ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या से हैं परेशान तो क्या करें उपाय

ज़रूरत से ज्यादा पानी पीने से बचना ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या से बचने का सबसे पहला और आसान तरीका है। इसके अलावा कुछ प्रकार के खाद्य भी हैं जिनसे आपको परहेज करना चाहिए।
ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या से हैं परेशान तो क्या करें उपाय

आखिरी अपडेट: 01 जून, 2018

ओवर एक्टिव ब्लैडर यानी अति सक्रिय मूत्राशय किसी भी समय बिना कोई संकेत दिये पेशाब को बाहर छोड़ सकता है।

यह समस्या हद से ज्यादा परेशान कर देने वाली हो सकती है। हालाँकि, अच्छी बात यह है कि, यह उन समस्याओं में से एक है जिनका यदि हम समय रहते सही ढंग से इलाज कराएं तो ठीक हो जाती हैं।

इस लेख में, हम उन खाने-पीने की चीजों के बारें में बात करेंगे जिनका आपको परहेज करना चाहिए, खासकर जब आप इस समस्या से बचना चाहते हैं।

ओवर एक्टिव ब्लैडर के बारे में जरूरी बातें

ओवर एक्टिव ब्लैडर ऐसे करें उपाय

ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या को कैसे ठीक किया जाये इस बारे में बात करने से पहले, इसके बारे में थोड़ा जान लेना सही होगा। ओवर एक्टिव ब्लैडर को “हाइपरैक्टिव ब्लैडर” के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या बहुत से लोगों को प्रभावित करती है। कोई भी ऐसा आदमी जिसमें नीचे दिए गये दो या दो से अधिक लक्षण हों, तो उसे ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या हो सकती है:

  • दिन में 8 बार तथा रात में 2 बार से ज्यादा पेशाब जाना (पानी या एनी तरल चीजें ज्यादा न पिया हो तब भी)
  • बार-बार पेशाब के लिए जाने की तीव्र इच्छा होना।
  • पेशाब जाने के बाद प्यास का महसूस होना।

मूत्राशय के नियंत्रण में समस्या होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। फिर भी, आम तौर पर निम्न बातें इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार होती हैं:

  • नर्वस
  • स्ट्रेस
  • कॉफ़ी का ज्यादा सेवन
  • ज्यादा मात्रा में पानी पीना

इतना ही नहीं, लगभग 20% मामलों में इसका सीधा सम्बंध न्यूरोलॉजिकल कंडीशन जैसे पार्किंसंस रोग, ब्रेन ट्यूमर या स्पाइना बिफिडा से होता है

जो लोग ओवर एक्टिव ब्लैडर से पीड़ित हैं, उन्हें किसी खास एक्टिविटी में भाग लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। ऐसे में उन्हें अपनी इस स्थिति पर शर्मिंदगी महसूस हो सकती है।

अचानक से पेशाब लगना और “राह चलते हुये” यूरिन का रिसाव हो जाना आपको अन्य लोगों से अलग कर देता है और वर्कप्लेस पर भी आपके लिए परेशानी का कारण बनता है।

और आखिरकार, होता यह है कि पीड़ित व्यक्ति अपनी तमाम मेंटल एनर्जी को इसके बारे में सोचने पर गवां देता है।

अति सक्रिय मूत्राशय से परेशान हैं तो ये परहेज करें

ऐसी स्थिति में ट्रीटमेंट कई प्रकार के हो सकते हैं।

  • कुछ जो एक प्रोफेशनल डॉक्टर द्वारा बताये जाते हैं जैसे कि बोटोक्स इंजेक्शन।
  • बाकी हमारी डेली हैबिट से सम्बंधित हैं| इसमें आते है; पेल्विस को मजबूत करने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज और पेय पदार्थों के उपयोग में कटौती।

यदि आप भी उनमें से एक हैं जो ओवर एक्टिव ब्लैडर से पीड़ित हैं, तो हम आपको निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का परहेज करने की सलाह देते हैं:

मसालेदार खाने

भारतीय चटनी, मैक्सिकन डिश, एशियन फूड, हॉट चिली … ये सभी चीजें स्वादिष्ट हो सकती हैं, लेकिन जब आपके यूरिनरी सिस्टम के स्वास्थ्य की बात आती है तो ये चीजें आपके लिए समस्या पैदा कर सकती हैं।

जरा सोचिये, अगर इन्हें खाने से आपके मुहं में जलन होती है, तो क्या ब्लैडर की परत के साथ ऐसा नहीं होगा? जी हाँ!

