7 लक्षण जो बताते हैं, आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत ऊँचा है
ब्लड शुगर या ग्लूकोज़ शरीर में सेल्स की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। इस प्रकार का शुगर दूसरे कई खाद्यों के साथ आटे, शहद, गाजर और चावल में पाया जाता है। हालाँकि हम रोज़मर्रा के जीवन में इसका इस्तेमाल करते हैं, पर अगर इसकी मात्रा हद से ज़्यादा बढ़ जाये तो यह अच्छा नहीं होता है।
इस ऊर्जा का विशेष लक्ष्य होता है, शरीर के ज़रूरी काम करने में हमारी मदद करना। यह दिल के कामकाज को बनाये रखती है, सिनेप्स को कारगर रहने में मदद करती है और ढेर सारी दूसरी प्रक्रियाओं को ईंधन देती है।
आपके खून में शुगर की मात्रा 70 से 110 मिलीग्राम/डेसीलीटर के बीच होनी चाहिए। अगर यह बहुत ज़्यादा या बहुत कम हो, तो आपको सेहत से जुड़े नेगेटिव असर झेलने पड़ सकते हैं।
ब्लड शुगर बहुत ज़्यादा बढ़ने की स्थिति को हाइपरग्लाइसीमिया (अति रक्तशर्करा) और इसके कम हो जाने को हाइपोग्लाइसीमिया यानी रक्तशर्कराल्पता कहते हैं। जब ब्लड शुगर का स्तर 180 मिलीग्राम/डेसीलीटर से भी ऊपर पहुँच जाता है तो इसे डायबिटीज मेलिटस नाम दिया जाता है। इस स्थिति को कड़ी मेडिकल निगरानी में रखना बहुत ज़रूरी है। यह कई जटिलताएं पैदा कर सकती है।
हाइपरग्लाइसीमिया क्या है?
हाइपरग्लाइसीमिया तब होती है जब आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत बढ़ जाता है, ख़ास तौर पर जब यह 140 मिलीग्राम/डेसीलीटर से ऊपर हो। यह स्थिति दो कारणों से हो सकती है:
- आपके पैंक्रियाज यानी पाचक ग्रंथि उचित मात्रा में इन्सुलिन नहीं बना पा रही है। यह ऐसा हॉर्मोन है जो ब्लड शुगर के स्तर को बनाये रखने के लिए ज़िम्मेदार होता है।
- शरीर सही ढंग से इन्सुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा हो।
दोनों ही स्थितियों में, यह बहुत ज़रूरी है कि आप डॉक्टर के पास जाएं और यह पता करें कि आपको किन दवाइयों की ज़रूरत है, डाइट में क्या ज़रूरी बदलाव लाने चाहिए और कितनी एक्सरसाइज की ज़रूरत है।
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ब्लड शुगर का स्तर बहुत ऊँचा होने के लक्षण
हाइपरग्लाइसीमिया का पता लग पाना बहुत मुश्किल होता है, पर इसके लक्षण हमेशा दिख जाते हैं। सबसे अच्छा तरीका है, हर 6 महीने पर एक मेडिकल जांच करवाना जिससे आपका डॉक्टर आपके शरीर में हो रहे किसी भी बदलाव पर निगरानी रख सके।
ब्लड शुगर टेस्ट आम तौर पर सस्ता और आसान होता है। खून की थोड़ी सी मात्रा लेकर उसकी जांच की जाती है। जहाँ तक बात उन लक्षणों की है, जिन पर आपको नज़र रखनी चाहिए, तो उनकी एक सूची यहाँ है :
1. अति जल पिपासा (Polydipsia)
यह (Polydipsia) वह स्थिति है जिसमें आपको अचानक पानी पीने का बहुत ही ज्यादा मन करने लगता है, और आम तौर पर मुंह सूखने लगता है। बहुत ज़रूरी है कि आप उतना पानी पिएं जितना आपको पीना चाहिए क्योंकि शरीर इसी तरह ब्लड शुगर स्तर को बनाये रखता है।
हालाँकि, आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि परेशानी तब तक बनी रहेगी जब तक आप अपने ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य नहीं कर देते। सहायता के लिए अपने डॉक्टर से मिलें। एक अच्छा सुझाव यह है कि आप अपने रोज़ की रूटीन में ज़्यादा एक्सरसाइज शामिल करें।
2. त्वचा में होने वाले जख्म (Skin lesions)
