गॉनोरिया की रोकथाम और इलाज से जुड़े तथ्य
गॉनोरिया एक यौन संचरित संक्रमण (STI) है जो बैक्टीरिया नीसेरिया गॉनोरिया (Neisseria gonhorrhoeae) के कारण होता है। इसे गोनोकोकस के नाम से भी जाना जाता है। दुर्भाग्य से,यह हमारे समाज में सबसे आम एसटीआई में से एक है।
एक यौन संक्रमित संक्रमण होने के नाते सूजाक यानी गॉनोरिया का शिकार होने का एकमात्र तरीका किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संपर्क होगा जो पहले से ही संक्रमित है। इसमें कोइटल (योनि सेक्स), गुदा मैथुन और मुख मैथुन शामिल हैं। हालाँकि यह जन्म के दौरान एक माँ से बच्चे में भी संक्रमित हो सकता है।
इस मामले में ध्यान रखने वाली एक अहम बात यह है कि इसका कैरियर कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाता है। इसलिए इसे एक बिना लक्षणों वाली स्थिति के रूप में जाना जाता है।
सामान्य तौर पर जो व्यक्ति संक्रमित होता है वह अपनी स्थिति से अनजान होते हैं (क्योंकि उनके कोई लक्षण नहीं होते हैं) और इसलिए वे नहीं जानते कि उन्हें इसका इलाज कराने की ज़रूरत है। इस वजह से बीमारी फैलती है।
गॉनोरिया क्लिनिक (Gonorrhea clinic)
क्लिनिक के दृष्टिकोण से रोगी के लिंग और उम्र के अनुसार फर्क करना ज़रूरी है। इसका मतलब है, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में बीमारी के बीच फर्क किया जाता है।
पुरुषों में
10% से कम संख्या वाले पुरुषों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। अन्य 90% लोग गॉनोरिया से संक्रमित होने पर लक्षण विकसित करते हैं। एक हफ़्ते की इन्क्यूबेशन पीरियड के बाद निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:
- लिंग से स्राव (मवाद जैसा दिखने वाला)। पेशाब करते समय और / या लिंग को निचोड़ते समय ये स्राव दिखाई देते हैं; कुछ मामलों में, यह लगातार होता है।
- पैल्विक ज़ोन में जलन- जननांग में चुभने या खुजली की भावना।
- पेशाब करते समय दर्द और चुभन।
- दर्द और टेस्टिस में सूजन।
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महिलाओं में
आधे से अधिक महिलाएं लक्षण विहीन होती हैं। हालांकि जब एक महिला कोई लक्षण दिखाती है, तो वे आमतौर पर पुरुषों में पाए जाने वाले लक्षणों की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं। साथ ही चीजों के अधिक जटिल होने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाओं में लक्षण हैं:
- पीला स्राव (मवाद जैसा) और योनि /युरेथ्रा में बदबू।
- पेशाब करने की भावना और पेशाब करते समय दर्द और अकड़न महसूस होना।
- जननांग म्यूकस की लाली जो दर्दनाक हो सकती है, चुभन और / या खुजली हो सकती है।
- पेट में दर्द।
- मेन्स्त्रु मेन्सट्रुल साइकल के बाहर रक्तस्राव।
महिलाओं में सबसे बड़ा जोखिम यह है कि संक्रमण फैलता है। यह पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PII) पैदा कर सकता है जो दर्दनाक है, अक्सर पुरानी होती है, और बांझपन का कारण भी बन सकती है।
इसके अलावा यह फैलोपियन ट्यूब, सल्पिंजाईटिस की उपस्थिति, एंडोमेट्रैटिस की उपस्थिति को प्रभावित कर सकता है …
अंततः महिला प्रजनन प्रणाली की सबसे बड़ी जटिलता यह है कि इसका कोई भी हिस्सा इस समस्या से प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा एब्डोमिनल कैविटी के रास्ते संक्रमण आसानी से शरीर के दूसरे भागों में फैल सकता है।
बच्चों में