स्पाइसी फूड और मसालों से स्थिति और ज्यादा खराब हो जायेगी। इसीलिये हम यही कहेंगे कि आप इनका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दें या फिर इनका कम से कम सेवन करें।

चीनी से बनी चीजें

मिठाई या वे चीजें जिनमें बहुत ज्यादा चीनी होती है वे आपकी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसा ही उन मिठाईयों पर भी है जिनमें चीनी के बजाय अन्य कृत्रिम स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है।

ये सभी पेशाब की शिकायत बढ़ाते हैं और  ब्लैडर के लिए असुविधा खड़ी करते हैं। इसके अलावा, ये बड़ी मात्रा में कैलोरी का स्रोत भी हैं।

यही वजह है कि कैंडी, कुकीज, केक और अन्य मीठी चीजों का कम से कम इस्तेमाल करना एक अच्छा आईडिया है। इसके बजाय क्यों न हम ताजा और सूखे फलों का इस्तेमाल बढ़ाएं? यह एक बढ़िया, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प भी है।

कॉफ़ी

ओवर एक्टिव ब्लैडर में कॉफ़ी का परहेज

कैफीन से शरीर पर कई नेगेटिव प्रभाव पड़ते हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है। उदाहरण के लिए, यह दिमाग, दिल और मूत्राशय को ज्यादा सक्रिय कर देती है।

यही वजह है कि ज्यादा कॉफी पीने से ब्लैडर ज्यादा तेज काम करने लगता है और हाइपरएक्टिव ब्लैडर के लक्षण बढ़ जाते हैं।

हालांकि, केवल कॉफी ही ऐसा पेय नहीं है जो ब्लैडर से बाहर निकाले जाने वाली पेशाब की मात्रा को बढ़ा सकता है। सॉफ्ट ड्रिंक (विशेष रूप से कोला), कुछ प्रकार की चाय और गर्म कोको भी इसके लिए दोषी हैं।

ब्लूबेरी या खट्टे जूस

इसमें कोई शक नहीं है कि ब्लूबेरी आपके ब्लड और दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इसके अलावा, हाइपरटेंशन और डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इसके इस्तेमाल की विशेष सलाह दी जाती है। साथ ही यह मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन से लड़ने में कारगर है।

हालांकि, इसका साइड इफ़ेक्ट भी है। यह ओवर एक्टिव ब्लैडर की समस्या को बढ़ा सकती है। इन छोटी-छोटी बेरियों में मौजूद एसिड आपको बार-बार बाथरूम जाने के लिये मजबूर कर सकता है।

इसके अलावा, साइट्रिक या एसिडिक ड्रिंक जैसे संतरे और मौसमी के जूस के इस्तेमाल से बचें, यह बात अलग है कि उनमें मौजूद विटामिन C आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए अच्छा विकल्प हो सकती है।

जो लोग मूत्र अनियमितता से परेशान हैं उनके लिए इन फलों के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो ब्लैडर में और ज्यादा परेशानी पैदा करते हैं।

ओवर एक्टिव ब्लैडर में खट्टे जूस से बचें

अल्कोहल का भी बुरा असर होता है, खासकर जब इसे ज्यादा मात्रा में पी लिया जाये। यह एक शक्तिशाली मूत्रवर्धक है। इसका एक असर यह भी है कि यह ब्लैडर को तकलीफ देता है

उदाहरण के लिए, हर बार जब भी आप एक बियर पीते हैं, तो आप स्पष्ट रूप से एक तरल पदार्थ पी रहे हैं। बियर में मौजूद अल्कोहल किडनी के काम करने की गति बढ़ा देता है। इससे तरल को बाहर निकालने के लिए ब्लैडर को तेजी से काम करना पड़ेगा।

अति सक्रिय मूत्राशय वाले लोगों को एक दिन में एक गिलास वाइन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे किडनी पर जोर नहीं पड़ता। इसके अलावा, कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के लिए इसके बहुत सारे फायदे हैं।

टमाटर

टमाटर एसिडिक फल है। यही कारण है कि ब्लैडर और मूत्र मार्ग की हेल्थ पर इसके बहुत खतरनाक असर पड़ते हैं। इसके अलावा, यह पानी से भरपूर होता है और इसमें एक मूत्रवर्द्धक असर होता है।

यदि आप पका हुआ टमाटर खा रहे हैं, तो यह और भी नुकसानदेह है, और उस समय भी जब टमाटर को सॉस के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत से लोग एसिडिक टेस्ट को “छुपाने” के लिए टमाटर सॉस में थोड़ा चीनी मिला देते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया है मूत्र की अनियमितता से पीड़ित लोगों को शुगर वाली चीजें लेने की सलाह बिल्कुल भी नहीं दी जाती।

कम-से कम शुगर युक्त चीजों से स्वादिष्ट सॉस बनाने की एक सबसे बढ़िया तकनीक है उसमें बारीक कटे हुए कच्चे गाजर मिलाना। आप मिश्रण में थोड़ी क्रीम, दूध या बेकिंग सोडा भी मिला सकते हैं।

ये सभी टमाटर की नेचुरल एसिडिटी को बेअसर करने में आपकी मदद करेंगे।

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