आँतों की समस्या के बारे में सचेत करते हैं ये 6 अजीब लक्षण
क्या आप आँतों की समस्या के संकेतों को पहचानते हैं? इनकी समस्याएं सिर्फ कब्ज तक सीमित नहीं हैं।
आंतें शरीर के बहुत सारे आवश्यक कार्यों को पूरा करती हैं। हम जो खाना खाते हैं उनके पोषक तत्त्वों, पानी, विटामिन्स और मिनरल्स को शरीर इनकी सहायता से अवशोषित करता है। इतना ही नहीं, ये हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
जैसा कि आप जानते हैं, आंतों की अंदरूनी दीवारों पर मौजूद जीवाणु हमारी सेहत के लिए जरूरी हैं। ये कई बिमारियों से निपटते हैं और अंदरूनी संतुलन बनाये रहने में मदद करते हैं जिसकी बदौलत हमारे जीवन की गुणवत्ता बनी रहती है।
इसके अलावा यह भी याद रखना चाहिए कि आंतें सिर्फ एक अंग नहीं हैं। इनके कई भाग होते हैं। लॉन्ग इंटेसटाइन यानी बृहदान्त्र उनमें से एक है।
इसलिए आंतों की सेहत बनाये रहने का मतलब है अपने सामान्य स्वास्थ्य को अच्छा रखना है। हमें यह बात रोज ध्यान में रखनी चाहिए।
यह जरूरी है कि जब हमारे शरीर में कुछ गड़बड़ी हो तो हम उसको नज़रअंदाज़ न करें। संभव है कि वह आँतों की समस्या का संकेत हो।
इस वजह से आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपके शरीर में क्या हो रहा है। इन लक्षणों के बारे में सतर्क रहकर आप आंतों की अच्छी सेहत बनाये रखने के लिए एक अहम कदम उठायेंगे।
आँतों की समस्या के बारे में सतर्क करने वाले अनोखे लक्षण
1. कमजोर हड्डियाँ
कल्पना करें कि आप एक दिन अपने दोस्त के साथ किसी पहाड़ पर एक सेहत की सैर पर जाते हैं। चलते-चलते कहीं अचानक एक पत्थर से ठोकर खाकर गिर पड़ते हैं। नतीजा यह होता है कि आपके कमर की हड्डी टूट जाती है।
इस गंभीर घटना के लिए दो चीजों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वह पत्थर जो इस मुसीबत की जड़ है या ऑस्टियोपोरोसिस, वह क्लासिक बीमारी जिससे बहुत से लोग डरते हैं। यह बीमारी बहुत सी महिलाओं को होती है।
अब कल्पना करें कि अगले महीने फिर आपकी कोई हड्डी टूटती है। इस बार आपकी कलाई, टिबिया या कंधे की हड्डी पर चोट लगती है।
ऐसे में हमें समझ जाना चाहिए कि कुछ गड़बड़ है और हमें उसके बारे में पता करना चाहिए।
इसके दो कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि आपका पेट बहुत ज्यादा एसिड बना रहा हो जिसकी वजह से कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स आपकी आंतों में ठीक से अवशोषित न हो रहे हों।
नहीं तो यह परेशानी विटामिन K की वजह से हो सकती है। आंतें इस विटामिन को बनाती हैं।
अगर आंतें ठीक से काम नहीं करती हैं तो इस आवश्यक विटामिन की कमी हो जाती है। इसके कारण परेशानी होती है क्योंकि यह मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को उत्पन्न करने और बनाये रखने के लिए बहुत जरूरी है।
2. ज्यादा स्ट्रेस और एंग्जायटी भरे अंतराल
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जब आपकी आंतों में माइक्रोबियल फ्लोरा के असंतुलन का असर सबसे पहले आपकी मानसिक दशा पर होता है।
वास्तव में एक नस होती है जो आंतों को सीधे दिमाग से जोड़ती है। इसलिए हर समय इन दोनों अहम अंगों के बीच में संकेत आते-जाते रहते हैं।
अगर आप अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन करते हैं तो आंतों में रहने वाले माइक्रोबियल फ्लोरा इसका खामियाजा भुगतते हैं। इसका सीधा असर आपकी भावनाओं और मानसिक दशा पर होता है।
