क्या आप एक मिनट में सो जाना चाहते हैं?

भले ही आप मानें या न मानें, अगर आप एक मिनट से कम समय में सो पाते, तो यह बहुत ही फायदेमंद होता। यह दिल की धड़कन को स्थिरता प्रदान करता है, जिसका असर पूरे शरीर में दिखेगा।
क्या आप एक मिनट में सो जाना चाहते हैं?

आखिरी अपडेट: 18 मई, 2018

जब बिस्तर में जाने का समय आता है, तो तनाव आपका सोना असंभव कर सकता है

यह तब होता है जब मन में समस्याओं का सैलाब उमड़ पड़ता है और आप  इस बारे में कुछ  नहीं कर सकते। ऐसा लगता है जैसे आपका मन आपके विपरीत काम कर रहा है।

नकारात्मक विचार और अचानक चिंता का आना आपको नींद में जाने से रोक सकते हैं और अनिद्रा के कारण बन सकते है।

यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो आपको इस ख़ास तकनीक के बारे में जानने की ज़रूरत है। यह तकनीक आपको एक मिनट में सो जाना सिखाएगी।

4-7-8 की टेक्नीक से एक मिनट में सो जाना सीख सकते हैं

हार्वर्ड के प्रोफेसर एंड्रयू वेइल की डिजाइन की गई यह टेक्नीक दरअसल बहुत सरल है।

  • 4 सेकंड साँसाँसें लेकर अपने फेफड़ों को भरें।
  • 7 सेकंड के लिए सांसों को भीतर रोकें।
  • धीरे-धीरे 8 सेकंड में साँस को बाहर निकालें।

इसे कुछ बार दोहरायें और आप देखेंगे कि यह कितना असरदार है। अगले दिन आपको यह याद नहीं रहेगा कि आपने सामान्य रूप से साँस लेना कब शुरू किया था। हम गारंटी देते हैं कि इस तकनीक से आपके लिए एक मिनट में सो जाना संभव होगा।

यह तकनीक इतनी प्रभावशाली क्यों है?

4-7-8 की टेक्नीक से एक मिनट में सो जाना सीखें

 

इसका रहस्य उस सात सेकंड में है, जिसमें आप अपनी सांस रोकते  हैं। यह इतना महत्वपूर्ण  इसलिए है, क्योंकि सांसों को रोकने से हृदयगति धीमी होती है, जिससे चिंता कम हो जाती है। इसका मतलब यह है कि चिंता आप पर आक्रमण करना बंद कर देगी। तनावमुक्त स्थिति नकारात्मक विचारों के लिए दरवाजा बंद कर देंगी। यह उन्हें अंदर आने ही नहीं देगी।

अब आप बिलकुल अपने काबू में हैं। परिणाम आपकी नींद की गुणवत्ता में भी नजर आयेगा। हृदयगति धीमी होने से शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन होगा और यह आराम के लिए बहुत जरूरी है। जिनको चिंता होती है उनमें साँसें गहरी नहीं हो पातीं। इससे हृदयगति की दर ऊँची और अनियमित होती है। इसके परिणामस्वरूप उनके शरीर में ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं होगा।

इसका मतलब है, सुबह उठने के बाद आपको महसूस होने वाली थकान रात को बिस्तर पर जाते वक्त की थकान से ज्यादा होती ।

4-7-8 तकनीक से आप अनिद्रा से मुक्त होंगे। इसके अलावा आपकी सभी  मांसपेशियां और अंग पूरी तरह ऑक्सीजन से भरे होंगें। इससे आपकी नींद की क्वालिटी में सुधार की गारंटी भी है।

एक मिनट में नींद आने के फायदे

  1. आप और ज्यादा आकर्षक हो जायेंगी 
    एक मिनट में सो जाना आपको बनाएगा आकर्षक

नींद अच्छी होने से आपकी त्वचा को फायदा होगा। गहरी नींद में सोने से आपका हार्मोनल सिस्टम उचित तरीके से काम करना शुरू कर देगा। गहरी नींद में सोना आपकी कोशिकाओं को फिर नई ऊर्जा से भी भर कर और मजबूत बनाएगा।

