सिनोवियल जॉइंट्स की किस्में
सिनोवियल जॉइंट्स दो हड्डियों के बीच एक कनेक्शन बनाते हैं। यह द्रव से भरे कार्टिलेज की दीवारों वाली कैविटी से बना होता है। इस आर्टिकल में हम इन जोड़ों के बारे में बारीकी से जानेंगे कि वे शरीर में कहाँ-कहाँ होते हैं और उनका काम क्या है।
सिनोवियल जॉइंट्स की विशेषता
सबसे पहले जोड़ों में कार्टिलेज की एक परत होती है जो स्केलेटन को बनाने वाले तत्वों की सतहों को ढकी हुई रहती है। इस तरह हड्डी की सतह सीधे एक-दूसरे के कांटेक्ट में नहीं होती है। इन जोड़ों को एक्स-रे में देखने पर सटी हुई हड्डियों के बीच पर्याप्त जगह होती है।
इसके अलावा सिनोवियल जॉइंट्स की दूसरी विशेषता एक आर्टिकुलर कैप्सूल की मौजूदगी है। असल में इसमें एक अंदरूनी सिनोवियल मेम्ब्रेन और एक बाहरी फाइब्रस मेम्ब्रेन होता है।
सिनोवियल मेम्ब्रेन
यह झिल्ली सिनोवियल जॉइंट्स और टेंडन शीद के कैप्सूल की अंदरूनी परत को ढकती है। कुल मिलाकर यह फाइब्रस मेम्ब्रेन और सिनोवियल फ्लूइड लुब्रीकेंट से संपर्क बनाती है।
सिनोवियल मेम्ब्रेन प्रचुर वैस्कुलर लिए होती है और सिनोवियल द्रव का स्राव करती है। फिर यह जॉइंट कैविटी में जमा होता है जॉइंट की सतहों को चिकना करता है।
इसके अलावा जोड़ों के बाहर बंद सिनोवियल मेम्ब्रेन सैक दिखाई देते हैं। यह वह जगह है जहाँ वे बर्सा (bursae) या टेंडन शीथ (tendon sheaths) बनाते हैं। ये सैक अक्सर टेंडन और जोड़ों, टेंडन और हड्डी या त्वचा और हड्डी जैसी संरचनाओं के बीच बनती है और जब एक संरचना दूसरे से पर रगड़ खाती है तो यह घर्षण को कम करती है। इसके अलावा, टेंडन शीद टेंडन को घेरे हुए होती है और घर्षण को कम करती है।
फाइब्रस मेम्ब्रेन
फाइब्रस मेम्ब्रेन घने अनियमित कनेक्टिव टिशू से बना होता है। कुल मिलाकर, यह जॉइंट को घेरता है और उसे स्टेबल करता है।
फाइब्रस मेम्ब्रेन के कुछ हिस्से मोटे होकर कार्टिलेज बनाते हैं जो जॉइंट को ज्यादा स्थिरता देता है। कैप्सूल के बाहर स्थित कार्टिलेज अक्सर स्टेबिलिटी देते हैं।
सिनोवियल जॉइंट्स की दूसरी विशिष्ट संरचनाएं
सिनोवियल जॉइंट्स की एक और विशेषता सिनोवियल मेम्ब्रेन से घिरे क्षेत्र के भीतर दूसरी संरचनाओं की मौजूदगी है। इसमें शामिल हैं:
- आर्टिक्यूलर डिस्क (Articular disks): आमतौर पर ये फाइब्रोकार्टिलेज से बने होते हैं। वे कंप्रेसिव फ़ोर्स को एब्सॉर्ब करते हैं, चलने-फिरने के दौरान जॉइंट की सतह पर होने वाले बदलावों तालमेल बैठाते हैं और जॉइंट मेंहोने वाली गतियों की रेंज बढ़ाते हैं।
- आर्टिक्यूलर फैट पैड : ये अक्सर सिनोवियल मेम्ब्रेन और कैप्सूल के बीच स्थित हैं। इसके अलावा जैसे ही हलचल के दौरान आर्टिक्यूलर ढांचा बदलता है वे इन क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं और बाहर निकल जाते हैं ।
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सिनोवियल जॉइंट्स की किस्में
शरीर में सिनोवियल जॉइंट्स निम्न तरह के होते हैं:
- सामान्य जॉइंट (Plane joints): जब एक हड्डी दूसरे पर चढ़ती है तो कुल मिलाकर ये फिसलन वाली गति की सहूलियत देते हैं। एक उदाहरण एक्रोमियोक्लेविकुलर जॉइंट (acromioclavicular joint) है, जो कंधे के टॉप पर स्थित है।
- काजनुमा जॉइंट (Hinge joints): ये वे जोड़ हैं जो एक समतल पर घुमाव (flexion) और फैलाव (extension) की सहूलियत देते हैं। इसका एक उदाहरण कोहनी है।
- धुरीनुमा जोड़े (Pivot joints): ये जॉइंट एक शाफ्ट के चारों ओर गति की सहूलियत देते हैं, जिसका अर्थ है कि वे रोटेशन मूवमेंट को रेगुलेट करते हैं। एक उदाहरण डिस्टल रेडियॉलनार जॉइंट (distal radioulnar joint) है।
- कम्पाउंड या बाइकोंडोलाइड जॉइंट (bicondyloid joints): ये जोड़ एक अक्ष (एक्सिस) के बीच गति की सहूलियत देते हैं, दूसरे एक्सिस में सीमित घुमाव के साथ। ये दो उत्तल (convex condyles) शंकु से बने होते हैं। इस प्रकार के जोड़ का एक उदाहरण घुटने का जोड़ है।
- कोंडोलाइड जोड़ (Condyloid joints) दो लंबवत अक्षों (perpendicular axes) के भीतर गति और तीसरे अक्ष में पैसिव या सेकेंडरी गति की अनुमति देते हैं। इस प्रकार वे घुमाव (flexion), फैलाव (extension), अपावर्ती (abduction), और अभिवर्त्तन (adduction) गतियों की अनुमति देते हैं। कलाई जोड़ इसका उदाहरण है।
- सैडल जॉइंट: ये कोंडोलाइड जोड़ों के समान ही गति की सुविधा देते हैं, लेकिन अपेक्षाकृत ज्यादा गति के साथ। यह नाम उनकी सैडल नुमा आकृति के कारण मिला है। वे घुमाव (flexion), फैलाव (extension), अपावर्ती (abduction), और अभिवर्त्तन (adduction) गतियों की अनुमति देते हैं।
- बॉल जॉइंट (Ball joints) ग्लाइडिंग छोड़कर सभी तरह की गतियों की सहूलियत देते हैं। वे घुमाव (flexion), फैलाव (extension), अपावर्ती (abduction), रोटेशन और अभिवर्त्तन (adduction) गतियों की अनुमति देते हैं। हैं। कूल्हे इस जॉइंट के उदाहरण हैं।
निष्कर्ष
जॉइंट के अभाव में हमारी हड्डियां हिल-डुल नहीं पातीं। जोड़ों की बदौलत हम अपने हाथों और पैरों से झुकने, घूमने और सिकोड़ने जैसी हलचल कर सकते हैं!
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