नाखूनों की फफूंद की नेचुरल ट्रीटमेंट हल्दी से
नाखूनों की फफूंद या फंगस बहुत ही आम समस्या है। फफूंदी आपके पैर के अंगूठे या हाथ के नाखूनों पर उग सकती है। चिकित्सा जगत में इस बीमारी को ओनीकोमायकॉसिस नाम से जाना जाता है।
यह एक तरह का संक्रमण है जो डरमैटोफाइट के कारण होता है। डरमैटोफाइट एक तरह का यीस्ट है । अनुकूल वातावरण मिलने पर यह बहुत ही आसानी से पनपता है और नाखूनों के इर्द गिर्द फ़ैलने लगता है।
नाखूनों की फफूंद बहुत से लोगों की आम समस्या है। हालाँकि इससे बचाव के कई तरीके हैं, लेकिन जीवन में कभी न कभी लगभग हम सभी को इसका सामना करना पड़ता है ।
यह संक्रमण किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत नहीं है। फिर भी इसके कारण कमज़ोरी, नाखूनों का जल्द टूटना और पूरे के पूरे नाखूनों को खो देना संभव है।
इसके अलावा, इस परेशानी से कई लोगों को कुछ विशेष प्रकार के जूते पहनने में तकलीफ भी हो सकती है । दिनोंदिन आपके नाखून भद्दे पीले रंग-रूप अपना लेते हैं।
सौभाग्यवश, यह एक ऐसी स्थिति है जिसे प्राकृतिक तरीकों से ठीक किया जा सकता है । इसके लिए आप अपने किचेन में मौजूद हल्दी के एंटी-फंगल गुणों को धन्यवाद दीजिये।
यहाँ हम आपको बताएँगे कि हल्दी में ऐसे कौन से गुण हैं जो इसे इतना प्रभावपूर्ण बनाते हैं। हम यह भी समझेंगे कि इसके उपयोग से नाखूनों में लगी फंगस को कैसे खत्म किया जा सकता है।
बेहतर है कि हल्दी के इन अनगिनत फ़ायदों की आप एक नोट बना लें क्योंकि हल्दी दरअसल गुणों की खान है। आइये खुद देख लीजिये!
नाखूनों की फफूंद के लिए प्राकृतिक हल्दी का उपचार
हल्दी (कर्क्युमा लोंगा) एक प्रकार की जड़ है और प्लांट किंगडम में मौजूद अदरक परिवार ‘ज़िन्जीबरेसी’ की सदस्य है।
पुराने ज़माने से ही हल्दी अपने पौष्टिक गुणों और सेहतमंद फायदों के लिए जानी जाती है। यह लम्बे समय तक शरीर के आतंरिक और बाहरी स्वास्थ्य की देख-रेख कर पाने में सक्षम है।
बहुत से व्यंजनों को ख़ास रंग देने या फिर छौंक में इस्तेमाल की जाने वाली हल्दी इतने अनूठे फ़ायदों से भरपूर है कि यह हर घर की रसोई में पाई जाती है।
वैसे तो हममें से अधिकतर लोग इसका उपयोग खाना बनाते समय करते हैं, लेकिन घरेलू इलाजों में भी इसका इस्तेमाल अक्सर होता है।
इसकी वजह इसमें मौजूद दर्दनाशक, सूजनरोधी, एंटीबायोटिक खूबियाँ हैं। ये सभी खूबियां इकट्ठे उन तमाम हालात में सुधार लाती हैं, जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर असर डालते हैं।
नाखूनों की फफूंद के लिए हल्दी का ही उपयोग क्यों?
