एकतरफा रिलेशनशिप को भुला देने के तीन स्टेप

अपनी ज़रूरतों और अपनी ज़िन्दगी में आए एक खालीपन को भरने के लिए अक्सर हम किसी नामुमकिन-से रिश्ते को लेकर खुद से ही लड़ते-झगड़ते रहते हैं।
एकतरफा रिलेशनशिप को भुला देने के तीन स्टेप

आखिरी अपडेट: 25 जून, 2019

जब आप किसी एकतरफा रिलेशनशिप से उबर नहीं पाते तो वह किसी नासूर जैसा हो जाता है। आपको यह लगने लगता है कि आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे।

जी हाँ, इसमें कोई दो राय नहीं है कि ख़ुशी की बातें करना बड़ा आसान है, पर खुश रह पाना बहुत मुश्किल।

फिर भी, हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हो, किसी एकतरफा या टॉक्सिक रिलेशनशिप के जंजाल में फंस जाने पर हमें पता होना चाहिए कि आख़िर हम उस रिश्ते से बाहर क्यों नहीं निकल पा रहे

कई बार अपनी जिद्द के कारण हम अपने साथी का दामन नहीं छोड़ पाते। “अपने प्यार के लिए आपको लड़ना भी पड़ता है”… कई लोग इस बात को अपनी ज़िन्दगी का तकिया कलाम ही बना लेते हैं।

लेकिन ऐसे करके हम अपने दिल को एक ऐसा घाव दे देते हैं, जिसे भरने में हमें काफ़ी मुश्किल आती है। हमारे रिलेशनशिप में नयी-नयी परेशानियाँ खड़ी होती रहती हैं और अपने प्रेमी या प्रेमिका को अपने साथ रखने की अपनी जिद्द में हम उस दलदल में गहरे धंसते चले जाते हैं

किसी एकतरफा रिलेशनशिप को भुलाने के तरीके

1. अपने अंदर झांककर देखें

मेरे रिलेशनशिप ने मुझे एक खालीपन से भर दिया है

कभी-कभी हम अपने दिल में झांककर देखना ही भूल जाते हैं। यह परेशानी और परिस्थिति अपने रिलेशनशिप को लेकर हमारे जुनून की वजह से पैदा होती है। यह परेशानी किसी ऐसे इंसान को चाहने से पैदा होती है, जो हमें नहीं चाहता।

अपनी आत्मा को खंगालकर आपको यह समझ में आ सकता है कि आप भावनात्मक रूप से अपने साथी पर निर्भर हो चुके हैं। किस्मत को जो रिश्ता मंज़ूर ही नहीं है, उस रिश्ते को अलविदा कहने में आपके लिए सबसे बड़ी मुश्किल यही होती है।

साथ ही, आपके व्यक्तित्व के कुछ पहलु भी आपको थोड़ी परेशानी में डाल सकते हैं। उदहारण के तौर पर, एक बार किसी चीज़ या व्यक्ति पर दिल आ जाने के बाद उसे पा लेने की आपकी चाहत भी आपकी मुश्किल का सबब बन सकती है। आपकी इस आदत के पीछे अतीत में आपके अकेलेपन से लेकर किसी रिबाउंड रिलेशनशिप (एक ब्रेकअप के अचानक बाद ही शुरू किया गया कोई दूसरा रिलेशनशिप) तक, किसी का भी हाथ हो सकता है।

आपके लिए यह समझना बहुत अहम है कि क्या आमतौर पर आपको ऐसे ही लोगों से प्यार होता है, जो आपकी पहुँच से बाहर हैं। अगर ऐसा है तो इसके लिए आपका आत्मसम्मान ज़िम्मेदार हो सकता है।

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हमें उन्हीं लोगों से प्यार होता है, जिनके साथ हम कभी भी किसी रिलेशनशिप में इसलिए नहीं आ सकते कि उस वक़्त किसी नये रिश्ते को शुरू करने के लिए हम तैयार ही नहीं होते

सच जानने के लिए अपने अंदर झांककर देखें।

2. क्या आप अपने आपसे खुश हैं?

