5 राज़ जिन्हें हमेशा गुप्त रखना ही अच्छा होता है
कभी-कभी यह सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी हो सकता है, तो कभी अपने आत्म-सम्मान के लिए भी। यह अपने भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक संतुलन को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक हो सकता है। कारण जो भी हों, हमारे जीवन में कुछ ऐसे पहलू ज़रूर होते हैं जिन्हें गुप्त रखना ही बेहतर होता है।
सामाजिक और भावनात्मक रिश्ते अक्सर हमें अपनी बातों को शेयर करने के लिए मजबूर करते हैं। ऐसा हम इसलिए भी करते हैं कि हमें सामने वाले पर पूरा भरोसा होता है। आखिर दोस्ती और प्रेम दोनों ही रिश्ते इसी बात पर तो निर्भर करते हैं।
लेकिन अपनी मनोवैज्ञानिक सेहत की भलाई के लिए हमें यह ज़रूर समझना चाहिए कि अक्सर हमारी पहचान हमसे अपने लिए कुछ सीमाएं तय करने की मांग करती है।
आखिर कोई भी अपनी सोच और भावनाओं को बिना फ़िल्टर किये पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं करता बशर्ते कि वह किसी मनोरोग का शिकार न हो। इस तरह अपने मन की बातें हर किसी से बिना बंदिशों के खुलकर साझा करना हमेशा सही नहीं है।
इस लेख में हम आपसे निजी जीवन के बारे ऐसी कुछ बातें शेयर करना चाहेंगे जिन्हें आपको हर हाल में गुप्त रखना चाहिए।
1. प्लान, सपने और प्रोजेक्ट: ध्यान रखें कि ये बातें किन लोगों को बता रहे हैं
हम सबके दिमाग में अपने भविष्य को लेकर कुछ योजनायें, कल्पनाएँ, और प्रोजेक्ट होते हैं। कई बार हम इन्हें लोगों से बाँटना भी चाहते हैं।
विशेष हालातों में संभव है कि हम उन योजनाओं को स्थगित कर दें। यह बहुत सामान्य बात है।
हालांकि मामूली सी नज़र आने वाली यह बात लोगों के बीच मज़ाक का विषय बन सकती है। हो सकता है, जिन लोगों को हमने अपनी योजनाओं के बारे में बताया है, वे समाज में हमारी आलोचना करें और यह प्रामाणित करें कि हममें लगन से जुटकर काम करने की क्षमता नहीं है, हम परिस्थितियों से लड़ना नहीं जानते।
इसके अलावा एक संभावना यह भी है कि आप जिन लोगों को अपनी योजनाएं बता रहे हैं, वे उनमें बदलाव कर उन्हें अपना लें और आपसे पहले उन पर अमल कर लें।
ऊपर बताये गए कारणों के अलावा भी ऐसे कई कारण हैं (जैसे ईर्ष्या, या “तुम इसे नहीं कर पाओगे”, या फिर “तुम इस कार्य के लायक नहीं हो” जैसी अपमानजनक टिप्पणियाँ) जो यह सिद्ध करते हैं कि हमें विवेक से काम लेना चाहिए और अपनी योजनाओं और भविष्य को लेकर अपनी तैयारियों को गुप्त रखना चाहिए।
खामोशी के साथ अथक, अटूट और निरंतर संघर्ष ही आपको मनचाहा फल दिला सकता है।
2. दोस्तों और परिवार से जुड़ी बातें गुप्त रखें
हर वस्तु और बात जो मुझसे जुड़ी हुई नहीं है, वह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आती और इसीलिए मुझे उसे शेयर करने का कोई हक नहीं है।
यह बहुत ही महत्वपूर्ण है: दोस्तों, परिवार के सदस्यों और सहकर्मियों से जुड़ी निजी बातों की जानकारी किसी खजाने की तरह सुरक्षित रखें और किसी अन्य व्यक्ति को कभी न बताएं।
आपसे जुड़े लोगों के बारे में इनमें से कोई भी बात तीसरे पक्ष को नहीं बतायी जा सकती: वे जिन परिस्थितियों से गुज़रें हैं, जिन्हें झेला है, जिया है, जिन पर हंसा है और जिन पर रोया है)।
उन्हें भी यह सलाह दें कि वे आपके राज़ किसी को न बताएं।
