4 योगासन कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए
तकनीकी उपकरणों के लगातार उपयोग और उनसे होने वाले स्ट्रेस की बदौलत कमर में दर्द आज की सबसे आम परेशानियों में से एक है।
ज़्यादातर मामलों में कुछ देर आराम कर लेने और एक-आध पेनकिलर ले लेने से यह दर्द कम तो हो जाता है, पर ज़रूरत से ज़्यादा समय तक रहने वाला दर्द आपको इलाज के लिए किसी अन्य उपाय का सहारा लेने पर मजबूर कर सकता है।
शुरू में भले ही यह फायदेमंद न लगे, पर कुछ योगासन करने के बाद कमर दर्द में सुधार लाकर उसे कम करने में बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
रक्तसंचार को संतुलित करके, मांसपेशियों के खिंचाव को कम करके, यह प्रभावित अंग में राहत दिलाने के साथ-साथ आपकी अवस्था में भी सुधर लाता है।
आज हम चार ऐसे योगासनों के बारे में बताना चाहते हैं, जिन्हें आप बेझिझक अपने घर या ऑफिस में आज़माकर अपने दर्द से राहत पा सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं!
1. फॉरवर्ड फ्लेक्स
इस मुद्रा से रीढ़ की हड्डी की तनावग्रस्त मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है और आपका केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र संतुलित हो जाता है।
करने की विधि
- योयोगा मैट पर खड़े होकर अपने कूल्हों की चौड़ाई के बराबर पैरों को फैला लें।
- घुटनों को मोड़कर अपनी धड़ को अपनी टांगों के ऊपर झुका लें। तब तक झुकते चले जाएं, जब तक कि आपकी जाँघों और आपके पेट के बीच संपर्क नहीं हो जाता।
- दो मुट्ठियाँ बनाकर उन्हें दूसरे हाथ की कोहनी के मोड़ में रख दें।
- पीठ, गर्दन और सिर को आराम देकर मुट्ठी को कसकर बंद कर लें।
- गहरी सांस अंदर-बाहर करते हुए इस आसन को 10 से 20 मिनट तक दोहराएं।
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2. दीवार के सहारे तख्ता बनाकर खड़े होना
यह मुद्रा थोड़ी ज़्यादा जटिल होती है व इसे ठीक से करने में थोड़े-से अभ्यास की ज़रूरत होती है।
निचली कमर के दर्द के लिए तो यह आसन आदर्श है ही, इससे आपके शरीर के ऊपरी हिस्से में भी तनाव कम हो सकता है।
करने की विधि
- बाँहें फैलाकर दीवार की तरफ मुंह कर के खड़े हो जाएँ। अपने शरीर को आगे झुकाकर हथेलियों को दीवार पर रख दें।
- दीवार से उँगलियों को दबाकर टेलबोन को फर्श की तरह खींचते हुए नाभि को अंदर की ओर खींच लें।
- रिबकेज को पेल्विस से ऊपर उठाकर लम्बर यानी कमर वाले क्षेत्र का सहज वक्र हासिल करें और पेट को कस लें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधी रखकर टांगों की मदद से पीछे की तरफ चलना शुर करें। इस दौरान कमर को मोड़कर “एल” की आकृति बना लें।
- इस आसन को 10 से 20 साँसों तक करें व धीरे-धीरे अपनी शुरूआती मुद्रा में लौट जाएँ।
3. अधोमुखश्वानासन
अधोमुखश्वानासन आपके संपूर्ण शरीर में खिंचाव लाने वाला एक आदर्श आसन है।
आपकी रीढ़ की हड्डी की नसों को आराम देकर यह आसन पूरे शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बना देता है।
इससे मांसपेशियां व बाज़ुओं, टांगों, गर्दन और पीठ के जोड़ों में भी मज़बूती आती है।
करने की विधि
- अपने कूल्हे की चौड़ाई के बारबार पैरों को फिलाकर चारो हाथ-पैरों को फर्श पर टिका लें।
- अब पाँव की उँगलियों के सहारे खुद को ऊपर उठा लेने से आप अधोमुखश्वानासन में आ जाएंगे।
- मांसपेशियों में अनावश्यक तनाव से बचने के लिए पीठ को हद से ज़्यादा पीछे ले जाने से बचें।
- कंधों और रीढ़ की हड्डी में सुदृढ़ता लाने के लिए पसलियों को ऊपर उठाएं।
- टेलबोन को अपनी एड़ियों की तरफ धकेलकर पाँवों के मध्यम और बाहरी हिस्से से थोड़ा दबाव डालें।
4. बालासन
बालासन एक आरामदायक मुद्रा है, जिसमें रीढ़ की हड्डी खिंचकर लंबी हो जाती है।
इस मुद्रा को कसरतों के बीच-बीच में अपनाकर आप या तो थोड़ा आराम प्राप्त कर सकते हैं या फिर स्ट्रेचिंग की अपनी दिनचर्या को समाप्त कर सकते हैं। तनाव से होने वाली बेचैनी के लिए यह बेहद कारगर होता है।
करने की विधि
- बालासन करने के लिए फर्श पर घुटने टेककर उन्हें अपनी छाती से लगाकर कुछ देर तक इस मुद्रा को बनाए रखें।
- इस मुद्रा के दौरान अपने घुटनों के बीच तो कुछ फासला बनाए रखें, पर आपके पैरों की उँगलियाँ एक-दूसरे के संपर्क में होनी चाहिए। फिर रीढ़ की हड्डी में और खिंचाव लाने के लिए घुटनों को भी जोड़ लें।
- अगर आपका सिर फर्श तक न पहुंचे तो पूरी तरह से आराम पाने के लिए अपने माथे को किसी योगा ब्लॉक पर टिका लें।
- आप बाज़ुओं को अपने आगे भी रख सकते हैं और अपनी बगल में भी।
- गहरी सांस अंदर खींचकर उसे बाहर निकालते समय यह कल्पना करें कि आपका तनाव गायब हो रहा है।
जैसाकि आप देख सकते हैं, कुछेक योगासन करने से ही आप बेहतर महसूस करने लगेंगे।
श्वास की इन कसरतों को मैडिटेशन से जोड़ देने पर आपको तन और मन के संतुलन के कई लाभ प्राप्त होंगे।
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