कीमोथेरेपी की टाइप
आप जानते हैं, कीमोथेरेपी (chemotherapy) कैंसर के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले इलाजों में से एक है। इसमें कई तरह की दवाएं होती हैं। इसका अर्थ है कि कई अलग-अलग प्रकार की कीमोथेरेपी होती हैं।
इस ट्रीटमेंट का लक्ष्य रोग को ठीक करने के लिए कैंसर सेल्स को नष्ट करना है। सभी तरह की कीमोथेरेपी कैंसर सेल्स और स्वस्थ सेल्स दोनों पर असर डालती है। इसका मतलब है, ये गंभीर साइड इफेक्ट पैदा करते हैं।
इस आर्टिकल में हम विभिन्न प्रकार के कीमोथेरेपी और उनकी मुख्य विशेषताओं की जानकारी देंगे।
एल्काइलेटिंग एजेंट (Alkylating agent)
एल्काइलेटिंग एजेंट अपनी उच्चतम एक्टिविटी तक आराम के क्षणों में पहुंचते हैं और सेल साइकल के लिए विशिष्ट नहीं होते हैं। डॉक्टर अलग-अलग तरह की कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट का सुझाव दे सकते हैं:
- सबसे पहले मस्टर्ड गैस डेरिवेटिव हैं। उदाहरण के लिए साइक्लोफॉस्फ़ामाइड (cyclophosphamide)।
- दूसरे, एथिलएनिमाइन (ethylenimines)। हेक्सामिथाइलमेलामाइन (Hexamethylmelamine) इनमें से एक है।
- हाइड्रेंजाइन (Hydrazines) और ट्राइजाइन (triazines)। जैसे कि एल्ट्राटामाइन (altretamine) और प्रोकार्बजाइन (and procarbazine)।
- निट्रोसोरिया (Nitrosoureas)। वे अद्वितीय हैं क्योंकि ज्यादातर कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के विपरीत वे ब्लड-ब्रेन बैरियर को पार कर सकते हैं, जो कि मस्तिष्क की रक्षा करने वाली मेम्ब्रेन है। इस प्रकार वे ब्रेन ट्यूमर के इलाज में उपयोगी हैं।
- अंत में, मेटल साल्ट।
कीमोथेरेपी के लिए पौधों के एल्केलॉइड (Plant alkaloids)
यह कीमोथेरेपी कुछ पौधों से आती है। उदाहरण के लिए विन्का एल्कलॉइड्स का उत्पादन पेरिविंकल प्लांट (Catharanthus rosea) से किया जाता है। इस ग्रुप में पैसिफिक एव ट्री की छाल से बने टैक्सेन भी शामिल हैं।
पिछले ग्रुप से अलग सभी प्लांट एल्कलॉइड कीमोथेरेपी दवाएं सेल साइकल के लिए विशिष्ट होती हैं। इसका मतलब यह है कि वे सेल डिविजन के स्टेज के आधार पर कोशिकाओं पर हमला करते हैं। विन्का एल्कलॉइड (vinca alkaloids) और टैक्सन के अलावा पॉडोफिलोटॉक्सिन (podophyllotoxins) और कैंपोथेक्टिन एनालॉग (camptothecin analogs) भी इस ग्रुप में हैं।
डॉक्टर रोगी की मंजूरी लेकर कीमोथेरेपी की टाइप का सुझाव देंगे।
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एंटीट्यूमर एंटीबायोटिक्स (Antitumor antibiotics)
यह दूसरे तरह की कीमोथेरेपी है जो प्राकृतिक पदार्थों से आती है। पौधों की बजाय यह कीमोथेरेपी मिट्टी के एक फंगस स्ट्रेप्टोमाइस (Streptomyces) की एक स्पीशीज से आती है।
एंटीट्यूमर एंटीबायोटिक्स सेल साइकल के विभिन्न स्टेज में कैंसर कोशिकाओं पर अपना प्रभाव डालती हैं, किसी ख़ास समय में नहीं, जैसा कि हमने ऊपर बताया है। यहाँ इसके कुछ बहुत आम रूप हैं:
- एन्थ्रासाइक्लाइन (Anthracyclines)। जैसे कि डॉक्सोरूबिसिन (doxorubicin) या एपिरुबिसिन (epirubicin)। इन दवाओं के लंबे समय तक कार्डियोटॉक्सिक असर होते हैं।
- क्रोमोमाइसिन (Chromomycins)। उदाहरण के लिए डैक्टिनोमाइसिन (Dactinomycin)।
- mitomycin
- bleomycin
एंटीमेटाबोलाइट्स (Antimetabolites)
यह कीमोथेरेपी कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्राकृतिक अणुओं की तरह है। जब कोशिकाएं इन पदार्थों को सेलुलर मेटाबोलिज्म में शामिल करती हैं, तो वे कोशिका के विभाजन को रोकने में सक्षम होते हैं।
एंटीमेटाबोलाइट्स को उन पदार्थों के अनुसार क्लासिफाई किया जाता है जिनमें वे हस्तक्षेप करते हैं:
- फोलिक एसिड एंटागोनिस्टिक। मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate)।
- पाइरीमिडीन एंटागोनिस्टिक। 5-फ्लूरोरासिल (5-fluorouracil) या कैपिसिटाबाइन (capecitabine)।
- प्यूरिन एंटागोनिस्टिक। 6-मर्कैपटॉप्यूरिन (6-Mercaptopurine)।
- एडेनोसिन डेमिनमिनस इनहिबिटर। क्लैड्रबाइन (Cladribine), फ्लुडारैबिन (fludarabine), नेलाराबीन (nelarabine), और पेंटोस्टैटिन (pentostatin)।
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टोपियोसोमेरेज़ अवरोधी (Topoisomerase inhibitors)
ये ड्रग्स टोपोइज़ोमिरेज़ एंजाइम (I और II दोनों) के एक्शन में हस्तक्षेप करने की क्षमता रखते हैं। ये एंजाइम डीएनए संरचना में हेरफेर के लिए जिम्मेदार हैं, जो प्रतिकृति बनने के लिए ज़रूरी है। इन दवाओं के दो उदाहरण हैं, आइरिनोटेकन (irinotecan) या एटोपोसाइड (etoposide)।
कीमोथेरेपी के लिए विविध एंटीनोप्लास्टिक्स (antineoplastics)
जैसा कि ग्रुप के नाम से साफ़ है, इसमें ऐसी कीमोथेरेपी दवाएं शामिल हैं जो किसी दूसरे ग्रुप में शामिल नहीं हैं क्योंकि वे अद्वितीय और विशिष्ट होती हैं। इनमें से कुछ हैं:
- माइटोटेन (Mitotane)
- ऐस्पेरेजिनेज़ (Asparaginase) और पेगाऐसपैरेजिनेज़ (pegaspargase)
- एस्ट्रामस्ताइन (Estramustine)
- रेटिनॉइड (retinoids)
निष्कर्ष
कीमोथेरेपी के अलावा कैंसर के लिए कई दूसरी तरह की केमिकल थेरेपी भी हैं, जैसे कि टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या हार्मोन थेरेपी। इन सभी चिकित्सीय एजेंटों ने कैंसर के इलाज में काफी प्रगति की सहूलियत दी है।
पर अभी भी हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है और इस मेडिकल फील्ड में और ज्यादा रिसर्च की ज़रूरत है। इसलिए अंतिम लक्ष्य अत्यधिक विशिष्ट तरह की कीमोथेरेपी हासिल काना है जो ज्यादातर सिर्फ ट्यूमर कोशिकाओं पर हमला करें।
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