- हल्दी में मुख्य एक्टिव कंपाउंड करक्यूमिन है। इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो यीस्ट और तमाम डर्मोफाइट की ग्रोथ पर रोक लगाते हैं।
- इसके साथ-साथ, यह क्यूटिकल और नाखूनों की सतह को ज़रूरी पोषण देता है। नाखून मज़बूत होने लगते हैं और उनका टूटना कम हो जाता है।
- विटामिन और प्रोटीन से भरपूर और अपनी एंटी-ऑक्सीडेंट खूबियों के कारण, हल्दी पर्यावरण में मौजूद हानिकारक केमिकल का प्रभाव कम करने में बहुत ही सहायक सिद्ध होती है।
नाखूनों में लगी फफूंद को खत्म करने के लिए ऐसे बनाएँ हल्दी उबटन
अगर आप चाहती हैं कि हल्दी का यह ट्रीटमेंट ज्यादा कारगर हो, तो हम आपको हल्दी में नारियल तेल मिलाने की सलाह देंगे।
यह उबटन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल यौगिकों से मिलकर बनी है। सोख लिए जाने के बाद ये फफूंद की बढ़त पर रोक लगा देते हैं।
इसमें आवश्यक फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में हैं। ये नाखूनों की नमी सोखते हैं उन्हें ज़रूरी पोषण देते है। इस तरह वे नाखूनों के टूटने और उनके रूखेपन को नियंत्रित करते है।
सामग्री:
- 3 चम्मच ऑर्गैनिक नारियल तेल (45 ग्राम)
- 3 चम्मच हल्दी पाउडर (30ग्राम)
उपयोग में लाए जाने वाले बर्तन:
- ढक्कन लगा काँच का जार
बनाने की विधि:
- 100% ऑर्गैनिक नारियल का तेल लें और उसे आंच पर रखकर पिघला लें।
- इसके बाद इसमें हल्दी पाउडर मिलाएं।
- इन दोनों चीज़ों को मिलाकर एक अच्छा पेस्ट तैयार कर लें।
- अब इसे आंच से हटा दें।
- इसे थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। जब यह पेस्ट थोड़ा स्थिर हो जाए तो इसे काँच के जार में डाल दें।
- पेस्ट के जमते ही इसे अपने नाखूनों पर लगाना शुरू कर दें।
उपयोग करने की विधि:
- इस पेस्ट को ऐसे सभी नाखूनों के इर्द-गिर्द लगाएं जहाँ सबसे अधिक फफूंद लगी हुई हो।
- इसे सूखने के लिए 30 से 40 मिनट तक छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।
- इसे पैरों के तलवे में और ऐसी सभी जगह लगाएं जहाँ फंगल इन्फेक्शन होने का संदेह हो।
- इस उपचार को तब तक प्रयोग में लाते रहें, जब तक आपको इसके प्रत्यक्ष नतीजे न दिखने लगें।
और अंत में!
बेहतर फायदे पाने के लिए, इस लेप के उपयोग के साथ-साथ साफ़-सफाई की स्वस्थ आदतें अपनाएँ और साफ़ हवादार जूते पहनें।
फंगल ग्रोथ से बचने ले लिए अपने नाखूनों को नमी वाली जगहों से दूर रखें। नमी फंगस के विकास को बढ़ावा देती है।
जूते या मोजे को अच्छी तरह से साफ़ करें, खासकर अगर वे फफूंद के संपर्क में आए हैं।
अपने व्यक्तिगत उपयोग के सामान को दूसरों से शेयर करने से बचें। इनमे निम्नलिखित चीज़ें शामिल हैं:
- साबुन
- नेल कटर
- तौलिया
- नेल पॉलिश
- नेल फाइलर
और सबसे ज़रूरी बात, अपने खान-पान की गुणवत्ता को सुधारें। हमेशा अच्छा और पौष्टिक भोजन खाएं। पौष्टिक भोजन आपके इम्यून सिस्टम को फफूंद और बैक्टीरिया से लड़ने लायक ताकतवर बनाता है।
- A Review on Antibacterial, Antiviral, and Antifungal Activity of Curcumin
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4022204/ - Bactericidal Activity of Curcumin I Is Associated with Damaging of Bacterial Membrane
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4374920/ - Curcumin: Transforming the spice to a wonder drug
http://ijpsr.com/bft-article/curcumin-transforming-the-spice-to-a-wonder-drug/