8 चौंकाने वाले संकेत फेफड़े के कैंसर के, इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिये
फेफड़े का कैंसर एक घातक बीमारी है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह बीमारी सिर्फ धूम्रपान करने वाले लोगों को होती है। लेकिन यह सच नहीं है। इसलिए फेफड़े के कैंसर के संकेतों को जानना बहुत ज़रूरी है।
जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं, वे भी इस जानलेवा बीमारी के शिकार बन जाते हैं क्योंकि सभी लोगों पर इस बीमारी को शुरू करने वाले दूसरे कारकों का असर पड़ता है। ये कारक हैं:
- वायु प्रदूषण
- पैसिव स्मोकिंग
- एस्बेस्टस और रोडोन जैसे कार्सिनोजेनिक केमिकल का एक्सपोजर
सीने में दर्द होना इसका एक मुख्य लक्षण है। इसके अलावा कुछ और लक्षण हैं जिनके बारे में लोग कम जानते हैं और जिनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
बीमारी की स्टेज के अनुसार नीचे बताये गये लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
फेफड़े के कैंसर की चेतावनी वाले संकेतों से जुड़े भ्रम
अक्सर लोग इस कैंसर का संकेत देने वाली कई शिकायतों की ओर शुरू में ध्यान नहीं देते हैं या गलती से उनको किसी और बीमारी के लक्षण समझते हैं।
कई बार वे इन लक्षणों को सामान्य जुकाम या शारीरिक मेहनत के कारण होने वाली थकान से जुड़ा हुआ समझते हैं।
अगर आप इन लक्षणों को उसी समय पहचान लें और मेडिकल सहायता लें तो ट्रीटमेंट का ज्यादा असर होगा।
इन लक्षणों की ओर से जागरूक रहना चाहिये:
1. लगातार खांसी आना
यह ज्यादातर सूखी खांसी होती है। कभी-कभी इसके साथ खून भी निकल सकता है। कई लोगों में गाढ़े लाल रंग का बलगम बन सकता है।
अगर आपको एक महीने से ज्यादा खांसी की शिकायत रहती है और आपकी आवाज़ सामान्य से ज्यादा कर्कश या गहरी हो जाती है तो जल्द किसी श्वसन संबंधी स्पेशलिस्ट से संपर्क करना अच्छा होगा। वह कई टेस्ट करके पता करेगा कि कहीं यह फेफड़े के कैंसर का लक्षण तो नहीं है।
बहुत से लोग, खासतौर से जो अपने को स्वस्थ समझते हैं, इस लक्षण की उपेक्षा करते हैं क्योंकि वे इतने सारे टेस्ट कराने की झंझट मोल लेना नहीं चाहते। ध्यान रखें कि आप जितनी जल्दी इस दिशा में कदम उठायेंगे उतनी जल्दी आपका शक दूर हो सकता है।
2. क्रॉनिक संक्रमण
क्या आप बिना किसी खास वजह से ब्रोंकाइटिस या किसी और संक्रमण से बार-बार पीड़ित हो रहे हैं? अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो अपने डॉक्टर से इस समस्या को विस्तार से जांचने के लिए कहें।
एक बात जो आपको खासतौर से चेतावनी दे सकती है और जो ब्रोंकाइटिस और उसके जैसे दूसरे संक्रमणों का सामान्य लक्षण नहीं है, वह है सीने में दर्द होना।
- आमतौर पर लोग सोचते हैं कि सीने का दर्द हृदय की समस्या से संबंधित है।
- अगर आपके कार्डियोलॉजिस्ट ने पहले ही बता दिया है कि यह आपके ह्रदय के कारण नहीं हो रहा है तो आप ज़रूर डॉक्टर से अपने फेफड़े की जांच करवायें।
3. वजन घटना
यदि पिछले कुछ दिनों में आपने अपने आहार में कोई परिवर्तन नहीं किया है और न ही एक्सरसाइज शुरू की है, फिर भी आपका वजन कम हो गया है तो आपको सोचना चाहिये कि ऐसा क्यों हो रहा है।
आप इस बात का स्वागत कर सकते हैं और खुश हो सकते हैं कि अपने आप ही वजन कम हो गया है लेकिन याद रहे, यह आपके शरीर की किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है।
