इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लिए 5 सबसे अच्छी चाय
इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome -IBS) जिसे कोलाइटिस म्यूकोसा भी कहा जाता है, एक पाचन से जुदा रोग है जो पेट में दर्द और इंटेसटिनल मूवमेंट में तबदीली का कारण बनता है। इसमें घूम-फिर कर कब्ज और दस्त होती है।
यह एक ऐसी बीमारी है जो गलत खानपान और सुस्त लाइफस्टाइल के कारण लगातार बढ़ रही है। ये दोनों फैक्टर इसके विकास को मजबूती से प्रभावित करते हैं।
यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। हालाँकि किशोर या उन लोगों में ज्यादा आम है जो अभी वयस्क हो रहे हैं।
इसके लक्षण कभी-कभार भी हो सकते हैं या बाहरी उत्तेजना की वजह से भी हो सकते हैं। लेकिन यह एक पुरानी समस्या भी बन सकती है जो आपके जीवन की गुणवत्ता घटा देती है।
दर्द के अलावा, रोगी गैस बनने की शिकायत करता हैं, पेट फूला हुआ महसूस करता है और पाचन के दूसरी गड़बड़ियां महसूस करता है। इलाज नहीं करने पर समस्तेया और बिगडती है।
सौभाग्य से इसके लिए चाय जैसे प्राकृतिक इलाज भी हैं। ये अपने गुणों के कारण अनचाही प्रतिक्रिया पैदा किए बिना राहत देती हैं।
इन पर एक नज़र डालें!
इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में उपयोगी चाय
1. सेज टी (Sage tea)
सेज कसैला और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों वाला पौधा है। ये गुण इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोमके लक्षणों से राहत देने में मदद करते हैं।
इसमें मौजूद सामग्री आपकी आंतों की वनस्पतियों के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे कब्ज और सूजन को रोकने में मदद मिलती है।
सामग्री
- सेज की सूखी पत्तियों की 1 चम्मच
- 1 कप पानी
निर्देश
- एक कप उबलते पानी में सेज की सूखी पत्तियाँ डालें। 10 से 15 मिनट तक इसे ऐसे ही रहने दें।
- जब यह पीने लायक पर्याप्त ठंडा हो, तो इसे छान लें।
इसे कैसे पीना है
- रोजाना दो कप चाय पियें: एक सुबह और दूसरी रात में।
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2. सौंफ की चाय (Fennel seed tea)
सौंफ़ की चाय अपनी पाचक और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण लोकप्रिय हैं। साथ ही वे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों में मदद कर सकते हैं।
वे पेट की सूजन को कम करने में सक्षम हो सकते हैं। क्योंकि वे गैस और विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करते हैं जो आपकी आंतों में मौजूद हैं।
सामग्री
- 1 कप पानी
- 1 चम्मच सौंफ
अनुदेश
- उबालने के लिए पानी को तेज आँच पर रखें। जब यह उबाल पर पहुंच जाए तो इसे आँच से हटा दें और बीज डालें।
- इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और छान लें।
इसे कैसे पीना है
- नाश्ते के लिए और भोजन खाने से पहले इस चाय का एक कप पिएं।
3. मोटी सौंफ की चाय (Anise tea)
मोटी सौंफ की चाय में एंटी इन्फ्लेमेटरी और और शांत करने वाला गुण है। यह आपकी आंतों में पेट की ऐंठन और गैस को कम करने में मदद करती है।
इसमें आंत्र जलन को कम करने की क्षमता है। यह आपके पेट में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया की सुरक्षा भी करती है।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच सौंफ
- 1 कप पानी
अनुदेश
- उबलते पानी में सौंफ डालें और इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
- छान लें और सौंफ को फेंक दें।
इसे कैसे पीना है
- हर मुख्य भोजन से पहले चाय पिएं।
4. इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में पुदीने की चाय पियें
पुदीना उन पौधों में से एक है जो आपके कोलन से जुड़ी पाचन समस्याओं को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें एंटीस्पास्मोडिक, सेडेटिव और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण हैं। जब आप इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का शिकार होते हैं, तो ये दर्द और पेट की जलन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
सामग्री
- 1 कप पानी
- पुदीने की पत्तियों का 1 बड़ा चम्मच
अनुदेश
- पानी उबालें और पुदीने की पत्तियां डालें।
- बर्तन से ढकें और इसे 10 से 15 मिनट तक छोड़ दें।
- चाय छानकर पिएं।
इसे कैसे पीना है
- नाश्ते के साथ एक कप चाय पियें और इसे रोज दो या तीन बार पियें।
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5. लेमन बाम टी (Lemon balm tea)
लेमन बाम टी पाचन को बढ़ावा देने और आंतों की गैस को कम करने के लिए एकदम सही है।
इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी एक्शन पेट की जलन को कम करने में मदद करती है। यह इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से जुड़े दर्द को शांत करने में भी मदद करता है।
सामग्री
- 1 कप पानी
- सूखे लेमन बाम पत्तियों का 1 बड़ा चम्मच
निर्देश
- उबालने के लिए एक कप पानी डालें। जब यह उबलने लगे तो इसमें सूखा नींबू बाम मिलाएं।
- आँच कम करें और इसे दो या तीन मिनट के लिए उबलने दें।
- तीन मिनट के बाद इसे आँच से हटा दें और तब तक इन्तजार करें जब तक कि यह पीने लायक पर्याप्त ठंडा न हो जाए।
इसे कैसे पीना है
- इस चाय का एक कप नाश्ते में और दूसरा दोपहर के समय पिएं।
ध्यान रखें, सर्वोत्तम नतीजों के लिए इन चायों को पीना एक स्वस्थ आहार का पूरक होना चाहिए। इसलिए आपको खाए जाने वाले फैट, शुगरऔर कार्बोहाइड्रेट पर काबू रखना चाहिए।
शराब और उत्तेजक पेय जैसे कैफीन या तम्बाकू से बचना महत्वपूर्ण है।
- El-Salhy, M., & Gundersen, D. (2015). Diet in irritable bowel syndrome. Nutrition Journal. https://doi.org/10.1186/s12937-015-0022-3