यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन क्यों होते हैं
यह समझने के लिए कि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) क्यों होते हैं, पहले यह परिभाषित करना ज़रूरी है कि इस प्रकार का संक्रमण आखिर होता क्या है। उसी तरह यह समझना भी नितांत जरूरी है कि इसके पूर्वनिर्धारित फैक्टर क्या हैं। मूत्र पथ का संक्रमण ऐसा संक्रमण है जो यूरिनरी ट्रैक्ट या मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से में होता है। इसमें मुख्य रूप से मूत्रमार्ग, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और किडनी शामिल हैं।
यह एक बहुत ही आम संक्रमण है। इस मामले में यह अनुमान लगाया गया कि 50% महिलाएं कम से कम एक बार इससे पीड़ित होती हैं। यह यूरिनरी कंसल्टेंसी के ज्यादातर सलाहों का हिस्सा है, विशेष रूप से महिला डॉक्टरों के मामले में।
आपको यह समझना चाहिए कि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन क्यों होते हैं। पहले हमें यह साफ़ करना चाहिए कि इनकी वजह बैक्टीरिया है। ये सूक्ष्मजीव युरेथ्रा के रास्ते चढ़ते हुए यूरिनरी ट्रैक्ट में कहीं अपना घर बना लेते हैं जहाँ अपनी कॉलोनी बनाते हुए इसके लक्षण पैदा करते हैं।
स्थान के अनुसार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लक्षण
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन क्यों होता है, इस बारे में सही जानकारी देने से पहले, हम पहले उनके लक्षणों के बारे में बात करेंगे। हम जानते हैं, यूरिनरी सिस्टम में इसके स्थान के अनुसार लक्षण अलग-अलग होते हैं।
जब संक्रमण किडनी में हो तो इसे पायलोनेफ्राइटिस (pyelonephritis) कहा जाता है। यह डायग्नोस्टिक स्थिति सबसे खतरनाक होती है, क्योंकि यह तेज बुखार, उल्टी और पीठ दर्द के साथ उभरती है। दूसरी ओर सिस्टाइटिस (cystitis) मूत्राशय का संक्रमण है। यह सबसे सामान्य रूप है। इसके मुख्य लक्षण जलन और बार-बार पेशाब होना है। कुछ रोगियों को पेट के निचले हिस्से में दर्द भी हो सकता है।
अंत में, यूरेथ्राइटिस (urethritis) है, जो युरेथ्रा में होने वाला इन्फेक्शन है जब बैक्टीरिया यहाँ आपनी कॉलोनी बना लेता है। यह मुख्य रूप से युरेथ्रा से होने वाले डिस्चार्ज के साथ उभरता है और यौन संचारित रोग होने का भ्रम पैदा करता है। यह दूसरे तरीकों से इस डायग्नोसिस की पुष्टि करने को ज़रूरी बना देता है।
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यूटीआई क्यों होते हैं: रिस्क फैक्टर
इस स्थिति के रिस्क फैक्टर को सूचीबद्ध करना महत्वपूर्ण है। ये ऐसी स्थितियां या विशेषताएं हैं जो मौजूद होने पर संक्रमण को अधिक संभव बनाती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि इन फैक्टर का होना यूटीआई इन्फेक्शन के लिए अनिवार्य शर्त है। हालाँकि वे इनके न होने पर भी हो सकते हैं।
इन मामलों में जोखिम बढ़ जाता है:
- महिला होना। महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। यूरेथ्रा छोटा होने के कारण उस रास्ते बाहर से बैक्टीरिया का चढ़ आना आसान होता है।
- यौन क्रिया। एक्टिव सेक्सुअलिटी के स्टेज में महिलाएं सेक्स-प्रेरित सिस्टाइटिस (cystitis) से पीड़ित हो सकती हैं। यह एक आम डायग्नोस्टिक पिक्चर है जिसकी शुरुआत का एक ख़ास समय होता है।
- मेनोपॉज। महिलाओं में मेन्सट्रुएशन रुकने पर एस्ट्रोजन लेवल (estrogen levels) घट जाता है। चूंकि उनमें उस वक्त कम एस्ट्रोजन होता है, इसलिए म्यूकोसा सूख जाता है। इसमें यूरिनरी ट्रैक्ट का म्यूकोसा भी शामिल है। यह सूखापन बैक्टीरिया के आने में मददगार है।
- मूत्र संबंधी रुकावट। यदि किसी कारण से मूत्र प्रणाली में रुकावट हो तो बैक्टीरिया वहां प्रजनन कर सकते हैं। यहाँ हम किडनी स्टोन, पुरुषों में प्रोस्टेटिक हाइपरट्राफी (prostatic hypertrophy) और अधिक गंभीर कारणों से कैथेटर के इस्तेमाल का जिक्र भी कर सकते हैं।
स्थान अनुसार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के कारण
हमने ऊपर बताया है, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यूरिनरी सिस्टम के ऊपरी या निचले हिस्से पर असर कर सकता है। स्थान अनुसार कुछ कारण दूसरों के मुकाबले ज्यादा आम भी होंगे।
- पाइलोनेफ्राइटिस का मुख्य कारण यूरेथ्रा से बैक्टीरिया का ऊपर आना है। इसकी डायग्नोस्टिक पिक्चर आमतौर पर सिस्टाइटिस (bladder infection) के रूप में शुरू होती है जो पूरी तरह ठीक नहीं होती।
- ज्यादातर सिस्टाइटिस के मामले एश्चेरिकिया कोलाई (Escherichia coli) के कारण होते हैं। हालांकि दूसरे बैक्टीरिया भी सिस्टाइटिस का कारण बन सकते हैं, पर वे बड़े अलग मामले हैं जो आम नहीं होते। जब किसी व्यक्ति में सिस्टाइटिस के लक्षण दीखते हैं, तो डॉक्टर को तुरंत संदेह होता है कि अपराधी एश्चेरिकिया कोलाई है।
- दूसरी ओर यूरेथ्रा के संक्रमण के कारणों की एक रेंज है। एश्चेरिकिया कोलाई यूरेथ्रा का एकमात्र बैक्टीरिया नहीं है। महिलाओं में यूरेथ्रा और वेजाइना की निकटता क्लैमाइडिया और माइकोप्लाज़्मा को इस संक्रमण के दूसरे कारण भी बना देती है।
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उम्र के अनुसार यूटीआई अक्सर अलग तरह से होती है
अंत में आप यह भी विश्लेषण कर सकते हैं कि पीड़ित की उम्र के आधार पर यूटीआई क्यों होते हैं। अलग-अलग उम्र में कुछ कारण अधिक होने की संभावना होती है और कुछ दूसरों में कमी आती है:
- युवा महिलाओं में सिस्टाइटिस अक्सर सेक्स एक्टिविटी के साथ होती है।
- जिन महिलाओं में मासिक धर्म रुक गया है उनमें मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन लेवल कम होने के कारण यूटीआई होते हैं।
- 40 से ज्यादा उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेटिक हाइपरट्रॉफी का खतरा बढ़ जाता है। बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्र प्रवाह में रुकावट डालता है, और इससे इन्फेक्शन आसान हो जाता है।
- अंत में बुजुर्गों में एक रिस्क फैक्टर अस्पताल में भर्ती होना भी होता है। क्योंकि अस्पताल जाने पर उन्हें अक्सर यूरिनरी कैथेटर लगाया जाता है। इससे संक्रमण का खतरा होता है।