5 एक्सरसाइज जो एड़ लगने (हील स्पर) पर राहत दिलाएंगी
हील स्पर (Heel Spur) यानी एड़ लगने का कारण एड़ी की हड्डी में होने वाली अतिरिक्त वृद्धि (आउटग्रोथ) है जिससे एड़ी में तीखा दर्द होने लगता है।
इस अतिवृद्धि की वजह से चलते या कुछ और काम करते वक़्त हमें दर्द हो सकता है। यह तेज़ दर्द पैर के अंदरूनी भाग में उठता है और आमतौर पर सुबह सोकर उठने के समय ज़्यादा कष्टदायक होता है।
आराम करने से यह दर्द गायब हो जाता है लेकिन काम करने पर वापस लौट आता है। इसकी वजह से टखना पीछे की ओर भी मुड़ (डॉर्सीफ्लेक्शन) सकता है।
खुशकिस्मती से, ऐसे कई स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ हैं जो दर्द से आराम दिलवाने के साथ-साथ ट्रीटमेंट में भी मददगार साबित हो सकते हैं।
हील स्पर (Heel Spur) आखिर क्यों होता है?
फिजियोथेरेपी और पोडाइअट्री में हुई रिसर्च के अनुसार यह स्थिति हर चार में से एक व्यक्ति में पाई जाती है। इसके कुछ सामान्य कारण ये हैं:
- उम्र: हालांकि उम्र एक वजह हो सकती है, लेकिन यह इकलौती वजह नहीं होती।
- मोटापा: कई घंटे तक खड़े रहने वाले ज्यादा मोटे लोगों की इस समस्या की जद में आ जाने की अधिक संभावना होती है।
- अत्यधिक एक्सरसाइज: कभी-कभी अत्यधिक वर्कआउट से भी यह दर्द उत्पन्न हो सकता है।
- फ्लैट फीट: स्नायुजाल (अकेलिस टेंडन) में लचीलेपन की कमी हो तो पैर का आकार भी इस समस्या की वजह बन सकता है।
- अनुपयुक्त जूते-चप्पल: पतली सोल या हाई हील वाले जूते (खासकर पतली और ऊंची हील वाले जूते) एड़ लगने की वजह बन सकते हैं।
हील स्पर (Heel Spur) से राहत दिलाने वाली एक्सरसाइज
1. टावल एक्सरसाइज़
इस दर्द का इलाज करने के लिए इससे बेहतर एक्सरसाइज कोई और नहीं है।
- इस एक्सरसाइज के लिए आपको एक तौलिये को फर्श पर रखकर पैर के अंगूठे से उसे पकड़ने और अपनी ओर खींचने की कोशिश करनी है। अपने पैर की उँगलियों की मदद से उसे अपने करीब खींचिए।
- थोड़ा और रेजिस्टेंस पैदा करने के लिए आप तौलिये पर कोई थोड़ी-सी वज़नदार चीज़ रख सकते हैं ।
2. बेल्ट वाली एक्सरसाइज
केवल एड़ी का दर्द ही नहीं, बल्कि पैरों की अन्य समस्याओं का इलाज करने का भी यह एक अच्छा विकल्प है।
- फर्श पर बैठें, अपनी पीठ को सीधा करें और टांगों को सामने की तरफ फैला दें।
- अपने पैरों के नीचे एक बेल्ट रखें और उसके दोनों सिरों को अलग-अलग हाथों में पकड़ लें।
- फिर हाथों से बेल्ट को अपनी ओर खींचें जबकि पांवों से बेल्ट को उल्टी ओर धकेलने की कोशिश करें।
- ऐसा 20 सेकंड तक करें ।
- 25 बार दोहराने वाली इस एक्सरसाइज सेट को दिन में 2 से 3 बार तक करें।
3. गेंद और सोल वाली कसरत
इस एक्सरसाइज में आपको अपने पैर के तलवे से किसी छोटी-सी गेंद को यहां-वहां रोल करना होता है। इस एक्सरसाइज़ से हील स्पर और प्लान्टर फासीटिस, दोनों ही से आराम मिलता है ।
- गेंद को अपने पैर के नीचे रोल करें। ऐसा करने से आप अपने पैर के तलवे की मालिश कर उसे आराम पहुंचा सकते हैं।
- इस कसरत को ख़त्म करने के लिए गेंद को दबाते हुए अपने पैर की उँगलियों से अपनी एड़ी तक ले जाएँ।
4. वॉटर बॉटल रोल
यह कसरत करने के लिए आपको एक बोतल में पानी जमाना होगा।
- बोतल को फर्श पर रख कर उसे एक तौलिये से ढक दें। फिर उस पर पाँव रखें।
- पानी की बोतल को अपने पैर के तलवे से कम से कम 5 मिनट तक रोल करें।
- इस प्रक्रिया को दिन में कम से कम 3 बार दोहराएं ।
इस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ से आपको दर्द से आराम मिलेगा। इसके अलावा, ठंडी बोतल लोकल एनेस्थिसिया की तरह भी काम करती है।
5. काफ स्ट्रेच
- इस सरल-सी एक्सरसाइज के दौरान आपको बस किसी दीवार या टेबल पर अपने हाथ टिकाकर खड़ा होना होगा। एक टांग को मोड़ते हुए दूसरी टांग के बल झुकें।
- आगे की ओर ऐसे झुकें जैसे आप मेज़ को हिलाने जा रहे हों। इससे आपकी मुड़ी हुई टांग में पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होगा।
- इस मुद्रा को 10 से 15 सेकंड तक बनाए रखें।
एड़ी के दर्द को कम करने के लिए सुझाव
- जितना हो सके, खेल-कूद उतना कम करें और ज़्यादा से ज़्यादा आराम करें।
- पैर की सूजन और दर्द को कम करने के लिए उपयुक्त जूते-चप्पलों का इस्तेमाल करें। लचीले सोल वाले आरामदायक और गद्देदार जूतों से अच्छा विकल्प और कुछ भी नहीं होता। अगर जूता थोड़ा-सा उठा हुआ हो तो और भी अच्छा है क्योंकि इससे आपका पैर उसमें बिल्कुल फिट बैठेगा।
- चलते वक़्त झटकों को कम कने के लिए इन्सोल या गद्दों का प्रयोग करें।
- दिन में तीन बार 15-15 मिनट के लिए आइस पैक का इस्तेमाल करें; दर्द कम करने में इनका कोई जवाब नहीं होता।
- अगर आप ओवरवेट हैं तो डाइटिंग करना भी कोई बुरा ख्याल नहीं होगा।
ध्यान रखें कि ओवरवेट (मोटा) होना हील स्पर के प्रमुख कारणों में से एक है। इससे न सिर्फ आपके हील स्पर के लक्षणों में सुधार आएगा, बल्कि आपका पूरी सेहत सुधर जायेगी।
इस आर्टिकल को केवल सूचनात्मक उद्देश्यों से लिखा गया है। अगर किसी एक्सरसाइज को करने के बाद भी आपका दर्द कम न हो तो निजी उपचार के लिए अपने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेनी चाहिए।