क्या हर वक्त आपका पेट फूला हुआ रहता है?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप क्या करते हैं, कितनी एक्सरसाइज करते हैं या आपकी डाइट क्या है ... लेकिन आपको लगता है कि आपके पेट की साइज़ कम नहीं होगी। क्योंकि आपको पेट फूला हुआ महसूस होता है। आपकी टांगो के साथ भी ऐसा हो सकता है।
आपकी आकृति के साथ जो भी हो, ब्लोटिंग की वजह से लगातार बना रहने वाला भारीपन और असहजता का अहसास आपको जीवन का आनंद लेने से रोक सकता है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि क्यों हर समय आपका पेट फूला हुआ रहता है? इस लेख में हम आपको बताएंगे।
ब्लोटिंग या पेट फूला हुआ होने के कारण
शरीर के किसी भी अन्य भाग की तुलना में पेट के फूलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। यह समस्या एक तिहाई महिलाओं को प्रभावित करती है और अक्सर हफ़्ते में कम से कम एक बार होती है।
हालांकि यह समस्या गंभीर नहीं है, लेकिन बहुत परेशान कर सकती है क्योंकि अक्सर इसके साथ दर्द, गैस या कब्ज की शिकायत बनी रहती है। पेट फूला हुआ होने के मुख्य कारण ये हैं:
मेंस्चुरल सिंड्रोम
पेट के फूलने का यह सबसे अहम कारण है। इस समय यानी मासिक धर्म से ठीक पहले, महिलाओं का शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन का उत्पादन कम कर देता है। यह पेट और ब्रैस्ट में तरल पदार्थ को बनाए रखने और सूजन का कारण बनता है।
फंसी हुई गैस
फंसी हुई गैस के कारण भी पेट फूला हुआ रह सकता है क्योंकि गैस बाहर जाने के लिए रास्ता खोजने की कोशिश करती है। यही कारण है कि दोपहर के भोजन के बाद पेट और बुरी तरह फूल जाता है। पाचन के दौरान गैस पेट में जमा होती है और शरीर से बाहर निकलने का रास्ता ढूँढने में वक्त लेती है।
पेट फूला हुआ होने का कारण फ्लूइड रिटेंशन
पेट फूला हुआ होने का एक कारण घंटों बैठना या खड़े रहना भी है, क्योंकि इससे पेट के किसी हिस्से में तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं।
फ्लूइड रिटेंशन की प्रवृत्ति सुस्त जीवनशैली, कमजोर रक्त संचार और ज्यादा सोडियम और शुगर की वजह से बढ़ जाती है। यह एक्सरसाइज की कमी या पर्याप्त पानी नहीं पीने के परिणामस्वरूप भी हो सकता है।
फ़ूड इनटॉलेरेंस
हम अक्सर यह महसूस नहीं कर पाते कि तमाम असुविधा, पेट फूलना और यहां तक कि दस्त की वजह दरसल किसी खाने के प्रति असहनशीलता होती है।
इनमें सबसे आम लैक्टोस इनटॉलेरेंस (दूध में मौजूद एक तरह का शुगर) है, जो तब होती है जब शरीर पर्याप्त मात्रा में एक एंजाइम उत्पन्न नहीं कर पाता जिसे लैक्टेज कहा जाता है।
हॉर्मोन का असंतुलन
जब तरल पदार्थ टांगो या पेट के निचले हिस्से में जमा होते हैं, तो यह लीवर, किडनी या हृदय रोग का कारण बन सकता है। कुछ दवाइयां हॉर्मोन में बदलाव और वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं।
खराब पेट
आंतों में फंसी गैस पेट फूलने का दूसरा कारण है। इस स्थिति में कई अलग-अलग लक्षण होते हैं जैसे पेट में दर्द, बाथरूम जाने में कठिनाई, आँतों की क्रोनिक तकलीफ।
इसका अपराधी दरअसल शरीर में मौजूद बैक्टीरियल फ़्लोरा के पर्यावरण में बदलाव है।
तेज खाने की आदत से पेट फूला हुआ रह सकता है
कभी-कभी हमें यह पता नहीं चलता कि वास्तव में हम खाना खाने के बजाय बिना चबाये उसे मुंह में ठूस रहे होते हैं ।
यह कई कारणों से एक बुरी आदत मानी जाती है:
- खाने के बाद संतुष्ट होने का अहसास करने में मस्तिष्क को लगभग आधे घंटे का वक्त लगता है।