आपके शरीर को सर्वोत्तम तरीके से काम करने के लिए उचित आराम की आवश्यकता है। यदि आप गहरी नींद में नहीं सो पाते हैं तो आपके शरीर को उतना आराम नहीं मिलेगा, जितनी उसे जरूरत है ।

2. आप कम खाना खाएंगे

रात की अच्छी नींद दिन में तनाव के स्तर को कम कर देती है । एक मिनट में सो जाना तनाव को आंशिक रूप से ही सही दूर करने में मदद करेगा।

इससे वजन पर काबू रहेगा। चिंता के कारण आदमी खाना खाने के बजाय उसका भक्षण करने लगता है। मनपसंद का खाना खाने से कुछ समय हम खुश रहते है। इससे अस्थायी रूप से हमें तनाव भी नहीं होता, लेकिन वजन बढ़ जाता है।

3. आप और ज्यादा सीख पायेंगे

सीखना मस्तिष्क के सबसे मूलभूत कार्यों में से है । हम निरंतर इसका इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए जब हम काम पर जा रहे होते हैं तो साथ साथ समाचार सुन रहें होते है। कोई किताब पढ़ने के दौरान हम किसी मित्र के व्यवहार में परिवर्तन देख लेते है।

यह सब करने के लिए हमारे ख़ास अंगों को 8 घंटे आराम की जरूरत होती है। आवश्यकता से कम सोना और अच्छी तरह नहीं सोना हमारे अंगों को जरूरत से ज्यादा मेहनत करने के लिए मजबूर करता है। इनकी ठीक-ठाक काम करने की क्षमता जल्दी कम होने लगती है। इससे एकाग्रचित्त होना और नए विषय को समझना मुश्किल होगा।

4. अंदरूनी ऊर्जा और आत्म-सम्मान में इजाफा

एक मिनट में सो जाना आपके आत्म-सम्मान को बेहतर बनाएगा। ज्यादा आकर्षक लगने के अलावा आपके पास पूरे दिन अधिक ऊर्जा होगी। यह आपसे मिलने वाले लोगों के लिए ज्यादा सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करेगा। यहाँ तक कि मुश्किल परिस्थितियों में भी।

आपका दिलो-दिमाग साफ़ होगा और आप सीखने के लिए ज्यादा समर्थ होंगे। समस्या को सुलझाने की आपकी क्षमता बढ़ेगी। यह मतभेद को सुलझाने में भी मदद करेगा। यह आपको गहरे आत्म-सम्मान की भावना से भरेगा।

अगर आप ठीक से नहीं सो पाते हैं तो हम 4-7-8 तकनीक को आजमाने की सिफारिश करते हैं। यह सिर्फ चिंताओं से मुक्त रहने में आपकी मदद नहीं करेगी, आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने में और ज्यादा सक्षम होंगे। यह तकनीक आपको उन समस्याओं का समाधान भी देगी, जो आपको रात को सोने नहीं देतीं।

क्या आप इसे आजमाने के लिए तैयार हैं ?



  • Van Dongen, H., Maislin, G., Mullington, J. M., & Dinges, D. F. (2003). The cumulative cost of additional wakefulness: dose-response effects on neurobehavioral functions and sleep physiology from chronic sleep restriction and total sleep deprivation. Sleep26(2), 117-126.
  • Espiritu, J. R. D. (2008). Aging-related sleep changes. Clinics in geriatric medicine24(1), 1-14.
  • Lemola, S., Räikkönen, K., Gomez, V., & Allemand, M. (2013). Optimism and self-esteem are related to sleep. Results from a large community-based sample. International journal of behavioral medicine20(4), 567-571.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।