इसे रोकने के लिए आप अपने आहार में कुछ साधारण परिवर्तन कर सकते हैं:
- अधिक मात्रा में ताज़े फल और सब्जियां खाएं।
- खूब ज्यादा पानी पियें।
- अपने आहार में केफिर को शामिल करें। यह अद्भुत सुपर फूड है जिसमें माइक्रोबियल फ्लोरा को फिर से संतुलित करने का गुण मौजूद होता है।
3. त्वचा में खुजली और आँतों की समस्या का अनोखा संबंध
आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि खुजली होना आँतों की समस्या का लक्षण है। आमतौर पर लोग खुजली को किसी साधारण एलर्जी से जुड़ा हुआ समझते हैं। लेकिन यह लक्षण साफ बताता है कि आंतें ठीक से काम नहीं कर रही हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी आंते ज्यादा पारगम्य होंगी तो खाने के जिन कणों को वे नहीं पचा पायेंगी वे उनकी दीवारों से रिस कर रक्तधारा में चले जायेंगे।
इसके अलावा अगर शरीर में अधिक विषैलापन होगा तो प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिकूल प्रतिक्रिया होगी। वह जहरीली चीजों से निपटने के लिए खुजली, सूजन और फुलाव उत्पन्न करेगा।
अगर आप ऐसे लक्षणों को देखें तो जितना जल्दी हो सके किसी डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि वे आँतों की समस्या से जुड़े हो सकते हैं।
4. कमजोर नाखून
कमजोर और नाजुक नाखून इस बात का संकेत देते हैं कि आपका शरीर खाने के पोषक तत्त्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर रहा है।
आपने यह जानी-मानी बात सुनी होगी कि “आप वही हैं जो आप खाते हैं”। लेकिन यह कहना ज्यादा सही होगा कि “आप वही हैं जो आपकी आंतें अवशोषित करती हैं”।
अगर आपकी आंतें स्वस्थ नहीं हैं और उनमें रहने वाले माइक्रोबियल फ्लोरा कम मात्रा में हैं या अच्छी दशा में नहीं हैं तो आप खाने को अच्छी तरह से पचा नहीं पायेंगे। फलस्वरूप, आपका शरीर नाखूनों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स को सोख नहीं पायेगा।
5. पेट फूलना
कभी-कभी हमलोग अपने पेट को देखकर सोचते हैं कि इतनी जल्दी हमारा वजन इतना ज्यादा कैसे बढ़ गया।
सच्चाई तो यह है कि कई बार पेट मोटापे की वजह से नहीं फूला हुआ होता है बल्कि गैस के कारण फूल जाता है। यह आँतों की समस्या का लक्षण है और साफ बताता है कि आंतें ठीक से काम नहीं कर रही हैं।
वैसे यह स्वास्थ्यवर्धक खाना न खाने की वजह से नहीं होता है। लेकिन किसी फूड एलर्जी के कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
याद रहे, हमारे आहार में डेयरी प्रोडक्ट सबसे आम एलर्जी के कारक होते हैं। अक्सर उनके कारण ही ये व्यापक समस्या पैदा होती है।
6. सफेद स्टूल
अगर आपका स्टूल सफेद रंग का हो तो इस बात को नज़रअंदाज़ न करें। जल्दी से जल्दी किसी डॉक्टर से इसके बारे में सलाह लें।
यह समस्या आमतौर पर आंत्र जलन या डायरिया के समय होती है। यह आंतों में माइक्रोबियल फ्लोरा और सूजन के कारण भी हो सकता है। लेकिन ये परेशानी और भी गंभीर लिवर की समस्याओं से जुड़ी हुई है जिसके लिए खास ट्रीटमेंट होता है।
आप देख रहे हैं, ये काफी ठोस लक्षण हैं और सामान्य रूप से इनको अन्य समस्याओं के साथ जोड़ा जाता है।
अगर आपको अपने शरीर को लेकर कोई भी संदेह हो तो किसी विश्वसनीय मेडिकल प्रोफेशनल से राय लें और सच्चाई जानें।
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