क्या वर्कआउट का समय है आपके पास? बेशक है!
निष्क्रिय या सुस्त जीवन शैली मानव स्वास्थ्य की बड़ी दुश्मन बन गई है। दुर्भाग्यवश ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास वर्कआउट का समय नहीं है। समय गुजरने के साथ-साथ वे ‘समय न होने’ के चलताऊ जुमले के फंदे में पड़ जाते हैं।
काम के वक्त हम कई घंटे डेस्क पर बैठे-बैठे बिताते हैं। कई घर के कामों में भी पेपर वर्क की जरूरत होती है। फिर हम अपना एकेडमिक लक्ष्य पाने के लिए भी अनगिनत घंटे डेस्क पर बिताते हैं। वर्कआउट का समय निकालना मुमकिन नहीं हो पाता। इस कारण बहुत से लोगों के लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना मुश्किल लगता है।
समस्या यह होती है कि धीरे-धीरे लोगों में मेटाबोलिज्म से जुड़े लक्षण उभरने लगते हैं। आखिरकार यह उनकी जीवन की क्वालिटी पर असर करता है।
फिर भी, आपको शेप में रहने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है। अलग-अलग तरह की कई एक्सरसाइज हैं, जिन्हें आप घर पर कर सकते हैं।
इन्हें करने में सिर्फ कुछ मिनट लगते हैं। आप उनकी एक पूरी वर्कआउट रूटीन बना सकते हैं। इसका मतलब है, आप अपने सभी मसल्स मजबूत बना सकते हैं और वजन घटा सकते हैं।
हर दिन एक्सरसाइज करें। यह सबसे अहम चीज है। बहाने छोड़ दीजिए और अपनी सोच को सीधे लक्ष्य पर फोकस रखिये।
क्या आप शुरू करने के लिए तैयार हैं?
घर से निकले बिना शेप में रहने के लिए वर्कआउट
आपके लिए हम एक फिजिकल ट्रेनिंग रूटीन प्रेजेंट करने जा रहे है। यह वर्किंग आउट इन इटर्वल्स के पैटर्न पर आधारित है। लेकिन इसे आपके पूरे प्रयास की जरूरत है। यह रूटीन आपके लिए समय को कम करते हुए और वहीं इंटेंसिटी बढ़ाते हुए काम करती है।
भले ही हम नतीजों पर शक करें लेकिन हजारों लोग हमारे गवाह हैं। उन्हें रोजाना वर्कआउट करते हुए हैरतअंगेज नतीजे मिले हैं।
इस रूटीन का लक्ष्य है जिम वर्कआउट से एक घंटा समय लेना। तब हमें वैसे एक्सरसाइज मिलते हैं जो 10 या 15 मिनट में वही नतीजे लाते हैं। मगर इन एक्सरसाइज में कड़ी मशक्कत की जरूरत होती है।
सबसे बढ़िया होगा, अगर आप अपने सारे बहानों से छुटकारा ले लें। अब वर्कआउट का समय कम हो गया है। आपके लिए थोड़े समय की ये एक्सरसाइज कहीं भी करना आसान है। उन्हें घर, ऑफिस या कहीं भी किया जा सकता है।
जम्पिंग जैक्स (Jumping jacks)
- सीधे खड़े होकर जम्प कीजिए और अपने पैरों को खोलिए। साथ-साथ अपने हाथों को ऊँचा उठाते हुए अपने सिर से ऊपर ले जाइए। फिर से जम्प कीजिए, पर अपने पैरों को अब जोड़िये और हाथों को अपनी बगलों में गिरा लीजिए। उसी रिद्म में अपने हाथों और पैरों को चलाते रहने की कोशिश कीजिए।
- जितनी जल्दी-जल्दी आप इसे कर पायें उतना अच्छा होगा। इस एक्सरसाइज को 30 सेकंड तक दोहराइए।
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स्क्वैट्स (Squats)
- पैरों को कंधों की चौड़ाई के बराबर फासले पर रखकर खड़े हो जाइए। घुटनों को थोड़ा सा मोड़िए।
- अपने ग्लूटिअस (gluteus) को नीचे लाइए जैसे कि आप बैठने जा रहे हैं। पीठ सीधी रखिए।
- ग्लूटिअस को आपके घुटनों से नीचे नहीं जाना चाहिए।
- फिर धीरे-धीरे उठिए।
