एसिक्लोफेनेक का असर
एसिक्लोफेनेक (Aceclofenac) एक नॉनस्टेरॉइड एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग है। इसका इस्तेमाल व्यापक रूप से गठिया (rheumatoid) के रोगों में होने वाले दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए किया जाता है। इसमें एनाल्जेसिक, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी रयूमेटिक असर मौजूद है। हम इस लेख में एसिक्लोफेनेक के असर की पड़ताल करेंगे।
अगर इसकी केमिकल संचरना की बात करें तो यह एसिटिक एसिड से बनाया जाता है। इसकी संरचना दूसरी एनाल्जेसिक दवा डाइक्लोफेनेक की तरह है।
डॉक्टरों इस दवा को उन मामलों में देते हैं जब एक मरीज को पीठ दर्द, दांत दर्द और जोड़ों के दर्द जैसी एंटी इन्फ्लेमेटरी और तकलीफदेह स्थितियों के लिए इलाज की जरूरत होती है।
इसके अलावा डॉक्टर ऑस्टियोआर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी जोड़ों के क्रोनिक स्थिति में होने वाले क्रोनिक पेन और सूजन के इलाज के लिए भी इसे लिखते हैं।
रूमेटाइड आर्थराइटिस क्या है?
रूमेटाइड आर्थराइटिस एक क्रोनिक सूजन वाली टोइम्यून बीमारी है। यह रोग कई जॉइंट को प्रभावित करता है और इसके कई आम और नॉन स्पेसिफिक या अविशिष्ट लक्षण होते हैं।
अगर आप इस समस्या का ठीक से इलाज न करें तो यह गंभीर शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे रोगी के जीवन की क्वालिटी बिगड़ सकती है।
जहां तक लक्षणों की बात है, रूमेटाइड आर्थराइटिस जो आमतौर पर दर्द और कठोरपन के साथ उभरता है, और छोटे और बड़े जॉइंट को हिलाने-डुलाने में मुश्किल होती है।
इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- थकान
- हल्का बुखार
- अस्वस्थता
- भूख में कमी
- वजन घटना
हालांकि सबसे आम लक्षण सुबह में अंगों में होने वाली कठोरता है, खासकर पैरों और हाथों में।
रूमेटाइड आर्थराइटिस को ट्रिगर करने वाले कारण अभी भी अज्ञात हैं। हालाँकि, जैसा कि हमने ऊपर बताया है, हम जानते हैं, यह एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है और जेनेटिक और गैर-जेनेटिक कारक इसका कारण बनते हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
डॉक्टरों ने इस स्थिति के लिए भी एसिक्लोफेनेक की सिफारिश की है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक अन्य रयूमेटिक बीमारी है जो जॉइंट कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाती है।
जॉइंट में एक तरल पदार्थ होता है जिसे सिनोवियल द्रव के रूप में जाना जाता है जो सिनोवियल मेम्ब्रेन का निर्माण करता है। जोड़ों को बनाने वाली हड्डियों के सिरे आर्टिकुलर कार्टिलेज से ढके होते हैं।
जब इस कार्टिलेज को क्षति होती है, तो यह दर्द, कठोरता और विकलांगता का कारण बनता है। इसलिए गठिया से इस बीमारी को अलग करना जरूरी है। इसमें से दूसरा जॉइंट में होनेवाली सूजन के कारण विकसित होता है, न कि कार्टिलेज की क्षति से।
हालांकि, चूंकि वे दोनों दर्द का कारण बनते हैं, इसलिए एसिक्लोफेनेक उन लक्षणों के इलाज में असरदार है जो वे दोनों पैदा करते हैं।
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एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing spondylitis)
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस भी एक रयूमेटाइड आर्थराइटिस है जो रीढ़ और सैकरोइलिएक जॉइंट (sacroiliac joints) की सूजन का कारण बनती है। हालांकि इस स्थिति का सटीक कारण अज्ञात है, कुछ विशेषज्ञों ने इसे विशिष्ट मामलों में जेनेटिक विरासत से जोड़ा है।
यह आमतौर पर किशोरावस्था या युवा वयस्कता के दौरान उभरता है और इसे पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है। इसके विपरीत महिलाों में इस रोग का एक उग्र रूप दिख सकता है, जिससे इसकी डायग्नोसिस मुश्किल हो जाती है।
आमतौर पर यह निचली पीठ के दर्द के साथ प्रकट होता है जो पूरे रीढ़ और पेरिफेरल जॉइंट को प्रभावित कर सकता है, जिससे दोनों में दर्द हो सकता है, साथ ही रीढ़ की हड्डी में कठोरता, हिलाने-डुलाने में मुश्किल और जॉइंट डिफोर्मेशन हो सकती है।
एसिक्लोफेनेक का असर
एसिक्लोफेनेक के एंटी इन्फ्लेमेटरी असर प्रोस्टाग्लैंडीन सिंथेसिस (prostaglandin synthesis inhibition) के कारण साइक्लो-ऑक्सीजनेज एंजाइम (cyclo-oxygenase enzyme- COX) के निषेध के फलस्वरूप हो सकते हैं।
प्रोस्टाग्लैंडिंस ऐसी प्रोटीन संरचनाएं हैं जो कई शारीरिक प्रक्रियाओं में भूमिका निभाती हैं, जैसे कि दर्द की संवेदना होने में। इस तरह इसका बनना रोक देने से दर्द की संवेदना कम हो जाती है।
एसिक्लोफेनेक का एक एंटीपायरेटिक (antipyretic) प्रभाव भी होता है, जो हाइपोथैलेमस पर पेरिफेरल वैसोडिलेशन के कारण होने वाले सेन्ट्रल एक्शन के कारण हो सकता है। प्रोस्टाग्लैंडीन बनने में होने वाले अवरोध के कारण दूसरे प्रभाव भी होते हैं:
- गैस्ट्रिक म्यूकोसा की सुरक्षा में कमी। एसिक्लोफेनेक गैस्ट्रिक अल्सर का कारण बन सकता है।
- किडनी फंक्शन में समस्या।
- प्लेटलेट एकत्रीकरण में अवरोध।
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निष्कर्ष
एसिक्लोफेनेक एक नॉनस्टेरॉइड एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से रूमेटाइड आर्थराइटिस, पुरानी ऑस्टियोआर्थराइटिस और एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण होने वाले दर्द के इलाज में किया जाता है।
हालांकि, दूसरे ड्रग की तरह, इसकी कई साइड इफेक्ट हैं जिन पर काबू पाया जाना चाहिए, जैसे गैस्ट्रोइंटेसटिनल गड़बड़ी और कभी-कभी चक्कर आना। इसलिए अगर आपको इस दवा के बारे में कोई जानकारी चाहिए तो आपको अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करनी चाहिए।
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