द्वेषी लोग न कभी माफ करते हैं, न ही कभी भूलते हैं
द्वेष एक नकारात्मक भावना है जो वास्तव में आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है। ऐसा इसलिए होता है. क्योंकि द्वेषी लोग भूलने और उन लोगों को क्षमा करने में असमर्थ होते हैं जिन्होंने उन्हें कभी चोट पहुंचाई थी।
भले ही किसी ने उन्हें ऐसा कुछ कहा हो जिससे उन्हें चोट पहुँची हो, पर द्वेषपूर्ण लोग कभी भी जीवन में ख़ुशी नहीं पाते। क्योंकि वे सारी ज़िन्दगी अपने कन्धों पर बोझ लेकर जीते हैं। दूसरों को क्षमा करने के साधन का उनके पास अभाव होता है। इस वजह से उनके अंदर एक गहरी कड़वाहट भरी होती है।
द्वेष और प्रतिशोध अलग होते है
कुछ लोगों का मानना है कि द्वेष और प्रतिशोध एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, लेकिन ये दोनों अलग चीजें हैं। द्वेष चोटिल होने की ऐसी भावना है जिसमें हमें लगता है कि दूसरे व्यक्ति ने जो कुछ गलत किया है उसके लिए उसे भुगतना पड़े।
दूसरी तरफ प्रतिशोध एक ऐसी भावना है , जब हम दूसरे व्यक्ति के प्रति शत्रुतापूर्ण तरीके से व्यवहार करते हैं और उसके जीवन को नरक बनाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं उस हरकत के लिए जो उन्होंने हमारे साथ किया है।
हालाँकि द्वेष और प्रतिशोध कभी-कभी एक जैसे दिखाई देते है, लेकिन एक द्वेषी व्यक्ति आम तौर पर निष्क्रिय और धैर्यवान होता है और कभी भी अपनी इच्छाओं पर अमल नहीं करता। यह बात उन लोगों से बिल्कुल अलग है जो वास्तव में प्रतिशोध भरे हैं।
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द्वेषी लोग अपनी घृणा और क्रोध को दबाकर रखते हैं। वे दूसरे व्यक्ति का बुरा तो चाह सकते हैं , लेकिन शायद ही कभी इन विचारों पर अमल करते हैं। वे खुद को दूसरों की आलोचना करने, आँकने, दूसरों पर ध्यान देने और अपने जहरीले दृष्टिकोण को फैलाने में लगा देते हैं।
द्वेषी लोगों की विशेषताएं
अब जब हम नाराजगी और द्वेष के बारे में कुछ जान चुके हैं, तो आप शायद खुद से पूछ रहे होंगे, द्वेषी व्यक्ति या उनके लक्षणों को कैसे पहचानें।
आइए उनमें से कुछ को देखें:
द्वेषी लोग न तो भूलते हैं, न ही कभी माफ़ करते हैं
कुछ लोग माफ तो कर देते हैं, लेकिन वे कभी भी भूलते नहीं हैं। द्वेषी लोग खुद से झूठ बोलते हैं और कहते हैं, उन्होंने क्षमा कर दिया है। लेकिन अंदर ही अंदर, वे अभी भी दूसरे व्यक्ति के लिए नकारात्मक भाव रखते हैं।
वे अतीत से नहीं सीखते हैं
वे हमेशा अपने अतीत में अटके रह जाते हैं। वे कभी भी अपने नकारात्मक अनुभवों से सीखने में सक्षम नहीं होते।
वे कभी भी गलत नहीं हो सकते हैं
जो लोग द्वेष की भावना को जकड़े रहते हैं, वे सोचते हैं, वे सही हैं और कभी गलतियां नहीं करते। इससे वे उस व्यक्ति के खिलाफ वास्तव में कठोर बन जाते है जो उनकी इच्छा के विरुद्ध कार्य करता है।
वे आसानी से बुरा मान जाते हैं
किसी द्वेषी व्यक्ति से निपटना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि आप जो कुछ भी कहते या करते हैं, वह उन्हें किसी तरह से अपमानित कर सकता है।
उन्हें लगता है, वे दूसरों की तुलना में बेहतर हैं
किसी के द्वारा पहुँचाई गई चोट उन्हें पीड़ित की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है जो उन्हें अपनी सोच की गलती को देखने से रोकता है। वास्तविकता के बारे में उनकी धारणा अक्सर गलत होती है।
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जीवन एक ड्रामा है
एक द्वेषपूर्ण व्यक्ति का जीवन अतीत से उबर पाने की उनकी अक्षमता और असुरक्षा के इर्द-गिर्द घूमता है। यह एक धारावाहिक की तरह है जहां वे हमेशा ही पीड़ित होते हैं।
क्या यह आपको जाना पहचाना सा लगता है? क्या इन गुणों में से किसी एक को आप खुद में पाते हैं? किसी भी भावना की तरह द्वेष को भी दूर किया जा सकता है। आपको बस इसके बारे में पता होना चाहिए।
हर किसी में बदलने की क्षमता है
यदि आप ऊपर बताये लक्षणों को पहचानते हैं, तो अपने जीवन में मौजूद अन्य लोगों के साथ भी इसकी जाँच करना महत्वपूर्ण है। आपको जो कोई भी कुछ बताये, उसके बारे में दिमाग खुले रखने की कोशिश करें।
दूसरों से बात करना और दृष्टिकोण शेयर करना आपको यह पहचानने में मदद करेगा कि आप कब गलत हो सकते हैं। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप इस द्वेष को अंदर क्यों रखते हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं।
यह मुश्किल हो सकता है। द्वेषी लोग अक्सर इनकार करते हैं, कि वे ऐसे हैं। वे सोचते हैं, वे लोगो को क्षमा कर चुके है पर वास्तव में नहीं करते।
इसलिए, यह जानने की जरूरत है कि ईमानदारी से आत्म-आलोचना को कैसे स्वीकार किया जाए।
अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं या आप खुद ऐसे व्यक्ति है जो मन में द्वेष रखता है, तो ध्यान रखें कि हर किसी के पास बदलने की क्षमता है।
तो ऐसा मत सोचिये कि एक द्वेषी व्यक्ति हमेशा इस तरह से ही रहेगा। अगर वे इसके बारे में जागरूक हो जाते हैं, तो वे अपने को बदल सकते हैं।
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