ब्लड शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाने पर यह त्वचा पर दिखाई पड़ सकता है। हाई ब्लड शुगर की वजह से त्वचा पर लीश़न यानी जख्म के निशान, टांगों पर कॉफी के रंग के धब्बे, मुंह का लाल होना, और त्वचा में रूखापन दिख सकता है। आपके नाखून, हथेलियां और पैरों के तलवे भी पीले पड़ सकते हैं।
अगर आपको यह दिखे कि शरीर पर नील जैसे निशान पड़ने लगे हैं और सामान्य से ज़्यादा वक्त तक बने हुए हैं, तो जल्द-से-जल्द अपने डॉक्टर के पास जाएं। इन लक्षणों को अनदेखा न करें, क्योंकि यह स्थिति शायद आपकी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा रही है।
3. मूड स्विंग्स
हाइपरग्लाइसीमिया की वजह से आपके मूड में कई बदलाव आ सकते हैं, जैसे की चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन आदि। ऐसे लोग भी हैं जो अच्छी सेहत में होकर भी चिडचिडे होते हैं। कुछ लोगों का गुस्सैल व्यक्तित्व हो सकता है। पर अगर आपके लिए यह सामान्य नहीं है, तो यह एक लक्षण हो सकता है।
भावनाएं ब्रेन में होने वाली केमिकल प्रक्रियाओं पर निर्भर करती हैं। इन प्रक्रियाएं पर ब्लड शुगर के स्तर का सीधा असर पड़ता है।
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4. कमज़ोरी और सुस्ती
आपके सेल्स अगर सही ढंग से ब्लड शुगर सोख नहीं पा रहे हैं, तो आपका एनर्जी लेवल गिर जाता है। इससे ये लक्षण दिख सकते हैं :
- कमज़ोरी
- हद से ज़्यादा थकान
- सुस्ती
- चक्कर आना
इससे निबटने के लिए ज़रूरी है कि आप सही मात्रा में ताज़ी सब्ज़ियां खाएं जिनसे आपको हाई-क्वालिटी विटामिन और मिनरल मिलते हैं। अगर समस्या बहुत गंभीर है, तो आपका डॉक्टर आपको कुछ सप्लीमेंट दे सकता है।
5. जख्मों का धीमे भरना
हाइपरग्लाइसीमिया खून के जमने की प्रक्रिया में बहुत ज़्यादा बदलाव ले आती है। इस वजह से जख्मों के भरने में दिक्कत पेश आती है। बदलाव की वजह से नील पड़ने की समस्या भी दिखने लगती है।
अगर आपको ऐसे जख्म दिखें जिनसे खून रुकने में लम्बा समय लग रहा हो, या वे सामान्य से ज्यादा वक्त ले रहे हैं, तो आपको इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है। एक बार अगर ब्लड शुगर पर काबू पाने पर यह समस्या ख़त्म हो जाएगी।
6. दृष्टि समस्या
हाइपरग्लाइसीमिया की वजह से रेटिना में मौजूद छोटी-छोटी नसें, मैक्युला और ऑप्टिक नर्व में क्षति के लक्षण दिख सकते हैं। इससे जो समस्याएं आती हैं, वे हैं :
- धुंधला दिखाई देना
- काले धब्बे दिखना
- आँखों के आसपास दर्द
- नजदीक की चीज़ों या आपकी लेटेरल या पेरीफेरल विजन में मौजूद चीज़ों पर फोकस कर पाने में परेशानी
किसी आई एक्सपर्ट के पास बराबर जाते रहना इन परेशानियों को पहचानने में मदद कर सकता है।
7. यौन समस्याएं
ब्लड शुगर के बढ़े हुए स्तर की वजह से नाड़ियों और खून की नसों को हुआ नुकसान पुरुष और महिला दोनों में यौन प्रक्रिया में बदलाव लाने का कारण बन सकता है। पुरुषों में हाइपरग्लाइसीमिया की वजह से ये समस्याएं आ सकती हैं :
- सम्भोग करने लायक दृढ स्थायी इरेक्शन न हो पाना या न बनाये रख पाना।
- पश्चगामी वीर्यपात (Retrograde ejaculation), यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंशिक या पूरा लिंग के छोर के बजाय ब्लैडर रास्ते बह जाता है।
दूसरी ओर महिलाओं में हाई ब्लड शुगर की वजह से यह सब हो सकता है :
- वजाइना की शुष्कता
- कामवासना का घटना या बिलकुल ख़त्म होना
- सेक्सुअल इंटरकोर्स करते समय दर्द होना
क्या आपने इनमें से किसी भी लक्षण को पाया है? अगर ऐसा है, तो बेशक जल्द से जल्द किसी डॉक्टर के पास जाएं।
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