4 स्टेप : ये फैट बर्न करने की आपकी क्षमता बढ़ाने में शानदार हैं
फैट बर्न करने के कई तरीकें हैं। उनमें से एक है किटोजेनिक डाइट। इसके तहत आप कार्बोहाइड्रेट खाना बंद कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि आप अपने शरीर को किटोसिस (ketosis) नाम की एक प्रक्रिया शुरू करने के लिए बाध्य करते हैं। किटोसिस में आपका शरीर ऊर्जा स्रोत के रूप में फैट बर्न करने के लिए बाध्य किया जाता है। यह आपके शरीर में जमा फैट हो सकता है या वह फैट जिसे आप भोजन में खाते हैं।
यह होने पर आपका लिवर किटोन बॉडीज़ बनाना शुरू कर देता है। इन पर आपके हृदय और दिमाग को ऊर्जा देने की जिम्मेदारी रहती है।
1. अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कीजिए
फालतू फैट बर्न करने के लिए पहला कदम है, भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम से कम कर देना। आपको रोज 15 से 20 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट नहीं खाना चाहिए।
इस तरह आपका शरीर ऊर्जा स्रोत के रूप में ग्लूकोज़ या शुगर का इस्तेमाल नहीं कर सकता। तब यह एक अलग अवस्था में चला जाता है जहाँ यह सक्रिय रहने के लिए जरूरी ऊर्जा फैटी एसिड्स या उस फैट से ग्रहण करता है जिन्हें आपने जमा किया है। यह ग्लाइकोजेन (Glycogen) है ।
ग्लाइकोजेन आपके लिवर और मांसपेशियों में जमा किया गया ग्लूकोज़ है। इस प्रक्रिया में ग्लाइकोजेन रिजर्व में रहना बंद कर देता है और ऊर्जा का प्राइमरी सोर्स बन जाता है। शरीर अपने रोजमर्रा के काम करने के लिए इसका इस्तेमाल शुरू कर देता है। शुरुआती कुछ दिनों तक थकावट महसूस करना या मूड खराब होना सामान्य बात है। आप आहार में जो कम कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं, यह उस पूरी प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
2. फैट बर्न करने के लिए डाइट में नारियल तेल शामिल कीजिए
किटोसिस के जरिए फैट बर्न करने के लिए दूसरी सलाह डेली डाइट में नारियल तेल शामिल करना है।
- इस तेल में जो फैट होते हैं उन्हें मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) कहा जाता है। ये शरीर द्वारा जल्दी सोख लिए जाते हैं।
- आपका लिवर इन फैट्स को किटोन्स में बदल देता है, जो ऊर्जा के बढ़िया स्रोत हैं।
- असल में इस तेल में लाउरिक एसिड (lauric acid) मौजूद है, जिसे मृगी (epilepsy) से पीड़ित बच्चों को दिया जाता है। यह किटोसिस शुरू करने में मदद करता है और इसके लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की जरूरत नहीं होती।
3. अपने खाद्यों की सूची में हेल्दी फैट रखें
अपने दैनिक डाइट में हेल्दी फैट्स शामिल कर लेना फालतू फैट को जलाने का एक अन्य उपाय है। इनमें शामिल हैं:
- ऑलिव ऑयल
- एवोकैडो
- नारियल तेल
- मक्खन
बेशक यह याद रखिए कि आपको इनकी मात्रा संतुलित रखनी चाहिए। अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो ज्यादा फैट लेने पर कैलोरी सेवन बढ़ जाता है।
यह भी अहम है कि जिन फैट्स को आपने चुना है वे जितना संभव हो सके वे नेचुरल हों। इससे आपके भोजन में केमिकल प्रोडक्ट की मात्रा कम करने में मदद मिलती है।
4. डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दीजिए