रिलेशनशिप के लिए बेतैयार आदमी

खुद को शीशे में देखकर आप इस बेहद ज़रूरी सवाल का जवाब दे सकेंगे। कई बार अंदर से टूट जाने के बावजूद भी हमें यही लगता रहता है कि हम बिल्कुल भले-चंगे हैं।

हो सकता है कि किसी का साथ न होने की वजह से हम दुखी हो। या फ़िर यह भी हो सकता है कि हम उन लोगों में से हैं, जिनके लिए किसी न किसी को प्यार करना सांस लेने जितना ज़रूरी होता है।

ध्यान रखें कि आप किसी और की स्वीकृति पाने के लिए तो नहीं जी रहे। अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप किसी न किसी एकतरफा रिलेशनशिप की चपेट में ज़रूर आ जाएंगे।

इस बात का सबसे दुखद पहलु तो यह है कि ऐसे में हम अपने आपको ही ठेस पहुंचाने लग जाते हैं। ऐसे भी कुछ लोग होते हैं, जो अपनी ही खुशियों का गला घोंटने लगते हैं।

ऐसा ज़रूरी नहीं कि यह बात साफ़-साफ़ दिखाई दे। आख़िर वे कौनसा खुद को कोई शारीरिक नुकसान पहुंचा रहे होते हैं? ठीक से खान-पान न करना और खुद को किसी टॉक्सिक रिलेशनशिप में धकेल देना भी अपने आपको ठेस पहुंचाने का कोई कम घातक तरीका थोड़ी न होता है!

3. किसी नये दर्द के आ जाने से आप अपने पुराने दर्द को भूल नहीं जाते

किसी भी नये रिलेशनशिप में कूद पड़ने से पहले खुद को पूरा वक़्त दें

ज़िन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर हम सभी का प्यार पर से भरोसा उठ जाता है। साथ ही, हम सभी इस कहावत से भी भलीभांति वाकिफ़ हैं कि “कोई नया दर्द, पुराने दर्द से आपका ध्यान भटका देता है”। यह सरासर झूठ है।

किसी इंसान को भुलाने के लिए किसी और के साथ रिलेशनशिप में आ जाना दर्द को दावत देने जैसा होता है। इससे आपपर तो असर पड़ता ही है, आपके नये साथी को भी काफ़ी ठेस पहुँचती है।

हाँ, यह सच है कि किसी और के साथ कोई रिश्ता शुरू करने पर अपने पुराने साथी को अनदेखा करना थोड़ा आसान हो जाता है। पर क्या आपको सच में लगता कि वह सच्चा प्यार होता है? क्या आपको नहीं लगता कि जाने-अनजाने में ही आप किसी और का इस्तेमाल कर रहे होते हैं?

इस बात का बहुत ही गहरा मतलब है। अकेले रहकर किसी नये साथी को न ढूंढ पाने के अपने डर की वजह से हम जल्दबाज़ी में किसी नये पार्टनर की तलाश करने में जुट जाते हैं।

कुछ पल के अपने अकेलेपन से छुटकारा पाने के लिए आप लंबे वक़्त तक रहने वाले एक दुःख का दामन थाम लेते हैं। कुछ पल के लिए अकेले ही दुनिया का सामना करने से बचे रहने के लिए आप यह गलती कर बैठते हैं।

एकतरफा रिलेशनशिप आपको खोखला कर देते हैं

किसी भी रिलेशनशिप में सोच-समझकर ही कूदें

एक एकतरफा रिलेशनशिप सच्चा प्यार पाने की आपकी संभावना को कुचले रखता है। उस रिश्ते में आप फंसकर रह जाते हैं। अक्सर आप काफ़ी वक़्त इसी उम्मीद में गुज़ार देते हैं कि कोई न कोई चमत्कार आपके रिश्ते को मज़बूत बना देगा। यहाँ काफ़ी वक़्त से हमारा मतलब कई साल है।

ऐसे ही किसी से भी “प्यार” कर लेने से कई संभावनायें आपके हाथों से फिसल जाती हैं। आपके सामने से निकलती ये संभावनायें भी आपको अपनी आँखों पर पड़ी पट्टी की वजह से दिखाई नहीं देती।

आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि एकतरफा रिलेशनशिप्स से सिर्फ़ और सिर्फ़ आपको ठेस ही पहुंचेगी। न ही उनकी शुरुआत अच्छी होगी और न ही उनका अंत।

अगर आप भी ऐसे ही रिश्तों की चपेट में बार-बार आते रहते हैं, तो आपको अपनी आँखें खुली रखने की ज़रुरत है।

खुद से प्यार करना सीखें। अपने डर की वजह से किसी भी एकतरफा रिलेशनशिप के पीछे भागने से बचें।


यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।