- 30 सेकंड में आप इसे जितनी बार कर सकें दोहराइए।
क्रॉस क्रन्चेज (Cross crunches)
- योगा मैट पर घुटने मोड़े हुए पीठ के बल लेट जाइए। आपके पाँव फ्लोर पर फ्लैट होने चाहिए। हाथ गर्दन के पीछे ले जाइए।
- क्रन्चेज़ कीजिए, लेकिन अपनी एक कोहनी से अपोजिट घुटने से स्पर्श करने की कोशिश कीजिए। अगली बार दोहराते हुए अपनी कोहनियों और घुटनों को बदल डालिए।
- 30 सेकंड में इसे जितनी बार कर सकें कीजिए।
ब्रिज (Bridge)
- बांहों को बगल में रखकर पीठ के बल लेट जाइए। पाँव फ्लोर पर फ्लैट रखिए। अपने हिप्स जितना ऊपर उठा सकें, उठाइए।
- इस पोजीशन में 20 सेकंड तक रहिए। लगातार तीन बार दोहराइए।
ट्राइसेप्स (Triceps)
- कुर्सी जैसी किसी फ्लैट सरफेस के आगे कंधों को रखते हुए शुरू कीजिए। तब इस सतह पर हाथ रखिए और अपना भार बांहों के सहारे टिकाइए। पैरों को बाहर की ओर थोड़ा आगे लाइए।
- धीमे मूवमेंट के साथ अपना शरीर नीचे कीजिए। बाँहों को शरीर से 45-डिग्री के कोण से बाहर मत जाने दीजिए। अब शरीर को जितना ऊपर उठा सकें, उठाइए।
- 15 दोहरावों के 3 सेट कीजिए।
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प्लैंक (Plank)
- मुँह के बल लेटकर खुद को कलाइयों और पंजों के बल टिका लीजिये। पेट और अपनी पीठ, दोनों को सीधा रखना सुनिश्चित करें।
- इस पोजीशन में 30 सेकंड तक रहें। अपने ग्लूट्स और ऐब्स को सिकोड़ना न भूलें।
स्प्लिट्स (Splits)
- डग भरने या छलांग मारने की नकल करते हुए शुरू करें।
- जम्प कीजिए और आगे के पैर को पीछे और पीछे के पैर को आगे ले जाइए।
- 20 से 30 सेकंड तक दोहराइए।
लेटेरल ऑब्लिक्स (Lateral obliques)
- एक बगल से शुरू कीजिए। उस बगल के फोरआर्म और पैर पर अपना सारा वजन डाल दीजिए।
- जितना धीरे कर सके अपना शरीर नीचे कीजिए और ऊपर उठाइए।
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शेप में बने रहने के लिए दूसरी सलाहें
शारीरिक व्यायाम शेप में बने रहने का आधार है। पर यह अकेली चीज नहीं है जिसे हमें करना है। इसका असर दूसरी आदतों पर निर्भर करता है।
एक्सरसाइज के बाद पहली चीज जिसका आपको खयाल रखना चाहिए, वह है, आपकी डाइट। संतुलित डाइट खाने की जरूरत है। इसका मतलब है कि हम जो कैलरीज़ और न्यट्रिएंट्स को खाते हैं उन पर ध्यान देना।
अल्कोहल की मात्रा सीमित करना भी अहम है। क्योंकि अल्कोहल कैलोरी और टॉक्सिन का बड़ा स्रोत होता है।
अंत में, हमें स्ट्रेस से बचने की जरूरत है। इसके लिए रिलैक्सेशन टेकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए और अच्छी नींद लेनी चाहिए। यह सब वे आदतें हैं जिनकी हमें मानसिक और शरीरिक कुशलता दोनों की कुशलता के लिए जरूरत है।
- Jakicic, J. M., Winters, C., Lang, W., & Wing, R. R. (1999). Effects of intermittent exercise and use of home exercise equipment on adherence, weight loss, and fitness in overweight women: a randomized trial. Jama, 282(16), 1554-1560.
- Perri, M. G., Martin, A. D., Leermakers, E. A., Sears, S. F., & Notelovitz, M. (1997). Effects of group-versus home-based exercise in the treatment of obesity. Journal of consulting and clinical psychology, 65(2), 278.