प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस के कारण
प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस (proximal renal tubular acidosis) शरीर में बाइकार्बोनेट के ज्यादा नुकसान के कारण होता है। इसके अलावा किडनी शरीर के एसिड को पर्याप्त रूप से खत्म नहीं कर पाती है।
इस रोग की आम विशेषता प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबल की ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेट बाइकार्बोनेट को दोबारा सोख पाने की क्षमता में कमी आना है।इसकी व्यापकता के बारे में बहुत जानकारी अभी नहीं है। हालांकि दवा के कारण होने वाली प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस (पीआरटीए) अपेक्षाकृत आम है। पर वंशानुगत प्रॉक्सिमल किडनी ट्यूबलर एसिडोसिस बहुत दुर्लभ है।
प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस के लक्षण
इस स्थिति के लक्षण बीमारी की स्थिति पर निर्भर करते हैं। इस स्थिति में तेज सांस, सुस्ती या भ्रम की स्थिति होती है। इसके अलावा, यह सदमे और यहां तक कि मौत का कारण बन सकता है।
शुरू में यह बिना अवशोषित हुए बाइकार्बोनेट के कारण बहुत एल्केलाइन यूरिन के रूप में प्रकट होता है। इसके अलावा यह ग्रोथ और हड्डियों में मिनरल की डेंसिटी में कमी आने का कारण बनता है।
कुछ मामलों में हाइपोकैलिमिया (hypokalemia) उभर सकता है और कभी-कभी पीरियाडिक पैरालिसिस के कुछ लक्षण भी उभर हो सकते हैं। हालांकि रिकेट्स (rickets) और ओस्टोमेलेशिया (osteomalacia) विटामिन D की कमी और फॉस्फेट के दुबारा अवशोषित होने में कमी के कारण होते हैं।
कारण
डिस्टल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस और प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस जैसी किडनी की बीमारियाँ हाइपरक्लोरमिक एसिडोसिस का कारण बन सकती हैं।
यह एस्पिरिन या एथिलीन ग्लाइकोल पॉइज़निंग (ethylene glycol poisoning)या मेथनॉल पॉइज़निंग के मामलों में भी हो सकता है। इसके अलावा गंभीर डिहाइड्रेशन इस स्थिति को पैदा कर सकता है।
लोग या तो खुद इस स्थिति का शिकार हो सकते हैं या आनुवांशिक रूप से प्राप्त कर सकते हैं (ज्यादातर मामलों में)। अक्वायर्ड रीनल एसिडोसिस SLC4A4 जीन में एक म्यूटेशन के कारण होता है।
हालाँकि डोमिनेंट एसिडोसिस एक ऐसे जीन में म्यूटेशन के कारण होता है जिसे अभी तक पहचाना नहीं गया है। जैसा कि प्रोक्सिमल ट्युब्यूल 80% फ़िल्टर्ड बाइकार्बोनेट लोड का अवशोषण करता है। इसमें कोई खराबी बाइकार्बोनेट की क्षतिकी और ले जाती है।
कुछ दवाएं भी अक्वायर्ड प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस पैदा करने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
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प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस डायग्नोसिस
डिस्टल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस वाले रोगियों से अलग प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस वाले रोगी मूत्र की पीएच को 5.5 से कम करने की क्षमता बनाये रखते हैं।
बीमारी की डायग्नोसिस करने के लिए डॉक्टर को बाईकार्बोनेट के दोबारा अवशोषण में कमी आने की बात साबित करनी होगी। बाइकार्बोनेट टाइट्रेशन टेस्ट प्रॉक्सिमल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस की डायग्नोसिस की पुष्टि करता है।
टेस्ट में प्लाज्मा बाइकार्बोनेट के कारण यूरिन बाइकार्बोनेट उत्सर्जन और मूत्र पीएच में असामान्य बढ़ोतरी देखी जाती है।
इसके अलावा डॉक्टर को दूसरे प्रोक्सिमल ट्युब्यूलोपैथी जैसे ओकुलोकेरेब्रोरेनल सिंड्रोम, डेंट डिजीज और GLUT2 की कमी के कारण होने वाली ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज को भी रद्द करना होगा।
ब्लड टेस्ट के मामले में डॉक्टर रीनल हाइपरक्लोरोमिक एसिडोसिस की पुष्टि करने के लिए आर्टेरिअल गैस टेस्ट और एक इलेक्ट्रोलाइट पैनल टेस्ट की सिफारिश कर सकता है।
इसके अलावा वे एक कॉम्प्रिहेंसिव मेटाबोलिक पैनल टेस्ट का अनुरोध कर सकते हैं, जिसमें वे ब्लड टेस्ट शामिल हैं जो सोडियम और पोटेशियम के लेवल और दूसरे केमियकल के स्तर को मापता है। बदले में वे मूत्र के पीएच लेवल, मूत्र और ब्लड कीटोन लेवल और लैक्टिक एसिड लेवल को मापेंगे।
टेस्ट यह सेट यह तय करने में भी मदद कर सकता है कि एसिडोसिस का कारण श्वसन की स्थिति है या मेटाबोलिज्म की समस्या है।
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ट्रीटमेंट
उपचार रोग के कारण पर निर्भर करता है। इनहेरिटड रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस के लिए जीवन भर बाइकार्बोनेट रिप्लेसमेंट थेरेपी की आवश्यकता होती है।
इस उपचार को करने के लिए, सीरम बाइकार्बोनेट को सामान्य करने के लिए डॉक्टरों को बड़ी मात्रा में बाइकार्बोनेट की आवश्यकता होती है।
कभी-कभी, चिकित्सा पेशेवर थाइरॉइड डाइयुरेटिक्स जैसे हाइड्रोक्लोरोथियाज़ाइड (25-50 मिलीग्राम दैनिक) निर्धारित करते हैं, ताकि बाइकार्बोनेट की पुनर्संयोजन को बढ़ाया जा सके और जिससे बाइकार्बोनेट की मात्रा कम हो सके।
प्लाज्मा पोटेशियम की निगरानी करना भी महत्वपूर्ण है, यही कारण है कि कुछ मामलों में सोडियम और पोटेशियम बाइकार्बोनेट लवण का मिश्रण आवश्यक हो सकता है।
आम तौर पर, दवा की समाप्ति से दवा-प्रेरित समीपस्थ वृक्क एसिडोसिस प्रतिवर्ती है। उचित उपचार के साथ, इस स्थिति के लिए रोग का निदान अच्छा है।
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