ओमेप्रेजोल क्या है? इसके बारे में सबकुछ जानिये
प्रोटॉन-पंप इनहिबिटर नाम के दवाओं के ग्रुप की की प्रतिनिधि दवा है ओमेप्रेजोल (Omeprazole)। इनका उपयोग पेट की समस्याओं जैसे कि एसिडिटी और गैस्ट्राइटिस में किया जाता है।
हम ओमेप्रेजोल (Omeprazole) के बारे में निम्नलिखित पहलुओं की व्याख्या करने जा रहे हैं:
- एक्शन मेकेनिज्म
- फार्माकोकाइनेटिक्स
- मेटाबोलिज्म
- साइड इफेक्ट
- इंटरेक्शन
- संकेत
यह किस तरह से काम करता है
पेट की पीएच एसिडिक होता है। इसका कारण हाइड्रोक्लोरिक एसिड है जो गैस्ट्रिक म्यूकस में पाए जाने वाली पैरिएटल सेल्स से निकलता है।
दरअसल भोजन को पचाने के लिए आपके पेट में एसिडिक pH ज़रूरी है जिससे यह:
- सही ढंग से प्रोटीन को तोड़ सके।
- पेप्सिन को पेप्टाइड में एक्टिवेट करे ताकि यह प्रोटियोलिसिस पैदा कर सके, यानी प्रोटीन के पेप्टाइड बॉन्ड को तोड़ सके।
- बैक्टीरिया के संक्रमण को रोक सके क्योंकि बैक्टीरिया आमतौर पर एसिडिटी में जीवित नहीं बचता।
इसके अलावा, गैस्ट्रिक एसिड का एक ज्यादा स्राव गैस्ट्रोइंटेसटिनल म्यूकस को नुकसान पहुंचा सकता है। यह मुख्य रूप से पेट का अल्सर पैदा करता है।
एसिड स्राव के स्टेप
गैस्ट्रिक एसिड का स्राव विभिन्न चरणों में होता है:
- पैरिएटल सेल्स में H+ और Cl- आयनों का अलग होना
- कैनालीकुली में इनका मिलक HCl बनाना
- पेट की दीवार को बनान के लिए कैनालीकुली से भी एसिड का स्राव होता है
ओमेप्राज़ोल जैसे प्रोटॉन-पंप इनहिबिटर एसिड उत्पादन के आख़िरी चरण में काम करते हैं, और अपरिवर्तनीय रूप से ATPH+/K- बाइंडिंग तैयार करते हैं जिसका अधिकतम पीएच <6 है।
यह निषेध सल्फामाइड और सिस्टीन अवशेषों के बीच कोवैलेंट बांड बनाने के माध्केयम से होता है। यह Cys-813 और Ces-892 अवशेषों को जोड़ता है।
दूसरे प्रोटॉन-पंप इन्हिबिटर की अताढ़ ओमेप्रेजोल (Omeprazole) को इसके न्यूट्रल रूप में लिया जाता है, जो निष्क्रिय होता है। इसके अलावा, अपने न्यूट्रल रूप में होने के कारण, यह लाइपोफिलिक है। इसका मतलब है कि यह पानी में घुलनशील नहीं होता और बिना किसी समस्या के सेलुलर मेम्ब्रेन को आसानी से पार करने में सक्षम होता है।
इन कोशिकाओं में अम्लीय पीएच होने के कारण ये ओमेप्राज़ोल को अपने न्यूट्रल रूप से एक्टिव रूप में बदल देते हैं। यह इसके एक्शन को पूरा करने में सक्षम बनाता है और इसे प्रोटॉन-पंप से बांधकर इसके एक्शन को ब्लाक कर देता है।
- यह एसिड में अस्थिर है जिससे इसे एक एंटरिक कवर से लैस किया जा सके
- प्लास्मेटिक प्रोटीन के बांड बढ़ जाते हैं। इससे 95% से ज्यादा दूसरी दवाओं के साथ इसके इंटरेक्शन को बढ़ाता है
- इसके अलावा आमतौर पर इसे 3-6 घंटों के बीच छोटी आंत द्वारा पूरी तरह से अवशोषित कर लिया जाता है
- इसकी ओरल बायोएविलिबिलिटी लगभग 35% है, और जब दिन में एक बार डोज दोहरायी जाए तो यह 60% तक बढ़ सकता है
- खून में इसके वितरण की मात्रा 0.3 L / Kg है
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मेटाबोलिज्म
ओमेप्रेजोल (Omeprazole) CYP 45o सिस्टम के माध्यम से लिवर मेटाबोलिज्म में गुजरता है। इसलिए हमारे मेटाबोलिज्म का अधिकाँश विशिष्ट isoenzyme CYP2C19 पर निर्भर करता है।
इसके अलावा डोज का अधिकांश हिस्सा मूत्र के माध्यम से इनएक्टिव मेताबोलाईट के रूप में बाहर निकल जाता है और बाकी मल के रास्ते पित्त स्राव के रूप में निकल जाता है।
साइड इफेक्ट
आपको यह ध्यान रखना होगा कि ओमेप्रेजोल कई साइड इफेक्ट ला सकता है। उनमें से हैं:
- लंबे समय तक इससे ट्रीटमेंट करने पर यह गंभीर हाइपोमैग्नेसिमिया (hypomagnesemia ) पैदा कर सकता है
- हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है
- त्वचा में खुजली और चकत्ते जैसे बदलाव
- दस्त, कब्ज, पेट दर्द, मतली या उल्टी जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परिवर्तन
- पेरिफेरल न्यूरोपैथी
- Hypersensibility
- हीमोलिटिक एनेमिया
- विटामिन बी 12 के अवशोषण में कमी, इसलिए यह मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (megaloblastic anemia) से पीड़ित होने का खतरा बढ़ा सकता है
- सबएक्यूटटेनियस ल्यूपस एरिथेमेटोसस (ल्यूपस) या cutaneous lupus erythematosus (lupus) का खतरा
- क्रोमोग्रिनिन ए (chromogranin A) के लेवल में बढ़ोतरी, यह ऐसा प्रोटीन है जो कुछ प्रकार के कैंसर में भी बढ़ा हुआ पाया जाता है
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इंटरेक्शन
ओमेप्रेजोल पर्याप्त दवाओं के साथ इंटरैक्ट करता है, और इकट्ठे दिए जाने पर उनके एक्शन को घटा या बढ़ाता है।
यह इनका एक्शन कम कर सकता है:
- Clopidrogerel
- एंटीफंगल
- फ़िनाइटोइन
- Mycophenolate
- अन्य
इनका एक्शन बढ़ा सकता है:
- methotrexate
- amphetamines
- Benzodiazepines
- carvedilol
- citalopram
- escitalopram
- साइक्लोस्पोरिन
- Warfarin
- अन्य
अंततः, यह कई दवाओं के साथ हस्तक्षेप भी कर सकता है। इसलिए यदि आप किसी अन्य दवा के साथ ओमेप्रेजोल ले रहे हैं, तो किसी भी जटिलता को रोकने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
संकेत
इनके लिए इस्तेमाल होता है:
- Gastric ulcers
- Duodenal ulcers
- रिफ्लक्स के कारण एसोफैगिटिस (Esophagitis)
- Zollinger- Ellison syndrome
- gastritis
- Functional dyspepsia
- Ministerio, S. y C. (2012). Ficha técnica Omeprazol.
- Molero, R., Sacristán de Lama, M. P., López, C., Mangues, I., Socias, M. S., & Piñeiro, G. (1997). Utilización Terapéutica del Omeprazol. Sociedad Española de Farmacia Hospitalaria.
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