिए।
अलग-अलग बीमारियों में हल्दी के फायदे
- इसकी एंटीकौयगुलैंट विशेषताओं की वजह से अपनी पाचक-ग्रंथि (पैंक्रियास) में पथरी से परेशान लोगों को उससे परहेज़ करना चाहिए।
- पीली हल्दी का एक भाग होता है, जिसमें अच्छे एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं। उसकी ये खूबियाँ आर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
- उसके ये सक्रिय तत्व सूजन-रोधी दवाओं से ज़्यादा फायदेमंद होते हैं।
- आर्थराइटिस के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में हल्दी के रस का कोई जवाब नहीं होता।
- रूमाटॉय्ड आर्थराइटिस (संधिवात गठिया) और ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित लक्षणों से निपटने में भी वह कारगर होती है।
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एक प्राकृतिक एंटी-कार्सिनोजेन
हल्दी के रस में मौजूद खूबियाँ कैंसर की कोशिकाओं को फैलने से भी रोकती हैं।
वे मुक्त कणों का खात्मा जो कर देती हैं, जिससे हमारी कोशिकाओं के मेम्ब्रेन्स को पहुँचने वाला नुकसान कम हो जाता है।
इसकी वजह से प्रोस्टेट, ब्रैस्ट, फेफड़ों, लीवर, त्वचा और यहाँ तक की कोलन के कैंसर से भी हम बचे रह पाते हैं।
अल्झाइमर के खिलाफ़ कारगर
अल्झाइमर को दूर रखने में भी हल्दी का रस बहुत असरदार होता है।
जैसाकि हम सभी को पता है, यह खतरनाक बीमारी धीरे-धीरे हमारी याददाश्त को गायब कर देती है।
हल्दी की सूजन-रोधी खूबियाँ तंत्रिकाओं की सूजन के लिए ज़िम्मेदार कॉक्स-2 एंज़ाइम्स को रोक देती हैं।
इसके जूस से हमारे दिमाग तक पहुँचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा में भी बढ़ोतरी आ जाती है, जिसके नतीजतन अल्झाइमर बहुत धीरे-धीरे ही विकसित हो पाता है।
मधुमेह के लिए
हमारे खून में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने की अपनी खूबी की वजह से डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए हल्दी के जूस किसी अमृत से कम नहीं होता है।
अन्य लाभ
एसिडिटी का इलाज करने, टॉक्सिन्स से हमारा बचाव करने, सोरायसिस से लड़ने, ख़राब त्वचा को ठीक करने और डिप्रेशन को दूर भगाने में हल्दी बहुत काम की चीज़ होती है।
एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने और हमारे लीवर को सेहतमंद बनाने में भी हल्दी बेहद कारगर होती है।
हल्दी के जूस का सेवन मुझे कैसे करना चाहिए?
हल्दी के जूस का सेवन आप पाउडर के तौर पर या फ़िर उसके जूस के रूप में कर सकते हैं।
खाने पकाते वक़्त हम उसे अपने सूप, चाय, स्मूदी, दूध, ब्रेड राइस, कई तरह के स्ट्यूज़ और मीठे में डाल सकते हैं।
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हल्दी का रस निकालने की विधि
एक सेहतमंद और स्वादिष्ट हल्दी का रस बनाने के कई नुस्खों में से एक है:
सामग्री
- हल्दी की पांच इंच की जड़ (12 सेंटीमीटर)
- पांच कटी हुई इमलियाँ
- दो कप पानी (500 मिलीलीटर)
- दो नींबूओं का रस
- दो चम्मच शहद (50 ग्राम)
बर्तन
- छलनी
- ब्लेंडर
- ढक्कन वाला जार या कोई और बर्तन
बनाने की विधि
- सबसे पहले तो हल्दी को छील लें। ऐसा करने के लिए आपको ग्लव्स की ज़रूरत पड़ेगी, नहीं तो आपके हाथों का रंग पीला पड़ सकता है।
- इमलियों को छीलकर उनकी जड़ों को निकाल दें।
- बर्तन में पानी भरकर हल्दी को उसमें उबालें।
- कम पानी का इस्तेमाल करते हुए छिली हुई इमलियों को भी पकाकर मुरब्बे जैसा बना लें। पक जाने पर उनके बीज बाहर आने लगेंगे।
- थोड़ा-सा पानी रखकर बाकी सारा फेंक दें। फिर हल्दी को ब्लेंड कर लें।
- इमली को छानकर उसमें मैश्ड हल्दी को डाल दें।
- दो नींबूओं का रस छानकर उसे उस मिश्रण में डाल दें।
- मिठास के लिए उसमें थोड़ा-सा शहद भी डाल दें।
- इस मिश्रण को किसी जार में डालकर उसे तीन-चार दिनों के लिए फ्रिज में रख छोड़ें।
- इस रस का इस्तेमाल कर आप शेक, सूप, सॉस आदि बना सकते हैं।
कुछ साइड इफ़ेक्ट
सुबह-सुबह खाली पेट हल्दी का थोड़ा-सा रस पी लेना हम सभी के लिए फायदेमंद होता है।
लेकिन उसकी कुछ ख़ास खूबियाँ हमारे पेट में गड़बड़ पैदा कर सकती हैं।
हल्दी के जूस का ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से बचें। इसे ज़रूरत से ज़्यादा लेने से आपके पेट में अल्सर हो सकते हैं।
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