परस्पर सामंजस्य का यह सिद्धांत लोगों के बारे में बहुत कुछ कहता है, और इसी कारण हमें इसे अपने जीवन में उतारना चाहिये।
3. अपने भावनात्मक जीवन की अंतरंगता
कभी-कभी जब हम किसी के साथ गहरे रिश्ते में जुड़ते हैं, तो हम उनसे अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बातें साझा करने लगते हैं, या फिर उन पलों के बारें उनसे बाते करते हैं जो हमारे और हमारे साथी के बीच निजी अंतरंगत पल होते है।
यह आपको मामूली बात लग सकती है और कई परिस्थितियों में इसे एक प्रकार से गहरे रिश्ते की बुनियाद के तौर पर देखा जाता है।
लेकिन बेडरूम में होने वाली घटनायें एक जोड़े की सबसे निजी बातें होती हैं, उनका ज़िक्र किसी तीसरे व्यक्ति से कभी नहीं करना चाहिए।
हालांकि ऐसी सामान्य बातों को शेयर करने में कोई समस्या नहीं है जो आप दोनों के बीच दैनिक रूटीन में शामिल हैं।
फिर भी, हम सलाह देंगे कि कुछ बातें होती हैं जो साझा करने लायक नहीं होती। हमारे साथी के आत्म-सम्मान के लिए ज़रूरी है कि हम उन्हें किसी से भी साझा न करें।
4. आपके बहुत से विचार सिर्फ आपके लिए ही होने चाहिए
हमारे निजी जीवन के कई ऐसे पहलू होते हैं जिन्हें सार्वजनिक करना या किसी और के साथ साझा करना अत्यंत कठिन होता है। कई परिस्थितियों में इन्हें समझाना भी मुश्किल होता है।
कई बार हमारे मन में ऐसे भाव उत्पन्न होते हैं, ऐसी संवेदनाएं होती हैं जिनकी हम व्याख्या नहीं कर सकते।
उदाहरण के तौर पर, ये हमें बताती हैं कि हमें किसी व्यक्ति विशेष से दूरी बनाए रखनी चाहिए। ये हमें यह भी बता सकती हैं कि कौन सा रास्ता चुनना चाहिए, कौन सा कार्य करना चाहिए , कौन सा नहीं करना चाहिए, या फिर कोई सामान खरीदना चाहिए या नहीं।
ये ऐसी बातें हैं जो बहुत स्वतः ढंग से होती हैं, और इनका कोई निश्चित कारण समझ नहीं आता। इन्हें किसी अन्य व्यक्ति से साझा कर पाना लगभग नामुमकिन होता है।
यदि हम इसकी कोशिश भी करते हैं तो संभव है कि सामने वाला व्यक्ति हमारी बातों को न समझे और हमारे बारे में कोई गलत धारणा बना ले।
5. अपने गुण और महान कार्य
साल 2001 में मैंने एक व्यक्ति को डूबने से बचाया था। पिछले साल मैंने अपनी माँ का अंतिम समय तक ख्याल रखा जो कि अल्झाइमर से पीड़ित थी… मैं ध्यान रखता हूँ कि मेरे दादा-दादी का फ्रिज हमेशा भरा रहे और उनके घर में कोई कमी न हो। क्या आप जानते हैं कि मैं चैरिटेबल संगठनों से जुड़ा हुआ हूँ? मैंने 10 बेसहारा पशुओं को बचाया….
अपनी ऐसी बहुत सी अच्छी बातों को आपको अपने मन में दबा कर रखना चाहिए। अपने खूबसूरत गुणों और कार्यों को लेकर आपको विनम्र होना चाहिए, न कि उनका मेडल बनाकर लोगों के समक्ष प्रदर्शन किया जाए।
ऐसे नायक और अच्छे दिल वाले व्यक्ति हैं जो इस तरह के काम बिना किसी को जताये करते हैं। सही मायनों में ये काम वीरता से भरे हुए न होकर बड़े सहज-सामान्य कार्य हैं, जिन्हें हर इंसान को करना चाहिए।
इन कार्यों को दरअसल आप अपने लिए करते हैं, अपने हृदय को शान्ति पहुंचाने के लिए, किसी अन्य व्यक्ति के आगे कुछ साबित करने के लिए नहीं।
इसलिये हमें इनका बखान नहीं करना चाहिए और कई मौकों पर तो हमें इनका ज़िक्र भी नहीं करना चाहिए।
याद रहे, कभी-कभी सच्चाई को केवल हम ही जान और समझ सकते हैं।