यदि आप फालतू फैट बर्न करना चाहते हैं, तो आहार में प्रोटीन की औसत से ऊँची मात्रा बनाए रखना अहम है।
इसके पीछे तथ्य है कि प्रोटीन को पचाकर आपका लिवर इनसे एमिनो एसिड्स पाता है। किटोन्स को इस्तेमाल करने लायक ऊर्जा में बदलने के लिए जो ग्लूकोज़ ज़रूरी होता है उसे बनाने के लिए यह एमिनो एसिड अहम है।
इसके साथ-साथ, जब आपका वजन घटता है तो इससे होने वाली मांसपेशियों की मूवमेंट के लिए प्रोटीन अहम ज़रूरी होता है। इसका कारण यह है कि फैट बर्न करने की प्रक्रिया में आप कुछ मांसपेशियों को भी खो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : पेट फूलने की समस्या को रोकने के लिए यह ओटमील टी आजमाएं
किटोसिस के फायदे (Advantages of ketosis)
- जमा हुए फैट्स को ऊर्जा के स्रोत के रूप में इस्तेमाल करते हुए आप अपना वजन जल्दी कम करते हैं। फिर भी, यदि आप लो कार्ब डाइट के साथ तुलना करें, तो यह ज्यादा आक्रामक नहीं है।
- जब कार्बोहाइड्रेट्स आपकी डाइट में फिर नए सिरे से और धीरे-धीरे शामिल किए जाते हैं, तो यह उन्हें बेहतर ढंग से मेटाबोलाइज करने में मदद करता है।
- किटोसिस से आपका शरीर ज्यादा कुशलता से फैट का उपयोग करना सीखता है।
- किटोसिस डाइट का असर संतोषजनक होता है। हमें ज्यादा खाने के लिए मजबूर करने वाली चिंता कम हो जाती हैं। यह आपके दैनिक आहार में हेल्दी फैट्स को ज्यादा संख्या में शामिल करने के कारण होता है।
इस डाइट से फैट बर्न करने के अन्य प्रभाव
फैट बर्न करना एक ऐसी चीज हो सकती है जो आपको परेशान करती है। फिर भी, आपको ध्यान में रखना चाहिए के हरेक डाइट के साथ जुड़ा कोई खतरा भी मौजूद रहता है।
हालांकि, किटोसिस डाइट नेचुरल है और असल में यह आपको अच्छी तरह खाना सिखाती है। आपकी डाइट में किए गए जरूरी बदलावों के कारण यह अपने साथ कुछ साइड इफेक्ट्स भी ला सकती है।
सबसे सामान्य साइड इफेक्ट हैं :
- चक्कर आना और सिरदर्द। यह साइड इफेक्ट तीसरे दिन के बाद दिखाई दे सकता है। यह इसलिए होता है कि आपके दिमाग को काम करने के लिए ग्लूकोज़ की जरूरत होती है।
और इसलिए भी कि जब किटोन बॉडीज़ काम करना शुरू करते हैं तो वे कुछ बदलाव कर सकते हैं। यह प्रक्रिया खड़े होने पर और जल्दी-जल्दी चलने पर चक्कर आने का कारण बन सकती है।
- सांस में दुर्गंध या मुँह में मेटलिक स्वाद। यह इस तरह फालतू फैट बर्न करने पर आपके शरीर में कीटोन बॉडीज़ की मात्रा ज्यादा होने पर होना सामान्य है।
- तीव्र गंध वाला पेशाब। यह आपके पेशाब में किटोन रिलीज होने के कारण होता है।
- जरूरत से ज्यादा पसीना। आपके पेशाब की तरह आपका फालतू पसीना भी एक उपाय है जिससे आपका शरीर किटोन बॉडीज़ से छुटकारा लेता है।
- कैल्शियम का कम होना। आहार में प्रोटीन की ऊँची मात्राएँ लेने और पेशाब के जरिए कैल्शियम का क्षय होने के बीच एक संबंध ज़रूर है।
यह प्रोटीन पचाने के लिए जरूरी एसिड की संख्या के कारण होता है। इसका कारण यह है कि आपकी हड्डियों की स्थिरता आपके शरीर के एसिड-बेस संतुलन के प्रति अति संवेदनशील होती है।
इस समस्या से बचने के लिए आपको कोई कैल्शियम सप्पलिमेंट लेना चाहिए।
मुख्य छवि (c) wikiHow.com के सौजन्य से।
यह आपकी रुचि हो सकती है ...