बिना आयरन लिए आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से लड़ें
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया बहुत आम समस्या है, ख़ास तौर पर लड़कियों और युवा महिलाओं में। इसके सबसे सामान्य लक्षण हैं:
- थकान
- नाज़ुक बाल और नाखून
- फीकी त्वचा
- बुरा मूड (कुछ परिस्थितिओं में)
इस लेख में, आप आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया से बचने और इससे लड़ने के ऐसे अलग-अलग प्राकृतिक तरीके जान पाएंगे जिनमें आयरन लेने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी।
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया आयरन यानी लोहे की ऐसी कमी होती है जो कि युवा महिलाओं और लड़किओं में भारी मासिक धर्म की वजह से हो सकती है। हालांकि यह हेमरेज, ख़राब डाइट या आँतों की इसे सोख पाने की कमजोर प्रक्रिया की वजह से भी हो सकती है।
यह बीमारी कुछ समय तक रहने वाली परेशानी भी हो सकती है जो आयरन की ज़्यादा ज़रूरत की वजह से हो सकती है, जैसे कि किशोरावस्था, गर्भवस्था, या दूध पिलाने की स्थिति में।
इसका सबसे सामान्य ट्रीटमेंट आयरन सप्लीमेंट लेना है। हालाँकि, इनके साइड-इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं जैसे कि गैस्ट्राइटिस, पेट से जुडी परेशानियां या कब्ज़ और साथ ही शरीर में ऑक्सीडेशन को बढ़ा देना।
और तो और, अगर यह दिक्कत शरीर को सोखने की कमजोर प्रक्रिया की वजह से हुई हो, तो सप्लीमेंट लेने से भी कोई फायदा नहीं होता।
1. वाटर थेरेपी यानी पानी से उपचार
अलग-अलग तापमान पर हयड्रोथेरपी या वाटर थेरेपी कई परेशानियों जैसे कि एनीमिया के इलाज में बहुत कारगर होती है।
इस स्थिति में, पानी सर्कुलेशन को बढ़ाता है और इस वजह से रेड ब्लड सेल्स का बनना भी बढ़ जाता है। इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि एनीमिया से ग्रस्त लोगों को ठण्ड बर्दाश्त करने में बहुत दिक्कत होती है।
आप दो तरह के शावर ले सकते हैं जो फायदेमंद हो सकते हैं :
- पैरों और बाहों पर गर्म पानी से शावर
- छाती और पीठ पर ठंडे पानी से शावर
इसे भी आजमायें : सुबह ब्रेकफ़ास्ट में किशमिश खाने के 6 कारण
2. ख़राब अवशोषण के लिए शसलर साल्ट
अगर आप यह जानते हैं कि आपको आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया आँतों द्वारा कमजोर अवशोषण की वजह से है, तो आयरन सप्लीमेंट लेने से कोई फायदा नहीं होगा।
एक ऐसा प्राकृतिक सप्लीमेंट लें जो आंतों की अवशोषण करने की क्षमता को सुधारे। इसके लिए आपको इस होम्योपैथिक इलाज को करना होगा :
- फेरम फास्फोरिकम या आयरन फॉस्फेट डी 6 (शसलर साल्ट): यह प्राकृतिक दवा कोई आयरन सप्लीमेंट नहीं है और इसके कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं होते।
आपको इस दवा को कम-से-कम एक महीने तक लेना चाहिए।
3. सलाद खाएं
कई लोग मानते हैं कि उनकी डाइट में आयरन को बढ़ाने के लिए, उन्हें और ज़्यादा रेड मीट खाना चाहिए। हालाँकि, बहुत ज़्यादा पशु प्रोटीन लिवर और किडनी पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया से स्वस्थ तरीके से उबरने के लिए हर समय खाने के साथ थोड़ा सलाद लें।