- इसलिए यह ज़रूरत से ज्यादा खाना खाने का कारण बनता है।
- इससे ज्यादा हवा निगलने की संभावना बढ़ जाती है, जो बाद में आंत में फंस जाती है और ब्लोटिंग की वजह बंटी है।
तले हुए खाद्य पदार्थ
ब्रेड, पास्ता, मक्खन और खूब तले हुए खाने कई लोगों के आहार का वर्णन करते हैं। तले हुए खाद्य पदार्थ फैट के डाइजेशन को धीमा करते हैं जो खाने के बाद पेट फूलने का कारण बनता है।
सॉफ्ट ड्रिंक
बुलबुले फूलते हैं। यह पूरी समस्या का निचोड़ है।
बुदबुदानेवाला फेनिल पेय पीने से पेट में दर्द होता है। मीठे पेय नुकसान को दोहरा कर देते हैं क्योंकि खाली कैलोरी वजन बढ़ाती है।
इस ओर से सावधान रहें क्योंकि स्पार्कलिंग पानी भी पेट में सूजन का कारण हो सकती है भले ही इसमें कोई चीनी न हो।
बहुत ज्यादा या बहुत कम फाइबर खाना
फाइबर की कमी कब्ज से जुड़ी होती है (और यह सूजन का कारण भी बनती है), लेकिन आपको अत्यधिक मात्रा में भी इसे नहीं खाना चाहिए।
बहुत ज्यादा फाइबर खाने का असर उल्टा हो सकता है क्योंकि यह दस्त और आँतों में सूजन पैदा कर सकता है।
बहुत ज्यादा परिष्कृत (रिफाइंड) आटा
बेक्ड खाना, पिज़्ज़ा, पास्ता (हमारे रोजाना के खाद्य पदार्थों के साथ) पाचन शक्ति में कमज़ोरी का कारण बन सकते हैं।
इसका मतलब यह है कि पूरे खाने को पचाने के पहले ही पेट के सारे पाचन एंजाइम खत्म हो जाते हैं।
ये खाद्य पदार्थ “जमा” हो जाते हैं और फिर सड़ने लगते हैं, जिसकी वजह से गैस, अपच और पेट में ब्लोटिंग होती है।
ब्लोटिंग कम करने के लिए युक्तियाँ
जब एक बार आप कारणों की पहचान कर लेते हैं कि आपका पेट फूला हुआ क्यों है, तो अगला कदम इसे होने से रोकना और कुछ कार्यवाही करना है।
आपकी मदद के लिए यहां कुछ सलाहें दी गई हैं:
- सोडियम खाएं।
- दिन भर में कम से कम दो लीटर पानी पियें। कार्बोनेटेड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक के बदले नेचुरल जूस लें।
- लैक्जेटिव दवाओं से बचें क्योंकि वे आपको अपने ऊपर निर्भर बना लेते हैं और दस्त का कारण भी बन सकते हैं।
- अपने भोजन को धीरे से खाएं और हर कौर को कई बार चबाएं। तनाव से छुटकारा पाएं क्योंकि इससे फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है।
- ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनके कारण गैस होता है।
- आँतों में मौजूद फ़्लोरा का प्राकृतिक वातावरण सही करने के लिए दही या नेचुरल योगर्ट खाएं।
- फ़ूड इनटॉलेरेंस का टेस्ट करवाएं।
- “निषिद्ध” खाद्य पदार्थों को उनके स्वस्थ विकल्प (उदाहरण के लिए गाय के दूध की जगह बादाम का दूध) के साथ बदलें।
- हर दिन पर्याप्त फाइबर खायें और अपने आहार में ज्यादा कच्चे फल और सब्जियां शामिल करें।
- गैस को निकालने में शरीर की मदद करने के लिए एक्सरसाइज करें। फंसी हुई गैस को खत्म करने में मदद करने के लिए उस भाग में हल्का दबाव देने का प्रयास करें।
- तले हुए और जंक फूड बहुत कम खाएं। भोजन को भाप दें, उबाल लें या बेक कर लें।
- प्रोसेस्ड या रिफाइंड खाने की जगह साबुत अनाज का चुनाव कीजिये।
Yonkers, K. A., O’Brien, P. M. S., & Eriksson, E. (2008, April). Premenstrual syndrome. Lancet (London, England). https://doi.org/10.1016/S0140-6736(08)60527-9
Enck, P., Aziz, Q., Barbara, G., Farmer, A. D., Fukudo, S., Mayer, E. A., … Spiller, R. C. (2016). Irritable bowel syndrome. Nature Reviews. Disease Primers, 2, 16014. https://doi.org/10.1038/nrdp.2016.14