जन्म के दौरान यदि मान संक्रमित है तो गॉनोरिया बच्चे में संचारित हो सकती है। यह तब होता है जब बच्चा मां के बर्थ कैनल के माध्यम से स्राव और म्यूकस के संपर्क में आता है।
अधिकांश मामलों में संक्रमित शिशुओं में एक तरह का कंजाईटिवाइटीस विकसित होता है जिसे ओफ्तैल्मिया नियोनटोरम (Oftalmia neonatorum) या नवजात नेत्रशोथ या (neonatal ophthalmia) के रूप में जाना जाता है।
वर्तमान में इस तरह की कंजाईटिवाइटीस बहुत आम नहीं हैं क्योंकि जब बच्चे पैदा होते हैं, उनकी आंखों को एरिथ्रोमाइसिन आईड्रॉप्स या सिल्वर साल्ट से साफ किया जाता है। यह किसी भी तरह की जटिलताओं से बचने में मदद करता है।
दूसरी संभावनाएं
यह भी संभावना है कि सूजाक के माध्यम से अन्य जटिलताओं का विकास हो सकता है। यह सच है कि ये अक्सर कम दिखाई देते हैं और विशेष रूप से व्यक्ति की सेक्स हैबिट पर निर्भर करते हैं।
एनोरेक्टल गोनोकोकल (Anorectal gonococcal) : यह रोग फैलने के कारण या गुदा मैथुन के कारण दिखाई दे सकता है। मलद्वार में सूजन से बाथरूम जाते वक्त दर्द और चुभन ध्यान देने योग्य होती है। मस्से और बवासीर के रूप में यह म्यूकस में घाव भी का सकता है। कभी-कभी मल मवाद और खून के साथ आ सकता है।
फेरिन्जियल गोनोकोकल (Pharyngeal gonococcal) : इस तरह का गॉनोरिया ओरल सेक्स से जुड़ा होता है। इसके क्लिनिकल कंडीशन आम फेरिन्जाइटिस के समान है।
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डायग्नोसिस और रोकथाम
सूजाक का मामला है या नहीं, इसकी डायग्नोसिस करने के लिए चिकित्सक को रोगी के क्लिनिकल हिस्ट्री का मूल्यांकन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्हें एक फिजिकल टेस्ट पूरी करनी होगी। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर रोगी के लक्षणों का मूल्यांकन करेगा। फिर वे इससे छुटकारा पाने के लिए समाधान निकालने के लिए आगे बढ़ेंगे।
महिलाओं के मामले में, ऊपर बतायी गयी प्रक्रिया के अलावा, डॉक्टर रोगी को वेजाइनल साइटोलॉजी के लिए कहेंगे।
पिछले कुछ वर्षों में यौन संचरित संक्रमणों की तरह गॉनोरिया के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह विडंबना लग सकती है क्योंकि इसके निवारक तरीके (जैसे कंडोम) हमारे हाथों की पहुँच के दायरे में हैं, लेकिन यह सच्चाई है।
80 के दशक के दौरान, एड्स संकट के बीच में, इससे संक्रमित होने की संभावना के डर ने लोगों को बचाव के तरीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। बाद में असरदार उपचारों के साथ और नए गर्भ निरोधकों के साथ एसटीआई से डर कम हुआ। यह ऐसे रोगियों की संख्या में वृद्धि की व्याख्या करता है।
इस बीमारी को रोकने का एकमात्र तरीका अच्छी यौन शिक्षा है जो यौन संबंध बनाने के बाद सुरक्षात्मक तरीकों के उपयोग की सिफारिश करेगी। यौन शिक्षा गैनेकोलोजिस्ट (महिलाओं के लिए) और पुरुषों के लिए यूरोलोजिस्ट की विजिट के महत्व पर भी जोर देगी।
गॉनोरिया का इलाज
गोनोरिया का इलाज दवाओं के माध्यम से होता है। खासकर रोगी को एंटीबायोटिक दवायें दिए जाने अपर आधारित है। आम तौर पर सिटरियोकोना (cetriaxona) को डॉक्सिसिलिना (doxicilina) के साथ किया जाता है क्योंकि इसमें से द्वीतीय क्लैमाइडिया को भी कवर करता है।
इसके अलावा, सभी यौन संपर्कों का अध्ययन और इलाज किया जाना चाहिए, भले ही वे लक्षणविहीन हों। डॉक्टर यह भी सुझाव दे सकते हैं कि इलाज पूरा होने तक मरीज सेक्स से दूर रहे।
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