आपको सलाद में बदलाव लाते रहना चाहिए। उसे नीचे दिए गई सामग्रियों से बनाएं :
- लेटिस और अन्य हरी पत्तेदार सब्ज़ियां (वाइल्ड राकेट, वाटरक्रेस यानि जलकुम्भी आदि)
- चुकंदर
- गाजर
- शिमला मिर्च
- केल यानी करमसाग
- टमाटर
- खीरा
- अंकुरित की हुई दालें
- नट्स(बादाम आदि) और बीज
4. थोड़ा नींबू
शरीर द्वारा आयरन अच्छी तरह सोख लिया जाता है अगर आप इसे विटामिन C यानी एस्कॉर्बिक एसिड के साथ लिया जाए।
आप विटामिन C का सप्लीमेंट रोज़ ले सकते हैं, या अपनी प्लेट को रोज थोड़े नींबू से गार्निश करें।
दूसरे खाद्य पदार्थ जिनमें विटामिन C होता है :
- साइट्रस फल
- लाल फल
- असरोल चेरी (Acerola cherries)
- काली मिर्च (Peppers)
- पपीता
- कीवी
- अमरुद
- रोज हिप
- पार्सले
इसे भी आजमायें : 7 लक्षण जो बताते हैं, आपको तुरंत पानी पीना चाहिए
5. डेयरी प्रोडक्ट से सतर्क रहें
जहाँ विटामिन C शरीर में आयरन एब्जॉर्ब किये जाने की क्षमता में सुधार लाता है, वहीं दूध और डेयरी प्रोडक्ट का इसपर उल्टा ही प्रभाव पड़ता है।
दूध से बनी चीज़ें एल्कलाइन होती हैं और गैस्ट्रिक एसिड को बेअसर कर देती हैं, जो आयरन के सोखे जाने में रूकावट डालता है।
इस वजह से, अगर आप आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो आपको इन चीज़ों का सेवन कम कर देना चाहिए या कम-से-कम इन्हें अपने बाकी खाने से अलग खाएं।
6. अपने मासिक धर्म को नियंत्रित करें
अगर आपको पता है कि आयरन की कमी भारी या अनियंत्रित मासिक धर्म की वजह से है, तो ऊपर दी गई राय को अपनाने के साथ-साथ, अपने मासिक धर्म को नियंत्रित करने के लिए एक प्राकृतिक इलाज आजमाना भी अच्छा रहेगा।
कुछ औषधीय पौधों में मासिक धर्म के दौरान हो रहे बहुत ज़्यादा रक्तस्राव को घटाने की क़ाबलियत होती है। इनमें ये आते हैं :
- नेटल यानि बिच्छू का पेड़
- जेन्शन यानि किरात
- चेस्टबेरी
- हॉर्सटेल
7. थोड़ी धूप खाएं
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया से बचने और उसे ठीक करने का सबसे आसान, सस्ता और खुश कर देने वाला इलाज़ है थोड़ी धूप रोज खाना।
हालाँकि, आपको यह सनस्क्रीन लगाकर और थोड़ी अवधि (ज़्यादा-से-ज़्यादा 10 मिनट) के लिए ही करना चाहिए।
यह बेहद ज़रूरी है कि आप इसे अक्सर करें,क्योंकि विटामिन D की कमी इस तरह की एनीमिया से जुड़ी होती है।
- Bastos Oreiro, M. “Anemia ferropénica: Tratamiento.” Revista Española de Enfermedades Digestivas 101.1 (2009): 70-70.
- Fernández, N., and B. Aguirrezabalaga. “Anemias en la infancia. Anemia ferropénica.” Bol Pediatr 46.1 (2006): 311-7.
- Garay, J. Bilbao. “Anemias carenciales I: anemia ferropénica.” Información Terapéutica del Sistema Nacional de Salud 30.2 (2006): 35-41.
- Sacirovic, S., Asotic, J., Maksimovic, R., Radevic, B., Muric, B., Mekic, H., & Biocanin, R. (2013). Monitoring and Prevention of Anemia Relying on Nutrition and Environmental Conditions in Sports. Materia Socio Medica, 25(2), 136.
- World Health Organization. (2017). Nutritional Anaemias : Tools for Effective Prevention. World Health Organization (pp. 1–83).