4. हड्डियों में दर्द
यह फेफड़े के कैंसर का एक लक्षण है जो ज्यादातर शरीर के अन्य अंगों में बीमारी के फैल जाने के बाद दिखाई देता है। आमतौर पर इसका असर पीठ और कमर पर होता है।
कुछ लोग सोचते हैं कि हड्डियों में दर्द होना एक आम और मामूली शिकायत है जो खासतौर से उम्र के साथ सभी को होती है। लेकिन आपकी उम्र जो भी हो आपको यह पक्के तौर पर पता कर लेना चाहिये कि हड्डी का दर्द किसी और गंभीर समस्या की ओर इशारा तो नहीं कर रहा है।
5. गले और चेहरे की सूजन
यह तब होता है जब ट्यूमर की वजह से वेना कावा पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है। यह नस रक्त को आपके सिर और बांहों से वापस हृदय तक ले जाने के लिए जिम्मेदार है।
जब रक्त प्रवाह की गति सामान्य से धीमी हो जाती है तो गले और चेहरे की सूजन होती है। इस मामले में आप देखेंगे कि आपको इस फुलाव या सूजन से मालिश या कोई और तकनीक अपनाकर छुटकारा नहीं मिलता है।
6. मांसपेशियों की कमजोरी
फेफड़े के कैंसर के इस लक्षण का आपकी कमर, बांहों, कंधों या टांगों पर असर हो सकता है। इसमें आमतौर पर कमजोरी और ताकत की कमी होती है जिसकी वजह से रोज का कामकाज मुश्किल हो जाता है।
7. कैल्शियम का ऊँचा स्तर
कुछ फेफड़े के कैंसर ऐसे होते हैं जिनके कारण रक्त में कैल्शियम का लेवल ऊँचा हो जाता है। इससे ये लक्षण दिखाई देते हैं:
- बार-बार मूत्र त्याग
- कब्ज
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- जी मिचलाना
- पेट में दर्द
- चक्कर आना
ये लक्षण फेफड़े के कैंसर से संबंधित हैं या नहीं, इस बात का पता लगाने का सिर्फ एक तरीका है, वह है ब्लड टेस्ट।
8. साँस लेने में कठिनाई
क्या आप बहुत ज्यादा खर्राटे लेने लगे हैं? क्या साधारण काम जिसे आप पहले आसानी से कर लेते थे उसे करने में अब आपको मुश्किल हो रही है?
क्या तेज चलने से आपकी साँस फूलने लगती है जबकि पहले आपको कभी यह परेशानी नहीं होती थी?
फेफड़े के कैंसर का एरोबिक क्षमता पर असर होता है। अगर आपको ऐसे कोई लक्षण दिखाई दें तो सीधे अपने डॉक्टर के पास जाकर कुछ टेस्ट करवायें।
सिर्फ मेडिकल प्रोफेशनल ही यह पता कर सकता है कि आप किसी गंभीर समस्या से पीड़ित हैं या साँस की कठिनाई उम्र या शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण हो रही है।
किसी अनपेक्षित परिवर्तन की ओर से जागरूक रहें
आप देख सकते हैं, इनमें से कई लक्षण ऐसे हैं जो फेफड़े के कैंसर के अलावा किसी और बीमारी के सूचक हो सकते हैं।
यह ज़रूरी है कि आप शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तनों की ओर से जागरूक रहें जो आहार, शारीरिक गतिविधि या दवाइयों में बदलाव लाये बिना ही होते हैं।
आपको जैसे ही कोई बदलाव दिखाई दे, अपने डॉक्टर के पास जायें और उनसे इनके पीछे छिपे हुए कारणों का पता लगाने के लिए कहें।
आशा है वह कोई झूठी चेतावनी होगी। लेकिन ऐसा करने से आपको किसी और बीमारी के बारे में सही समय पर पता करने का मौका भी मिल सकता है।
इसके अलावा याद रहे कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका अगर जल्दी निदान हो जाता है तो ट्रीटमेंट के सफल होने की ज्यादा संभावना होती है।
जैसा कि आप जानते हैं तंबाकू का धुआं एक कार्सिनोजेन है। इसलिए उससे और दूसरे हानिकारक केमिकल्स से दूर रहें जिनके कारण कैंसर होने का खतरा होता है।