कान की ख़राबी : लक्षण और इलाज

दुनिया भर में 360 मिलियन लोग कान की खराबी का शिकार हैं। उम्र बढ़ने पर इससे पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है। ज्यादा जानने के लिए आगे पढ़ते रहें।
कान की ख़राबी : लक्षण और इलाज

आखिरी अपडेट: 02 अप्रैल, 2020

हीयरिंग लॉस या कान की ख़राबी तब होती है जब आपकी सुनने की क्षमता कमजोर हो जाए और यह सही तरह से नहीं सुन पाता। दरअसल सही ढंग से सुनने के लिए शरीर को कई स्टेज से गुजरना पड़ता है।

सबसे पहले आवाज आपके ईयर कैनल में घुसती है। यह ईयरड्रम से टकराती है और उसमें कंपन पैदा करती है। यह कंपन छोटी-छोटी हड्डियों की पूरी श्रृंखला से होकर गुजरती है जो कॉक्लीआ को उत्तेजित करती है

कॉक्लीआ के अंदर कुछ कोशिकाएं इन कंपनों को एनर्जी में बदल देती हैं। यह एनर्जी नर्व इम्पल्स के रूप में ऑडीटरी नर्व से होते हुए ब्रेन स्टेम में जाती है। वहां से यह सेरीब्रल कॉर्टेक्स में पहुंचती है। आखिरकार आपको मालूम होता है, आप आवाज को सुन पा रहे हैं।

कान की ख़राबी इस बात पर निर्भर करती है कि इस पूरी प्रक्रिया में कान का कौन सा हिस्सा नाकाम हो रहा है। इसलिए हम आपको कान खराब होने की कई समस्याओं के बारे में बताएँगे और यह भी कि उसका इलाज कैसे करें।

कान की ख़राबी के अलग-अलग रूप

श्रवण क्षमता में ख़राबी मुख्य रूप से दो तरह की होती है : प्रवाहकीय (conductive) और संवेदी (sensorineural)। अगर वाह्य कान और मध्य कान (झुमके और अस्थि-पंजर) पूरी तरह ठीक नहीं है तो यह कंडक्टिव है। हालांकि इसमें सेंसरिन्यूरल हियरिंग लॉस में कॉक्लीआ, अकॉस्टिक नर्व, ब्रेन स्टेम या सेरेब्रल कॉर्टेक्स भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।

कान की ख़राबी के लक्षण

आमतौर पर लोगों को इस स्थिति का पता लगाने में थोड़ा वक्त लगता है। क्योंकि आपका शरीर अलग-अलग तरीकों से इसकी क्षतिपूर्ति करने की कोशिश करता है। श्रवण क्षमता से जुड़े बदलावों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम है

मुख्य लक्षण यह है कि आप किस तरह की आवाज़ें सुन पा रहे हैं या नहीं सुन पा रहे हैं। आम तौर पर कंडक्शन हियरिंग लॉस में मरीज को कम इंटेंसिटी वाली आवाजें सुनने के मुश्किल पेश आती है। हालाँकि सेंसरिन्यूरल हियरिंग लॉस में आवाजों को अलग करना कठिन होता है, लेकिन आप उनकी इंटेंसिटी सुन सकते हैं।

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कान की ख़राबी लक्षण

आमतौर पर ऊँची आवाज़ों को सुनना कठिन होता है। इस कारण पुरुष आवाज़ों के मुकाबले महिला आवाज़ को सुनने में मुश्किल होती है। इसके अलावा इस समस्या वाले लोगों को माहौल में शोर होने पर सुनने में दिक्कत होती है। दूसरे मामलों में उन्हें लग सकता है कि कुछ आवाजें उससे ज्यादा ज़ोरदार हैं जितनी कि वे वास्तव में हैं।

कारणों के आधार पर कान की ख़राबी के दूसरे कई लक्षण हैं। सबसे आम लक्षणों में से एक कान में दर्द होना है। इसके अलावा अगर बैलेंस रिसेप्टर अंग क्षतिग्रस्त है, तो वर्टिगो का अनुभव भी हो सकता है।

कान की ख़राबी होने पर इलाज न कराने बातचीत में मुश्किल पेश आ सकती है। यह डिप्रेशन जैसे दूसरे भावनात्मक नतीजे भी पैदा कर सकता है।

इलाज

कान की ख़राबी का इलाज करने के लिए आपको यह जानना होगा कि इसके कारण क्या हैं। फिर टाइप के आधार पर डॉक्टर सबसे अच्छे इलाज की सिफारिश कर सकते हैं।

कंडक्शन हियरिंग लॉस का इलाज

अगर वैक्स जमने का मामला है तो डॉक्टर इसे हटा देंगे। अगर यह ऑस्सिकल चेन को नुकसान पहुंचाताये तो डॉक्टर इसकी मरम्मत कर सकते हैं या इसे बदल सकते हैं। हालाँकि अगर समस्या ऑटाइटिस (otitis) की है, तो वे एंटीबायोटिक्स लिखेंगे। इसके अलावा किसी इन्फेक्शन से तरल पदार्थ निकलने पर डॉक्टर उसे निकाल देंगे।

क्षतिग्रस्त ईयरड्रम के मामले में, जैसे कि संक्रमण से बने छेद या निशान की वजह से होता है, डॉक्टर उसकी मरम्मत कर सकते हैं या बदल सकते हैं।

इंप्लांटेबल बोन कंडक्शन हियरिंग ऐड्स का विकल्प भी है। वे हवा में आवाज़ से पैदा होने वाले वाइब्रेशन को पकड़ते हैं और उन्हें कान के भीतर भेज देते हैं। फिर वे मध्य कान की समस्या को ठीक कर सकते हैं।

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सेंसरिन्यूरल हियरिंग लॉस का इलाज

इन मामलों में कारणों का आमतौर पर इलाज नहीं किया जा सकता। इसलिए आपको एक इम्प्लांट हासिल करना पड़ सकता है। मेडिकल ऑप्शन भी हैं, साथ ही नॉन इम्प्लांटेबल प्रोस्थेटिक ट्रीटमेंट भी।

दूसरे शब्दों में आप एक हीयरिंग ऐड ले सकते हैं। वे रोगी की विशिष्ट ज़रूरतों के आधार पर आवाजों को संशोधित करते हैं। श्रवण यंत्र दो तरह के होते हैं:

कॉक्लीअर इम्प्लांट (Cochlear implants): ये कोर्टी अंग के काम की जगह ले लेते हैं।

ऑडीटरी ब्रेनस्टेम इम्प्लांट (Auditory brainstem implant) : वे ध्वनि के बिना ही इस क्षेत्र को स्टीमुलेट करते हैं जो अंदरूनी कान या ऑडीटरी नर्व तक जाते हैं।

ध्यान रखें कि सही ट्रेनिंग प्राप्त प्रोफेशनल ही आपको सबसे अच्छे इलाज का ऑप्शन दे सकता है।



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